आपातकालीन मरीजों के लिए गयी थी वैकल्पिक व्यवस्था
दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को हुई परेशानी
बेगूसराय : बीते दिन हाजीपुर सदर अस्पताल के सर्जन डॉ अरविंद के साथ स्थानीय डीएसपी के द्वारा की गयी मारपीट का मामला तूल पकड़ता दिखायी दे रहा है. बिहार स्वास्थ सेवा संघ के आह्वान पर मंगलवार को जिले के सदर अस्पताल,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित पूरे जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. हालांकि इस दौरान सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं चालू रहीं. हाजीपुर में पुलिस के द्वारा डॉक्टरों की पिटाई के विरोध में डॉक्टरों ने यह कदम उठाया .
डॉक्टरों ने की आवाज बुलंद : अपनी पांच सूत्री मांगों के समर्थन में सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने आवाज बुलंद करते हुए सरकार की आलोचना की. डॉक्टरों ने विधि -सम्मत कार्रवाई करने की मांग की. इसके साथ ही पूर्व में डॉक्टरों के ऊपर हुए सभी हमलों को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. बिहार स्वास्थ सेवा संघ के मुख्य प्रवक्ता डॉ रामरेखा ने बताया कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए बनाया गया कानून जल्द लागू नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जायेगा. उन्होंने अस्पतालों एवं डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक विशेष सशस्त्र बल गठित करने की मांग की.
कार्रवाई नहीं हुई तो आपातकालीन सेवा ठप करने की दी चेतावनी :बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ कांतिमोहन ने कहा कि यदि सरकार अस्पतालों की सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गयी तो आगे और भी कड़ा कदम उठाया जा सकता है. और इमरजेंसी सेवाएं ठप की जा सकती है.
मरीजों को हुई फजीहत :डॉक्टर सुबह से ही हड़ताल को लेकर अपने काम से अलग रहे. जिससे अन्य दिनों की तरह अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
कुछ देर तक इंतजार करने के बाद मरीज वापस लौट गये. हालांकि अस्पताल के अंदर भरती मरीज व आपातकालीन सेवा वाले मरीजों के लिए अस्पताल के द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी. जिससे वैसे मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.
डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज होते हैं हलकान :शहर के डॉक्टर किसी न किसी कारण को लेकर बंद का आह्वान करते रहते हैं. इस बंद का परिणाम दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है. दूर-दराज से आने वाले मरीजों का कहना है कि गरीबी के कारण ही सदर अस्पताल में दिखाने आते है.बावजूद डॉक्टरों की बंदी के कारण मायूस हो कर लौटना पड़ता है.
होती है परेशानी
पोती के पैर का इलाज कराने के लिए गांव से शहर आये है.लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण वापस घर जाना पड़ रहा है. इतनी दूर से दिखाने के लिए सदर अस्पताल आये है कि उचित इलाज हो सके.
देवकी देवी, मरीज शाम्हो दियारा
पैर के इलाज के लिए सदर अस्पताल आये थे.लेकिन अस्पताल में बंदी के कारण वापस लौटना पड़ रहा है. अस्पताल में पूर्ण रूपेण दवाई उपलब्ध नहीं रहता है.
वीणा देवी,मरीज खम्हार,बेगूसराय सदर प्रखंड
डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर अस्पतालों में आपातकालीन व्यवस्था करायी गयी थी. जिससे गंभीर रूप से आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.
डॉ हरिनारायण सिंह,सिविल सर्जन