मन से होकर गुजरता है मोक्ष का रास्ता : जीयर स्वामी

उदवंतनगर : प्रखंड क्षेत्र के दक्षिण एकौना गांव में आयोजित ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को संत शिरोमणी लक्ष्मी प्रपन्नाचार्य जियर स्वामी जी महाराज ने उपस्थित जनमानस को भागवद् कथा का रसास्वादन कराते हुए बंधन व मोक्ष को परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि मन ही मोक्ष व बंधन के मार्ग को प्रशस्त करता है. इस संदर्भ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2017 4:14 AM

उदवंतनगर : प्रखंड क्षेत्र के दक्षिण एकौना गांव में आयोजित ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को संत शिरोमणी लक्ष्मी प्रपन्नाचार्य जियर स्वामी जी महाराज ने उपस्थित जनमानस को भागवद् कथा का रसास्वादन कराते हुए बंधन व मोक्ष को परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि मन ही मोक्ष व बंधन के मार्ग को प्रशस्त करता है. इस संदर्भ में काशी नगरी के एक ब्राह्मण पुजारी व गणिका की कथा सुनाई. तबले की थाप व गणिका की सुरीली आवाज मंदिर में पूजा कर रहे पुजारी के मन को चंचल कर देता है.

वहीं, गणिका मंदिर की घंटे को सुन अपने आप को कोसती तथा भाग्य पर पश्चाताप करती है. दुष्कर्म के आवरण में घीरे होने के बावजूद उसका मन भगवत कृपा के लिए तरसता था, उसे तो मोक्ष हो गयी, परंतु पुजारी माया के बंधन को न तोड़ पाये. भगवान कपिलदेव के जन्म व गृहस्थ जीवन की चर्चा की. कहा, मनुष्य को कर्म करने की जरूरत है. गृहस्थ आश्रम में रहकर भी मनुष्य भगवान के सान्निध्य को पा सकता है. उन्होंने आरा के चंदवा में चतुर्मासा यज्ञ में सम्मिलित होने का आह्वान लोगों से किया.

साथ ही कहा कि चंदवा का यज्ञ ऐतिहासिक होगा. श्रद्धालु एक साथ एक हजार यज्ञशाला की परिक्रमा कर सकेंगे. चंदवा में देश के महान संतों का जमावड़ा होगा.

Next Article

Exit mobile version