2020 तक शुरू होगा बरौनी खाद कारखाना

पहल. बरौनी खाद कारखाने का निरीक्षण करने पहुंची टीम, वर्षों बाद लोगों में जगी आस बेगूसराय/बीहट : गैस आधारित उर्वरक कारखाना बरौनी ने पुनर्निर्माण की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है. मंगलवार को हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड कारखाने के निर्माण व कॉलोनी परिसर को दुरुस्त करने को लेकर होने वाले टेंडर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 12:41 AM

पहल. बरौनी खाद कारखाने का निरीक्षण करने पहुंची टीम, वर्षों बाद लोगों में जगी आस

बेगूसराय/बीहट : गैस आधारित उर्वरक कारखाना बरौनी ने पुनर्निर्माण की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है. मंगलवार को हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड कारखाने के निर्माण व कॉलोनी परिसर को दुरुस्त करने को लेकर होने वाले टेंडर के पूर्व जापान की टोयो, जर्मनी की थाईसेन कुक और अमेरिका की टीम टेकनीप ने बंद पड़े खाद कारखाने का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान जांच टीम के सदस्यों ने यूरिया, अमोनिया, नेप्था प्लांट सहित रेलवे यार्ड को देखा और भावी योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए आपस के लोगों से विचार-विमर्श किया. मिली जानकारी के अनुसार ये तीनों विदेशी कंपनियां सितंबर में होने वाले टेंडर के मद्देनजर 21अप्रैल तक रेट कोड करने को लेकर कारखाने का गहन निरीक्षण किया है.
कारखाने का बदल गया है नाम :हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड बरौनी यूनिट अब एचयूआरएल यानी हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड के रूप में जाना जायेगा. एचयूआरएल के प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश चंद्रकरण ने बताया कि कारखाना पूरी तरह से नया और नयी तकनीक और टेक्नोलॉजी से बिल्कुल प्रदूषण मुक्त होगा. जबकि पुराना कारखाना का डिस्मेंटलिंग होगा. कारखाने के नवनिर्माण को लेकर मिट्टी, पानी, प्रदूषण तथा टोपोग्राफी सहित अन्य बेसिक जांच पूरी कर ली गयी है.
कई कंपनियां बनी हैं सहायक :केंद्र सरकार ने करीब 15 वर्षों से बंद पड़े खाद कारखाने को चालू करने और पुनर्निर्माण के लिये एनटीपीसी, आइओसीएल और कोल इंडिया को अधिकृत किया है. इसके अलावा एचएफसीएल, एफसीआइ को ज्वाइंट वेंचर पार्टनरशीप बनाया गया है. एनटीपीसी, आइओसीएल और कोल इंडिया को इस कार्ययोजना में 30-30 प्रतिशत और एचएफसीएल और एफसीआइ को 10 प्रतिशत का शेयरदार बनाया गया है.
वर्ष-2020 तक शुरू हो जायेगा उत्पादन :निरीक्षण करने आयी टीम के सदस्यों ने बताया कि लगभग 6 हजार 5 सौ करोड़ की लागत से बनने वाला यह खाद कारखाना गैस पर आधारित होगा. इसकी क्षमता प्रतिदिन 2200 मीट्रिक टन अमोनिया व 3850 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करने की होगी. जांच टीम ने आशा जताते हुए कहा वर्ष 2020 में नये प्लांट का कमीशिनंग कार्य पूरा कर कारखाने से उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा.
जांच टीम में कई कंपनियों के अधिकारी थे शामिल :हिंदुस्तान उर्वरक व रसायन लिमिटेड के प्रस्तावित नये कारखाने के नवनिर्माण को लेकर जांच टीम में आइओसीएल के महाप्रबंधक डी कपूर, डी एस साहु, कोल इंडिया के संजय चावला, एआरदास, एनटीपीसी के एम सी करण, एनएफएल की ऋतु गोस्वामी, कंसलटेंट पीडीआइएल के आशुतोष प्रसाद, एल एंड टी के प्रलय मंडल, सत्यनारायण, जय प्रकाश दीक्षित, बरौनी खाद कारखाने के जीएम केयूपी सिंह, सुरक्षा प्रभारी कौशलेंद्र प्रसाद सिंह सहित बाहर से आयी विभिन्न कंपनियों के अधिकारी मौजूद थे.
कारखाना खुलने से लोगों में खुशी की लहर :भारत सरकार की घोषणा के उपरांत कार्ययोजना को मूर्त रूप होता देख कर क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर छा गयी है. कारखाने के नवनिर्माण की खबर से किसानों के मुरझाये चेहरे खिल उठे हैं. केंद्र सरकार के साथ-साथ स्थानीय सांसद डॉ भोला सिंह के प्रयास की सराहना कर रहे हैं. वहीं समाजसेवी श्याम नंदन सिंह पन्नालाल, हीरालाल सिंह, भाजपा नेता राम लखन सिंह, मुख्य पार्षद अशोक सिंह, पूर्व मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, पूर्व मुख्य पार्षद राजेश कुमार टूना, कांग्रेस नेता नंद किशोर सिंह, नारायण सिंह, जदयू नेता राम नारायण सिंह, अरुण गांधी, भाकपा नेता रामरतन सिंह, प्रह्लाद सिंह सहित अन्य लोगों ने कहा कारखाना खुलने से क्षेत्र तेजी से विकास के रास्ते पर अग्रसर होगा.

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