खोदावंदपुर. विगत तीन वर्षों से पेयजल के लिए परेशान मतदाता आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वोट देना नहीं चाहते हैं, बल्कि इवीएम मशीन में नोटा का बटन दबाकर अपने मताधिकार का उपयोग करने का मूड बना रहे हैं. यह मामला बाड़ा पंचायत के वार्ड नंबर 6 में रहने वाले कई परिवारों का है. पेयजल योजना के लाभ से वंचित दर्जनों मतदाताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में पेयजल संकट को चुनावी मुद्दा बनाए हुए हैं. बाड़ा पंचायत के वार्ड नंबर 6 में रहने वाले मतदाता बालेश्वर झा, अशोक झा, सुधीर झा, अश्विनी कुमार झा, कृष्ण कुमार झा, विजय कुमार झा, रौशन कुमार, राजन कुमार झा, अमित कुमार झा, अरुण कुमार झा, संतोष कुमार झा, रिंकू झा आदि ने बताया कि सरकार हर परिवार को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया करवा रही है. भारत सरकार भारत नीर निर्मल परियोजना के तहत एवं बिहार सरकार मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत लोगों को यह सुविधा दे रही है. उनके पंचायत में पिछले तीन वर्षों से भारत सरकार की नीर निर्मल परियोजना से प्रत्येक वार्ड में घर-घर पानी सप्लाई किया जा रहा है, परन्तु विभाग के ठीकेदार की मनमानी कार्यशैली से अभी तक उनलोगों के घरों तक पेयजल आपूर्ति का पाइप कनेक्शन नहीं किया गया है. जब ठीकेदार से पाइप कनेक्शन करने के लिए कहा गया तो ठेकेदार बोला कि बाद में करेंगे, परन्तु तीन साल बीत जाने के बाद भी पानी टॉवर से न तो पाइप कनेक्शन किया गया और न ही पेयजलापूर्ति की कोई व्यवस्था ही की गयी. जिसके कारण वे लोग भीषण गर्मी में पेयजल योजना के लाभ से वंचित हैं. इन मतदाताओं ने बताया कि भीषण गर्मी में वेलोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं. किसी भी जनप्रतिनिधियों ने अबतक इस गंभीर समस्या के निदान का कोई हल नहीं निकाला है. जिसके कारण वेलोग अब चुनावी माहौल से ही दूर रहना चाहते हैं. जनप्रतिनिधियों की उपेक्षानीति के कारण मतदान कार्य में भाग लेने की उनलोगों की अभिरुचि नहीं रह गयी है. इन मतदाताओं ने बताया कि जहां तक मताधिकार के उपयोग की बात है तो पेयजल नहीं तो वोट नहीं की नीति अपनाएंगे, आगामी लोकसभा चुनाव में इवीएम में नोटा का बटन दबाएंगे.
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