फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले ने दो वक्त की रोटी जुटाने का अपनाया नया तरीका

लॉकडाउन के कारण काम ठप होने के बाद बखरी के रिक्शा चालकों, चाय और फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले लोगों ने दो वक्त की रोटी जुटाने का नया तरीका अपना लिया है. अब वे अपने वाहन पर सब्जी और फल लादकर शहर की गली-गली में बेच रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने फलों […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2020 12:57 AM

लॉकडाउन के कारण काम ठप होने के बाद बखरी के रिक्शा चालकों, चाय और फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले लोगों ने दो वक्त की रोटी जुटाने का नया तरीका अपना लिया है. अब वे अपने वाहन पर सब्जी और फल लादकर शहर की गली-गली में बेच रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने फलों और सब्जियों को आवश्यक वस्तुओं की फेहरिस्त में शामिल किया है. लिहाजा इन्हें बेचने पर कोई पाबंदी नहीं है.

बखरी के अाम्बेडकर चौक समीप ठेले पर फास्ट फूड का स्टॉल लगाने वाला कन्हैया भी अब बदले हालात में अपने ठेले पर खीरा बेचता है. कन्हैया ने बताया कि मैं अाम्बेडकर चौक समीप ठेले पर फास्ट फूड के तहत छोले भटूरे, दालपुरी, ब्रेड पकोड़े आदि का स्टॉल लगाता था. कोरोना की वजह से लॉकडाउन के बाद दो वक्त की रोटी का जुगाड़ बहुत मुश्किल हो गया था. जिसके कारण पूरा परिवार जीने के लिए आसपास के लोगों और प्रशासन की मदद पर निर्भर हो गया. लेकिन अब मैंने अपने ठेले पर खीरा बेचना शुरू कर दिया है.

कन्हैया जैसे अनेक अन्य मेहनतकश लोग भी अपने ठेलों पर सब्जी तथा फल रखकर विभिन्न गली मुहल्ले में लोगों के दरवाजे पर जाकर बेच रहे हैं. चाय बेचने वाले गोलू गुप्ता की भी कहानी कुछ ऐसी ही है. लॉकडाउन होने के बाद उनके पास घर में बैठने का विकल्प मौजूद था. क्योंकि उनके पास खाने की पर्याप्त सामग्री थी. लेकिन उन्होंने आत्मनिर्भरता को तरजीह दी. उन्होंने कहा कि बगल में सब्जी मंडी होने के कारण फायदा उठाया. दुकान के आगे ही सब्जी खरीद कर बेचना शुरू दिया.

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