नदी में डूबे एक और बच्चे का शव बरामद, चारों बच्चे आपस में थे चचेरे भाई

थाना क्षेत्र के भवानंदपुर पंचायत के शुक्रवार को पबड़ा ढाव घाट पर डूबे चार बच्चों में एक बच्चे का शव एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार की सुबह लगभग तीन घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद बूढी गंडक नदी से खोज निकाला.

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 9:48 PM

वीरपुर. थाना क्षेत्र के भवानंदपुर पंचायत के शुक्रवार को पबड़ा ढाव घाट पर डूबे चार बच्चों में एक बच्चे का शव एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार की सुबह लगभग तीन घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद बूढी गंडक नदी से खोज निकाला. शव की पहचान भवानंदपुर पंचायत के नवटोलिया वार्ड संख्या तीन निवासी फेकन साह के 13 वर्षीय पुत्र दिलखुश कुमार के रूप में किया गया है. वीरपुर थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये बेगूसराय सदर अस्पताल भेज दिया है. ज्ञात हो कि शुक्रवार को इसी महल्ले के चार बच्चों की मौत उक्त घाट पर नहाने के क्रम में डूबने से हो गई थी. डूबने वाले चारो बच्चे आपस में चचेरे भाई थे. वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर पंचायत के नवटोलिया वार्ड संख्या तीन निवासी फेकन साह का पुत्र दिलखुश कुमार,अर्जुन साह का पुत्र दिपांशु कुमार उर्फ दीपो, जगदीश साह का पुत्र राकेश कुमार एवं बब्लू साह के पुत्र अमन कुमार जो आपस में चचेरे भाई थे. चारो भाई की अर्थी जब गांव से एक साथ निकली तो ग्रामीणों के चेहरे पर आंखो में आंसू एवं गम स्पष्ट बयां कर रही थी की मानो कुदरत ने इस गांव में कहर बरपाया हो चार मासूम भाइयो की अर्थी एक साथ देखकर हर कोई हैरान था कि आखिर इस परिवार के सथ ईश्वर ने इतनी नाइन्साफ़ी क्यों की है. पीड़ित परिवार पर तो पहाड़ टूट पड़ा है. मृतक दिलखुश कुमार एवं अमन कुमार उच्च माध्यमिक विद्यालय पानापुर में छह एवं दिपांशु कुमार एवं राकेश कुमार वर्ग पांच का छात्र था. वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर पंचायत के बासियों के लिये शुक्रवार का दिन मनहूस दिन साबित हुआ किसी को पता था आज इस गांव से चार खेलने, पढने बाला किशोर अपने मां पिता से बिछड़ कर आज इस दुनिया को अलविदा कह देगा.इस घटना में तो एक परिवार के एकलौता चिराग को भी नहीं बख्शा. अर्जुन साह के पुत्र दीपांशु कुमार उर्फ दीपू अपने परिवार का एकलौता चिराग था, जो सदा के लिए चल बसा. पीड़ित परिवार के रोदन एवं क्रदन से पूरा इलाका गमगीन हो गया है. उमड़ी भीड़ घटना को देखकर स्तब्ध थी.लोग भगवान को कोस रहे थे कि आखिर इन बच्चों ने ईश्वर को क्या बिगाड़ा था.

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