बीहट. केंद्रीय ट्रेड यूनियन के द्वारा 23 सितंबर को नये श्रम संहिताओं एवं इण्डियन लेबर कॉन्फ़्रेंस नहीं कराने के खिलाफ काला दिवस के रूप में विरोध प्रदर्शन का आयोजन बीहट के चांदनी चौक पर किया गया. एटक के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधान परिषद उषा सहनी ने कहा केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा उन चार श्रम संहिताओं के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया, जिनका उद्देश्य मोदी शासन द्वारा श्रमिकों के श्रम अधिकारों को छीनना है, जिसे ब्रिटिश काल से 150 से अधिक वर्षों तक लड़ी गई भयंकर लड़ाई के बाद जीता गया था.यह प्रदर्शन लगभग सभी राज्यों की राजधानी और अधिकांश जिला मुख्यालयों में किये जा रहे हैं.एटक के राज्य उपाध्यक्ष ललन लालित्य ने कहा श्रम सुधारों के बारे में चर्चा के लिए भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित करने और नये श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये कोड सरकार द्वारा “व्यवसाय करने में आसानी ” के घोषित उद्देश्य के साथ तैयार किए गए हैं.कॉरपोरेट समर्थक श्रम कोड ट्रेड यूनियन आंदोलन को कुचलने के लिए हैं और यह अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों के साथ-साथ मानवाधिकारों के भी खिलाफ हैं.एटक के ज़िला महासचिव प्रह्लाद सिंह ने कहा कि हाल के लोकसभा चुनावों में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की हार, जिसमें उसने बहुमत खो दिया है और सहयोगियों पर निर्भर सरकार दीवार पर लिखी इबारत को देखने में विफल रही है. ट्रेड यूनिय चुप नहीं बैठेगी और सामूहिक सौदेबाजी और सभ्य कामकाजी परिस्थितियों के अपने वैध लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करेगी.इस अवसर पर अंगनवाड़ी यूनियन की बरौनी प्रखण्ड अध्यक्ष सह जिला कोषाध्यक्ष तलत प्रवीण,बरौनी प्रखण्ड सचिव नूतन कुमारी,उपाध्याय पूनम कुमारी ,प्रखण्ड कोषाध्यक्ष अर्चना कुमारी,सेविका आशा कुमारी, मंजू कुमारी सहित फुटकर दुकानदार के अध्यक्ष रामप्रीत साह, महासचिव राजीव साह, नेपो पोद्दार, विजय दास, कारी साह, श्रवण सिंह, इत्यादि उपस्थित थे.
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