लोक सहभागिता का अनूठा व अनुकरणीय महापर्व है छठ : राकेश सिन्हा
सूर्यदेव प्रकृति और हम सभी के आराध्य देव हैं. यहां की अनोखी परंपरा है कि छठ व्रती उगते और डूबते दोनों सूर्य को अर्ध्य देकर पूजा-अर्चना करते हैं.
डंडारी.
सूर्यदेव प्रकृति और हम सभी के आराध्य देव हैं. यहां की अनोखी परंपरा है कि छठ व्रती उगते और डूबते दोनों सूर्य को अर्ध्य देकर पूजा-अर्चना करते हैं. छठ महापर्व अपने आप में भी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस पर्व को ही आस्था और महापर्व का दर्जा प्राप्त है. जो लोक सहभागिता का अनूठा व अनुकरणीय महापर्व है. ये बातें बुधवार को डंडारी में भाजपा नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने कही. यह भी कहा कि यह पर्व प्रकृति पूजा का ऐसा महापर्व है जिसमें साफ-सफाई के साथ-साथ एक दूसरे के प्रति सहयोग और सम्मान का सुखद क्षण देखने को मिलता. इसलिए हम सभी का दायित्व बनता है कि हम सभी उनके प्रति आभार प्रकट करें. इस अवसर पर आरएसएस के बैनर तले 151 छठ व्रतियों के बीच साड़ी का वितरण भी किया गया. पूर्णिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक व डंडारी गांव निवासी रौशन राणा, सुधाकर कुमार, मनीष कुमार, संतोष सिंह, रामदयाल शर्मा, विभिषण सिंह, रौशन झा, सविन सिंह, पवन कुमार, पप्पू पांडेय आदि ने मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा, पूर्वी चंपारण के पूर्व एमएलसी बब्लू गुप्ता, जिला संघ संचालक मनोरंजन वर्मा, राजू कुमार, पूर्व एबीवीपी विश्वविद्यालय प्रमुख पप्पु पांडेय, बिहार-झारखंड बजरंग दल के संयोजक जन्मेजय कुमार, प्रांत सेवा प्रमुख कृष्ण कुमार, दुष्यंत कुमार, प्रांत बौद्धिक प्रमुख संतोष कुमार आदि अतिथियों को चादर और फूल-माला भेंटकर स्वागत किया. मौके पर उपमुखिया विभिषण सिंह, सुनिल कुमार, विवेक गौतम, अशोक सिंह, जितेन्द्र कुमार, अमित रस्तोगी, कन्हैया, रामकल्याण सिंह बजरंग दल के क्षेत्रीय संयोजक विजय चौधरी आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है