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प्रसूता की मौत पर परिजनों ने निजी क्लिनिक में किया हंगामा

खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल हाइस्कूल चौक स्थित निजी हॉस्पिटल मेघौल में इलाजरत एक प्रसूता की मौत मंगलवार को हो गयी.

खोदावंदपुर.

खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल हाइस्कूल चौक स्थित निजी हॉस्पिटल मेघौल में इलाजरत एक प्रसूता की मौत मंगलवार को हो गयी. मौत की खबर सुनते ही प्रसूता के मायके व ससुराल वालों की भीड़ जुट गयी और निजी हॉस्पिटल के चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही बरतने के कारण नवविवाहिता की मौत होने का आरोप लगाया. तथा अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मृतका की पहचान चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के खांजहांपुर पंचायत के अर्जुन टोल स्थित वार्ड चार निवासी छोटू कुमार की 22 वर्षीया पत्नी अमृता कुमारी के रूप में की गयी. घटना के संदर्भ में मृतका के परिजनों ने बताया कि डिलिवरी के लिए दो नवंबर की रात में निजी हॉस्पिटल मेघौल में भर्ती कराया और उसी रात में बड़ा ऑपरेशन कर डिलिवरी भी हो गया. जहां प्रसुता ने एक बच्ची को जन्म दी और वह बच्ची भी स्वस्थ है, लेकिन 5 नवम्बर की दोपहर में प्रसुता ने अस्पताल में इलाज के दौरान ही अचानक अपना दम तोड़ दी. प्रसूता का मायके सकरबासा और ससुराल अर्जुन टोल है. मायके व ससुरालवालों ने अस्पताल संचालक सुबोध कुमार एवं डयूटी पर तैनात चिकित्सक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की मांग पर अड़े थे.वहीं घटना की सूचना मिलते ही खोदावंदपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, अपर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने में लगे हुए थे, लेकिन घटना से गुस्साये लोगों ने हॉस्पिटल संचालक व चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग पर अड़े हुए थे. पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया. तब जाकर गुस्साये परिजनों का आक्रोश शांत हुआ और स्थानीय पुलिस ने आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव को अपने कब्जे में ले लिया तथा उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया. मृतका के परिजनों ने बताया कि लगभग दो साल पूर्व ही शादी हुई थी और उसने पहली बच्ची को ही जन्म दी है. मिली जानकारी के अनुसार निजी क्लिनिक में कार्यरत चिकित्सक ने प्रसुता के परिजनों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जगह ले जाने की बात पहले ही कह दिया था, परंतु मृतक प्रसूता के परिजन अपने को गरीब और लाचार बताकर कहीं दूसरे जगह इलाज में ले जाने की बात पर असमर्थता जतायी थी, जिसके कारण निजी हॉस्पिटल में ही उसका इलाज चल रहा था.

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