बीहट
. सिमरिया गंगा घाट में सोमवार को भारी भीड़ उमड़ पड़ी. शुभ मुहुर्त को लेकर सबसे अधिक मुंडन कराने वालों की भीड़ देखी गयी. अहले सुबह से ही बेगूसराय के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, लखीसराय, शेखपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्णियां समेत अन्य जिलों से बड़ी संख्या में लोगों का आना शुरू हो गया था. यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. आने वाले लोगों की भीड़ एवं वाहनों की अधिकाधिक संख्या होने के चलते सिसरिया गंगा घाट में जगह के लिए भी मारामारी हो रही थी. सिमरिया गंगा घाट का पूरा इलाका मधुर पारंपरिक गीतों से गूंज उठा. महिलाओं के द्वारा गाये जा रहे मांगलिक गीत बौआ की मौसी हजमा तोरे देवो रे,हजमा रे धीरे-धीरे काटिहैं बौआ के केस कि बौआ बर दुलार छै,बौआ के घूंघरल-घूंघरल केस समेत अन्य गीतों से पूरा सिमरिया घाट गूंज रहा था. बैंड-बाजा, आर्केष्ट्रा, कड़क धूम, डीजे एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की पूरे दिन धूम मची रही. जहां परंपरागत तरीके से बच्चों के सुखमय जीवन के लिए गंगा पूजन किया वहीं, स्वजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किया. इस दौरान मिथिलांचल क्षेत्र के अलावे जिले के अन्य भागों से भी वाहन लेकर श्रद्धालु अपने अपने परिजनों के साथ पहुंचे हुए थे. शुभ मुहूर्त को लेकर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सुबह से ही लगा हुआ था. मुंडन संस्कार की रस्मों रिवाज को लेकर पूरे दिन घाट से लेकर सड़कों पर चहल-पहल बनी रही. इनके द्वारा बच्चों के सुखमय जीवन व दीर्घायु की कामना की जा थी.दरअसल, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण सोलह संस्कारों में यह आठवां संस्कार माना गया है और ऋषि महर्षियों की तपोस्थली तथा गंगा की धारा उत्तरायणी होने से इस स्थल का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस कारण पौराणिक स्थल सिमरिया घाट पर आज हजारों की संख्या में आस्थावानों की भीड़ मुंडन को लेकर उमड़ी हुई थी.वहीं सिमरिया गंगा घाट में उमड़ी भीड़ को लेकर पूरे दिन होटल वालों की चांदी रही. घंटों इंतजार करने के बाद लोगों को होटल में खाने का सामान नहीं मिल रहा था. ज्ञात हो कि लग्न का शुभ मुहूर्त होने के चलते बड़ी संख्या में लोग शादी, सगुन एवं अन्य कार्यों को लेकर एक-जगह से दूसरी जगह जा रहे थे. स्थानीय पंडा श्याम शंकर झा, रामजी झा, राम रतन झा, धीरज झा सहित अन्य लोगों ने बताया कि मुंडन के अवसर पर उमड़ी लोगों की भीड़ ने पिछले सभी रिकार्ड को तोड़ दिया. दिन भर सिमरिया गंगा घाट पर अफरा-तफरी मचा रहा. वहीं सिमरिया घाट पर सर्वत्र गंदगी, कूड़ा-कचरा और मल-मूत्र से उठते दुर्गंध के बावजूद लोग मजबूरीवश धार्मिक अनुष्ठान के कार्य में लगे रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है