विद्यालय में वर्ग कक्ष की छत का मलबा गिरने से बच्चों व शिक्षकों में मची अफरातफरी
प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गेहुंनी गांव में विद्यालय संचालन के दौरान वर्ग कक्ष के छत से मलवा गिरने के कारण पठन-पाठन कर रहे बच्चों सहित शिक्षकों में अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया.
भगवानपुर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गेहुंनी गांव में विद्यालय संचालन के दौरान वर्ग कक्ष के छत से मलवा गिरने के कारण पठन-पाठन कर रहे बच्चों सहित शिक्षकों में अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से हो रहे बारिश के दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय गेहुंनी के जर्जर वर्ग कक्ष के छत से पानी टपकना शुरू हो गया है. जिससे पूरे वर्ग कक्ष के छत से मालवा टूट टूट कर गिरने लगा. जिसको लेकर बच्चों सहित शिक्षकों को पठन-पाठन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ग कक्ष का छत जर्जर रहने के कारण छत से रिसाव होने के साथ साथ मालवा गिरने से बच्चों को बरामदे के फर्श पर बैठ कर पठन पाठन करना पड़ रहा है. जिससे बच्चे सहित शिक्षक भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बताते चले कि इस विद्यालय में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक मे कुल 508 बच्चे नामांकित हैं. जिसमें कुल नौ कमरे में एक कमरा में विद्यालय का कार्यालय चल रहा है. वहीं छः कमरे का छत जर्जर स्थिति में है. जिससे बारिश के समय में पानी टपकते टपकते रहता है, साथ ही बीच बीच में छत से मलबा भी गिर रहा है. इस बीच छात्रों को पठन पाठन करना किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित करने जैसा है. वहीं इस विद्यालय में पहुँच पथ भी नहीं है. बारिश के समय में कीचड़युक्त पगडंडी से होकर बच्चे विद्यालय आते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय में पहुँच पथ नहीं होने के कारण बारिश के समय में बच्चों को विद्यालय जाने आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कीचड़ में गिरते पड़ते हुए बच्चे विद्यालय जाने को विवश हैं. इस समस्या को लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंशु माला ने बताया कि विद्यालय के वर्ग कक्ष जर्जर की सूचना अपने वरीय पदाधिकारी को दे दी गई है. जर्जर वर्ग कक्ष रहने के कारण पठन-पाठन को लेकर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय में कब कोई अप्रिय घटना घट जाए जिसको लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं. मजबूरन विद्यालय के बरामदा पर बच्चों का पठन पाठन करवाया जा रहा है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से मांग किया है कि जर्जर भवन को अभिलंव मरम्मती कार्य करवाया जाए.
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