शोकहारा कालीस्थान में नाले का गंदा व बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसा
माॅनसून की शुरुआत हुई नहीं की बरौनी नगर परिषद की नारकीय स्थिति जगजाहिर होने लगी और नगर परिषद बरौनी प्रशासन, चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन के तमाम विकास के वादे गंदे नाला के पानी और बारिश के पानी में तैरता नजर आ रहा है. जो तस्वीरों में साफतौर पर देखी जा सकती है.
बरौनी. माॅनसून की शुरुआत हुई नहीं की बरौनी नगर परिषद की नारकीय स्थिति जगजाहिर होने लगी और नगर परिषद बरौनी प्रशासन, चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन के तमाम विकास के वादे गंदे नाला के पानी और बारिश के पानी में तैरता नजर आ रहा है. जो तस्वीरों में साफतौर पर देखी जा सकती है. इस तस्वीर बरौनी नगर परिषद क्षेत्र वार्ड 15 की है जहां जलजमाव से निजात को लेकर स्थानीय पार्षद और ग्रामीणों के के दबाब में लगभग तीन बार नरकीय स्थिति में जीने को विवश मोहल्ले वासियों की समस्या से रूबरू हुए चैयरमैन लेकिन मोहल्ले वालों को आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिला. आक्रोशित ग्रामीण रंजीत रजक, रणधीर कुमार, बलराम मिश्र, रामा कुमार, रूपेश कुमार, शंकर राम, आयुश कुमार आदि सैकड़ों लोगों का कहना है बारिश आने से महीनों पूर्व से कहा जा रहा है जलजमाव की समस्या से निजात के बारे में कई बार पार्षद, चैयरमैन को कहा. बरौनी नगर परिषद कार्यालय में चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन का घेराव तक किया. लिखित आश्वासन के बावजूद काम ढ़ाक के तीन पात हैं. लोगों ने बताया कि चैयरमैन कठपुतली हैं किसी और से डील होते हैं उन्हें सिर्फ कमीशन से मतलब है चाहे पूरे कार्याकाल में काम हो या ना हो. शायद चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन यह भूल रहे हैं को लोकतंत्र में जनता मालिक है. और उनका यह कार्यशैली कहीं उनके राजनितिक भविष्य को ही न खत्म कर दे. बताते चलें कि नगर परिषद गठन के 16 माह बाद बरौनी नगर परिषद वार्ड 15 के हालात ऐसे जो मोहल्ला के नाला का गंदा सरांध पानी एवं बारिश का पानी मोमोहल्ले की कौन कहे लोगों के बेडरूम तक जा पहुंचा है. सरांध गंदा पानी के बीच नरकीय जीवन जीने को विवश हैं इस क्षेत्र के लोग. लोगों को विषैले जानवर कीड़े मकोडों के साथ संक्रामक बिमारी के फैलने की डर के साये में जी रहे हैं लोग. जिनका सुधी लेने वाला कोई नहीं है. मोहल्ले के हजारों की आबादी वृद्ध, महिला, छात्र, छात्राओं एवं नौकरी पेशा वाले लोगों को प्रतिदिन गंदे पानी से होकर गुजरना परता है. बताते चलें कि इस वार्ड में शोकहारा बरौनी नहीं बल्कि जिला और राज्य स्तर पर विख्यात मनोकामन काली मंदिर हैं जहां सालोभर सुबह शाम सैकड़ों की संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालु पूजा अर्चना एवं आरती में शामिल होने गंदे पानी से होकर आते हैं. बावजूद नगर परिषद प्रशासन, चैयरमैन एवं डिप्टी चैयरमैन को इस क्षेत्र की ज्वलंत समस्या से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है. इस क्षेत्र की जनता त्राहिमाम कर रही है और नरकीय जिंदगी जीने को विवश है. इस क्षेत्र के लोगों की स्थिति ऐसी कई लोगों का अपने घर में रहना मुहाल है. क्योंकि पूरे घर में पानी जमा है. पीड़ित आयुश कुमार, रूपेश कुमार, शंकर राम, राज कुमार राम ने कहा कि चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन अगर समस्या का समाधान नहीं कर सकते तो कम से काम एक दिन आकर इस मोहल्ले वाले लोगों के साथ रहकर देखें कि कैसे लोग रात से सुबह और सुबह से रात का का समय किन परिस्थितियों में गुजारने को विवश हैं. अब तो इस मोहल्ले के लोग यहां तक कह रहे है कि नगर प्रशासन, चैयरमैन और डिप्टी चैयरमैन का क्रियाकलाप से बिल्कुल असंतुष्ट हैं. लोगों ने जिलाधिकारी बेगूसराय से इस दिशा में पहल करने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है