स्कूलों में पटरी पर लौट रही शैक्षणिक व्यवस्था, जानें क्या बरती जा रही है सतर्कता
वैश्विक कोरोना महामारी के कारण बंद हुए सरकारी और निजी विद्यालयों में करीब छह महीने बाद शैक्षणिक गतिविधियां अब धीरे धीरे पटरी पर आने लगी है.
साहेबपुरकमाल. वैश्विक कोरोना महामारी के कारण बंद हुए सरकारी और निजी विद्यालयों में करीब छह महीने बाद शैक्षणिक गतिविधियां अब धीरे धीरे पटरी पर आने लगी है. बिहार सरकार के निर्देश पर 28 सितंबर से कुछ शर्तों के साथ वर्ग नवम से इंटर तक की पढ़ाई शुरू हो गयी है. हालांकि छात्रों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों की रजामंदी जरूरी बताया गया है. इसलिए पहला दिन विद्यालयों में उपस्थिति काफी कम रही.
एंग्लो इंडियन पब्लिक स्कूल के प्राचार्य पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए मार्च से ही विद्यालय बंद रहा है.सरकार के निर्देश पर सोमवार से सिर्फ नौवीं और दसवीं की पढ़ाई शुरू कर दी गयी है.पढ़ाई शुरू होने से छात्रों में उत्साह है. प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय खुलने से पहले सभी वर्ग कक्ष, बरामदा, स्कूल परिसर को सैनिटाइज किया गया.विद्यालय पहुंचने वाले बच्चों का मुख्य द्वार पर ही थर्मल स्क्रिनिंग की गयी और वर्ग कक्ष में सोशल डिस्टैंसिंग के आधार पर बैठने की व्यवस्था की गयी.
सभी छात्र और शिक्षक मास्क लगाकर कक्षा में उपस्थित रहे.वहीं जौहरी लाल उच्च विद्यालय में भी नवम वर्ग से इंटर तक कि पढ़ाई शुरू कर दी गयी है. प्रथम दिन सौ से अधिक छात्र -छात्राएं विद्यालय पहुंचे, लेकिन पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी. प्रभारी प्रधानाध्यापक राम रतन यादव ने बताया कि सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक विद्यालय आने वाले छात्रों को अभिभावक का सहमति पत्र लाना था, लेकिन एक भी छात्र सहमति पत्र लेकर नहीं आये. जिस कारण सभी को अभिभावक का सहमति पत्र लाने को कहा गया.
इसी तरह तेज नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय शालीग्रामी,परियोजना बालिका उच्च विद्यालय परोरा, उच्च विद्यालय तरवन्ना,उच्च विद्यालय सनहा और उषा भुजंगी इंटर महाविद्यालय साहेबपुरकमाल सहित अन्य सरकारी और निजी विद्यालय लंबे समय बाद पटरी पर लौटने लगे हैं.
posted by ashish jha