बिजली की समस्या से परेशान हैं शहरवासी, 14 से 15 घंटे ही मिल रही है बिजली
बिजली विभाग की लचर व्यवस्था इन दिनों शहरवासियों को परेशान करके रखी है. दिन-दिन भर बिजली सप्लाइ बंद कर विभाग मौज में चल रहे हैं.
बेगूसराय
. बिजली विभाग की लचर व्यवस्था इन दिनों शहरवासियों को परेशान करके रखी है. दिन-दिन भर बिजली सप्लाइ बंद कर विभाग मौज में चल रहे हैं. जिले में हो रहे तेज धूप व उमस भरी गर्मी की वजह से शहरवासी ऐसे ही परेशान चल रहे हैं, लेकिन बिजली विभाग की करतूत भी लोगों को सताते में कम भागीदारी नहीं निभा रही है. हाल ऐसा है कि अगर बिजली गायब हो जाये तो पांच-पांच घंटों तक बिजली रानी के दर्शन नहीं हो पाते हैं. ऐसा आलम तो हर दिन रहता ही है, लेकिन बिजली विभाग ने तो अपनी सारी हदें पार कर दी है. बीते 15 दिनों से शहरवासियों को महज 14 से 15 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है. दिन में तो जैसे-तैसे समय कट जा रहा है. लेकिन रात में बिजली नहीं रहने की वजह से शहरवासियों को रतजग्गा करना पड़ रहा है. बिजली की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि लोगों का आक्रोश धीरे-धीरे बिजली विभाग पर बढ़ता जा रहा है.जिले को 110 मेगावाट बिजली की है आवश्यकता :
बेगूसराय जिले को वर्तमान समय में 110 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है,लेकिन लोड सेंडिंग रहने की वजह से जिले वासियों को महज 95 से 96 मेगावाट बिजली की ही सप्लाइ मिल पा रही है.रात में 2-3 घंटे मिल रही बिजली की आपूर्ति :
बिजली की आपूर्ति इन दिनों कम रहने की वजह से लोगों के रातों की नींद उड़ गयी है. पूरी रात में सिर्फ 2 से 3 घंटे ही बिजली की आपूर्ति शहरवासियों को नसीब हो रहा है. जब शहरवासी रात में बिजली विभाग के पीएनटी नंबर पर कॉल करते हैं तो फोन हमेशा ही व्यस्त ही नजर आता है. ऐसे में लोगों का सीधा संवाद बिजली विभाग के कर्मचारियों से नहीं हो पाता है और ना ही पूरी जानकारी बिजली के संबंध में मिल पाती है.बिजली की दयनीय स्थिति से जनप्रतिनिधियों से नाराज चल रहे शहरवासी :
कबाड़ व्यवसायी रघुवीर दास ने कहा कि शहर के पांच नंबर फीडर में मेरी दुकान है और चार नंबर फीडर में मेरा घर है. भीषण गर्मी के बावजूद शहर में बिजली की सप्लाइ खींचतान कर 15 घंटे मिल रही होगी. दिन में दुकान पर बैठना मुश्किल है तो रात में घर में सोना मुश्किल हो रहा है. वहीं पानी-प्लांट व्यवसायी गुलशन कुमार ने कहा कि मैं शहर के पांच नंबर फीडर में पानी का प्लांट चलाता हूं. बिजली बिल तो बिजली की उपलब्धता से ज्यादा रहती है. यहां तक कि बिजली की कटौती के कारण मैं अपने ग्राहकों को ठंडा पानी उपलब्ध कराने में असमर्थ रहता हूं. अगर बिजली की सप्लाई 21 से 22 घंटे भी मिल जाये तो मैं ग्राहकों पांच रुपये प्रति जार ठंडा पानी उपलब्ध करूंगा. जबकि अभी इसकी कीमत 10 रुपये प्रति जार है. वहीं स्थानीय निवासी अजित कुमार ने कहा कि बिजली कटौती की स्थिति को देखते हुए मैंने अपने घर में इनवर्टर युक्त बैटरी लगाया था,लेकिन बिजली सप्लाई अब इतनी कम हो गयी है कि बैट्री तक चार्जिंग के लिए बैकअप नहीं देता है. अब इन सभी झंझटों से दूर रहने के लिए मैंने छोटा जेनरेटर खरीद लिया हूं. वहीं वार्ड-42 निवासी गोविंद कुमार ने कहा कि बिजली कंपनी का ऐसा आलम था कि पूरे ठंड में प्रति दिन सुबह में चार घंटे बिजली कटती थी, जब विभाग में फोन लगाकर पूछता था तो कहा जाता था कि मेंटेनेंस कार्य चल रहा है, ताकि गर्मी के दिनों में बिजली सप्लाइ ठीक रही. अब, जब गर्मी आयी तो ठंड से ज्यादा बुरा हाल हो गया है. स्थानीय निवासी सांसद, विधायक के प्रति भी आक्रोशित हैं. राजा कुमार समेत दर्जनों स्थानीय लोगों ने कहा कि वोट मांगने तो जनप्रतिनिधि दरवाजे तक आ जाते हैं, लेकिन जब जनता को समस्या होती है तो वह इस समाधान नहीं करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है