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Begusarai News : बम विस्फोट के दोषियों को आजीवन कारावास के फैसले से परिजनों में निराशा

Begusarai News : 27 अक्टूबर 2014 को भाजपा द्वारा आयोजित पटना गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हुंकार रैली के दौरान हुए बम विस्फोट में मरे भाजपा कार्यकर्ता डॉ बिंदेश्वरी चौधरी के परिजनों को जब यह जानकारी मिली कि बम विस्फोट के दोषियों की सजा कम करते हुए आजीवन कारावास की सजा मिली है तो परिवार के सदस्यों में निराशा छा गयी.

बेगूसराय/खोदावंदपुर. 27 अक्टूबर 2014 को भाजपा द्वारा आयोजित पटना गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हुंकार रैली के दौरान हुए बम विस्फोट में मरे भाजपा कार्यकर्ता डॉ बिंदेश्वरी चौधरी के परिजनों को जब यह जानकारी मिली कि बम विस्फोट के दोषियों की सजा कम करते हुए आजीवन कारावास की सजा मिली है तो परिवार के सदस्यों में निराशा छा गयी. परिवार के सदस्य डबडबाये आंखों से कहा कि ऐसे हत्यारे को कठोर से कठोर सजा मिलने का कानून में प्रावधान करना चाहिए. हालांकि परिजनों को प्रधानमंत्री से अभी भी नौकरी की आस बरकरार है. बताते चलें कि उक्त रैली में खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के बरियारपुर पश्चिमी गांव निवासी ग्रामीण होमियोपैथ चिकित्सक डॉ बिंदेश्वरी चौधरी जो अपने परिवार के एक मात्र कमाउ सदस्य थे. भाजपा के हुंकार रैली के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे. परिजनों को सांत्वना देने शहीद के घर बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के सदर बाजार गांव आये थे. शोकाकुल परिवार को सांत्वना देते हुए उन्होंने शहीद बिंदेश्वरी के परिजनों को अपना परिवार बताते हुए मदद का भरोसा दिया था. परिजनों ने नरेन्द्र मोदी जी से नौकरी देने का अनुरोध किया था, जिसका उन्होंने आश्वासन दिया था. मोदी जी द्वारा दिया गया वह आश्वासन आज भी अधुरा है. उस समय शहीद के परिजन को भारत एवं बिहार सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रुपये का चेक कुल दस लाख रुपये का आर्थिक मदद दिया गया था. उक्त राशि से शहीद के पुत्र अरुण कुमार, अजय कुमार व संजय कुमार अपना व्यवसाय परिवार के भरण पोषण के लिए शुरु किया जो नाकाफी है. अरुण चौधरी गांव देहात में बिस्कुट का फेरी कर, अजय चौधरी गांव में आटा चक्की चलाकर एवं संजय चौधरी गांव घर में घूमकर मशाल बेचने के व्यवसाय से अपना जीवन यापन कर रहा है. शहीद की पुत्रवधू व अरुण की पत्नी रंजू देवी बताती है नौकरी के मांग के लिए अगस्त 2015 में दिल्ली जाकर सांसद स्व भोला सिंह एवं वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मिलकर मोदी जी के आश्वासन का स्मरण कराते हुए पति को नौकरी दिलाने का प्रार्थना किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे सहित एक दर्जन से अधिक सदस्य हैं. कमाय तथा स्थानीय आमदनी नहीं होने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.

उपेक्षित है शहीद स्मारक :

स्वर्गीय बिंदेश्वरी चौधरी के सम्मान में उनके घर के समीप भाजपा कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों द्वारा स्मारक का निर्माण कर शहीद के प्रतिमा का को स्थापित किया गया था, जिसका अनावरण बिहार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया था. यह स्मारक आज उपेक्षित है. जिसे उधारक की तलाश है. जब केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में भाजपा समर्थित सरकार स्थापित है. डबल इंजन के सरकार में भी शहीद स्मारक की बदहाली ग्रामीणों की समझ से पड़े है. ग्रामीण रामविलास चौधरी, ललित कुमार हितैषी, अरुण कुमार गुप्ता, जवाहर चौधरी, चन्द्रशेखर महतो, राम नारायण चौधरी सहित अन्य ग्रामीणों ने शहीद डॉ चौधरी के स्मारक को भव्यता प्रदान करने एवं शहीद परिवार को अपना परिवार समझने की वादा को पूरा कर दिखाने का मांग किया है.

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