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गंगा के जल स्तर में कमी आने से किसानों ने ली राहत की सांस

विगत एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से स्थानीय किसानों की सांसे फूल गयी थी. अब बुधवार की शाम से गंगा के जलस्तर में कमी आने से किसानों ने राहत की सांस ली है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2024 10:05 PM

बलिया. विगत एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से स्थानीय किसानों की सांसे फूल गयी थी. अब बुधवार की शाम से गंगा के जलस्तर में कमी आने से किसानों ने राहत की सांस ली है. बताया जाता है की गंगा के जलस्तर में तेजी आने के बाद प्रखंड क्षेत्र के चेचियाही ढाब में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था. जहां की फैसले बाढ़ का पानी प्रवेश करने से बर्बाद हो गयी. जबकि दियारा इलाके में हाल ही में खरीफ फसल की बुआई की गयी है. ऐसे समय में बाढ़ आने से किसानों की उपज तो होगी नहीं बल्कि पशुचारे का घोर संकट उत्पन्न हो जायेगा. ज्ञात हो कि लगातार पड़ रही गर्मी के बाद मानसून के प्रवेश के बाद लगातार हुई बारिश से किसानों ने खरीफ की बुआई नहीं की थी. विगत दिनों बारिश थमने के बाद किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई की है. जो पौधा अभी जमीन से निकला ही है. ऐसे में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा. जिससे दियारा क्षेत्र के किसान चिंतित हो गये. अब गंगा के जलस्तर में कमी आने से किसानों ने थोडी़ राहत की सांस ली है. बताया जाता है कि प्रखंड क्षेत्र के परमानंदपुर, ताजपुर, भवानंदपुर एवं पहाड़पुर सहित फतेहपुर व भगतपुर पंचायत के लगभग दो दर्जन गांव प्रत्येक वर्ष बाढ़ का दंश झेलती है. इन गांवों के किसानों के खरीफ की फसल बिरले ही किसी साल हो पाती है. जबकि हर साल खरीफ की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है. इस बार मानसूनी बारिश देर से होने के बाद दियारा क्षेत्र के किसान खरीफ की बुआई भी नहीं कर सके थे. अब बुआई की गई तो गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो जाने से स्थानीय किसान चिंतित हो गये थे. हालांकि जानकार किसान बताते हैं कि अमूमन जिस-जिस वर्ष जुलाई के माह में गंगा में उफान आई है. उस वर्ष गंगा में बाढ़ भी भयावह हुई है. जिसका उदाहरण लोग वर्ष 2013, 2016 एवं 2021 को दे रहे हैं. ऐसे में अगर वर्ष 2013, 2016 एवं 2021 की पुनरावृति होती है तो दियारा के किसानों की खरीफ फसल होने की उम्मीद कम ही है.

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