दियारा के निचले इलाकों में फैला बाढ़ का पानी, किसानों की फसल नष्ट
गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि जारी है. जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ का पानी अब दियारा क्षेत्र के निचले इलाकों में धीरे-धीरे फैलने लगी है. जिससे निचले इलाकों में किसानों द्वारा बुआई गयी खरीफ की फसल में बाढ़ का पानी फैल चुका है.
बलिया/मटिहानी. गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि जारी है. जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ का पानी अब दियारा क्षेत्र के निचले इलाकों में धीरे-धीरे फैलने लगी है. जिससे निचले इलाकों में किसानों द्वारा बुआई गयी खरीफ की फसल में बाढ़ का पानी फैल चुका है. जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि से दियारा क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बताया जाता है कि विगत एक सप्ताह से गंगा के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि से गंगा उफनाई हुई है. जिससे दियारा के किसानों में दहशत व्याप्त है. ज्ञात हो कि बलिया प्रखंड के चार पंचायत पूर्णतः बाढ़ प्रभावित है जबकि दो पंचायत के आंशिक भाग भी बाढ़ से प्रभावित होती है. जिसमें भवानंदपुर, ताजपुर, पहाड़पुर, परमानंदपुर पंचायत पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित है जबकि भगतपुर एवं फतेहपुर के भी कुछ हिस्से बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इन पंचायतों के करीब 60 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित होती है. बाढ़ आने पर दियारा वासियों के लिये आवागमन के साथ बिजली, स्वच्छ पेय जल के साथ पशुओं का चारा का घोर अभाव हो जाता है. जिससे दियारा वासियों की मुश्किलें बढ़ जाती है. गंगा के जलस्तर में इसी तरह वृद्धि जारी रहा तो आने वाले दो से तीन दिनों में दियारा के कई मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी फैल जायेगी. वहीं मटिहानी संवाददाता के अनुसार, मटिहानी प्रखंड क्षेत्र मे गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे वृद्धि से मटिहानी प्रखंड क्षेत्र के सिहमा पथला टोल,गोसाई टोल बबुरबन्ना टोला, रामदीरी दो पंचायत के लवहरचक,महाजी ,भवानंदपुर , रामनगर,खोरमपुर ,छितरौर, बलहपुर एक ,बलहपुर दो , मटिहानी पंचायत एक ,मटिहानी दो,महेंद्रपुर, गोरगामा पंचायत के खड़कपुर, कासिमपुर, मथार, क्षेत्र के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है. किसानों के खेतों में लगे मक्का फसल ,चीना, परवल सहित फसल डूब कर बर्बाद हो गया है. मवेशी की चारा में भारी कठिनाई उत्पन्न होने लगी है. सिहमा पंचायत के मुखिया बम बम कुमार सिंह ,पंचायत समिति सदस्य नीरज कुमार ,पूर्व मुखिया ललन कुमार सिंह ,परितोष कुमार ,पवन कुमार ,प्रमोद सिंह, सिकंदर राज, ने बताया कि गंगा कि जलस्तर बढ़ने से निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है. जिससे किसानों के पशु चारा डूब गया है. पशुओं के लिए पशु चारा के लिए भारी कठिनाई उत्पन्न हो रही है. किसान अपने पशु को ऊंचे स्थान पर ला रहे हैं. सथानीय लोगों ने अंचल प्रशासन से नाव, पशु चारे व राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है.
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