24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Begusarai News : कला-संस्कृति व खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार : मंत्री

Begusarai News : बेगूसराय आइटीआइ सभागार लवहरचक रामदीरी में सांस्कृतिक विकास केंद्र की नवीनतम प्रस्तुति को सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित एवं बेगूसराय के युवा रंगकर्मी कुणाल भारती द्वारा निर्देशित नाटक बकरी का मंचन सफलतापूर्वक किया गया.

मटिहानी. बेगूसराय आइटीआइ सभागार लवहरचक रामदीरी में सांस्कृतिक विकास केंद्र की नवीनतम प्रस्तुति को सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित एवं बेगूसराय के युवा रंगकर्मी कुणाल भारती द्वारा निर्देशित नाटक बकरी का मंचन सफलतापूर्वक किया गया. नाटक से पूर्व उद्घाटन समारोह में उद्घाटन करता के रूप में उच्च माध्यमिक विद्यालय गोरगामा के प्रधानाध्यापक नवीन प्रसादसिंह, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डॉ बबन कुमार पवन, समाजसेवी ललन प्रसादसिंह, बेगूसराय के वरिष्ठ रंग निर्देश परवेज युसूफ, संस्था के सचिव रोशन कुमार गौतम, युवा रंगकर्मी सचिन कुमार एवं बेगूसराय के युवा रंग निर्देशक अभिजीत मुन्ना मैं संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर नाटक का उद्घाटन किया. उद्घाटन से पूर्व आये हुए तमाम मंच आसीन अतिथियों का अंग वस्त्र एवं संस्था के प्रतीक चिन्ह देखकर सांस्कृतिक विकास केंद्र के सचिव के द्वारा सम्मानित किया गया. समापन समारोह को संबोधित करते हुए खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने कहा कि हमारी सरकार कला-संस्कृति एवं खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. ग्रामीण बच्चों के नाट्य कला प्रदर्शन को देखने से लगता है कि आज भी गांव में रंगमंच जीवित है. कल बच्चों में संस्कार डालती है एवं रंगमंच समाज का आइना है. वही उच्च माध्यमिक विद्यालय गोरगामा प्रधानाध्यापक नवीन प्रसाद सिंह ने कहा कि युवा रंगकर्मी सचिन कुमार ने विद्यालय के बच्चों को रंगमंच का प्रशिक्षण देकर बकरी नाटक के प्रदर्शन तक लाया है, इसके लिए धन्यवाद का पात्र हैं और नाटक और फिल्म में अंतर यह है की फिल्म में रीटेक होते हैं और नाटक में रिटेक की कोई संभावना नहीं है. डॉक्टर बबन कुमार पवन ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं, उन्हें कला संस्कृति से प्रशिक्षित करने का प्रयास रनिया है. समाजसेवी ललन प्रसाद सिंह ने अपने भक्तम में कहा कि बच्चों को नाटक कल से अवगत कराना संस्था का उद्देश्य है नाट्य कार्यशाला से बच्चे रंगमंच से जुड़ते हैं, और आगे बढ़कर सिनेमा तक जाते हैं. नाट्य कला में भी अपना भविष्य बना सकते हैं. नाटक बकरी में युवा निर्देशक कुणाल भारती ने दिखाया है कि तीन डाकू लोगों को लुटता है और पुलिस वाले को स समय उसका हिस्सा पहुंचा देता है,एक दिन डाकुओं ने आधुनिक रूप से आम पब्लिक को लूटने का प्लान बनाया,तो पुलिस वाले विचलित हो गये और कहने लगा कि अब मेरा क्या होगा तुम लोग इमानदार हो जाओगे तो,तो डाकुओं ने कहा कि मेरा धंधा वोही रहेगा बस लूटने तरीका बदल गया,आप एक बकरी लेकर आओ. एक राम दुलारी नामक औरत जो गरीब लाचार बेबस की बकरी को उठा लगता है और उन डाकुओं के हवाले कर देता है और डाकुओं का कहना है कि इस गांधी जी की बकरी की खोज आज से नहीं 50 वर्षों से की जा रही है. देश के बड़े-बड़े पुलिस पदाधिकारी, सीआइडी, डीआइजी, आइजी सब इस गांधी जी की बकरी की खोज में लगे हुए थे. आज इस गांव में ये बकरी मिली है, ये देवी है. इस बकरी कि कृपा से देश की आर्थिक स्थिति ठीक हो जायेगी. क्योंकि, इस बकरी पर जुल्म हो रहा था अत्याचार हो रहा था. यह बकरी बेचारी कष्ट में थी. इसे गांधी जी की बकरी बात कर चुनाव का मुद्दा बना देता है, राम दुलारी के विरोध करने पर उसे जेल भिजवा देता है. अवसर पर संस्था के सचिव रोशन कुमार गौतम संस्था के कलाकार सचिन कुमार, कुंदन कुमार, प्रकाश कुमार, अजय कुमार सिंह, विकास कुमार, मनीष कुमार, प्रियांशु प्रियम और अन्य लोग थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें