Begusarai News : हड़ताल के कारण बेगूसराय न्यायालय में 3100 मामलों पर टली सुनवाई
Begusarai News : बिहार सिविल कोर्ट कर्मचारी एसोसिएशन के आह्वान पर गुरुवार से बिहार जिले के तमाम न्यायालय के न्यायालय कर्मी हड़ताल पर चले गये.
बेगूसराय. बिहार सिविल कोर्ट कर्मचारी एसोसिएशन के आह्वान पर गुरुवार से बिहार जिले के तमाम न्यायालय के न्यायालय कर्मी हड़ताल पर चले गये. बेगूसराय सिविल कोर्ट के तमाम कर्मचारी गुरुवार को पूरी तरह से हड़ताल पर रहे. हड़ताल के कारण किसी भी न्यायालय का इजलास और ऑफिस को नहीं खोला गया. जिला जज कुमुद रंजन सिंह के साथ तमाम न्यायिक पदाधिकारी न्यायालय पहुंचे परंतु हड़ताल के कारण इजलास और ऑफिस बंद रहने के कारण उन्हें न्यायालय परिसर में ही बैठना पड़ा.
मांगों को लेकर बेगूसराय सिविल कोर्ट के तमाम कर्मचारी पूरी तरह से रहे हड़ताल पर
जिला न्यायालय के सभी न्यायालय कर्मी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सामने खाली जगह पर बैठकर अपनी एकजुटता दिखाई. हड़ताल के कारण न्यायालय का कार्य पूरी तरह ठप रहा. हजारों की संख्या में पक्षकार न्यायालय पहुंचे परंतु कोई भी न्यायिक कार्य नहीं होने के कारण वापस बैरन लौट गये. हड़ताल के कारण जिला न्यायालय के जिला जज डिवीजन के लगभग 914 मामले की सुनवाई होनी थी जो आज नहीं हो सकी. वहीं दूसरी ओर सीजेएम डिवीजन में लगभग 2200 मामलों में आज सुनवाई होनी थी परंतु हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. आपको बता दे की 16 जनवरी को लगभग 74 अग्रिम जमानत आवेदन एवं 30 नियमित जमानत आवेदन पर सुनवाई होनी थी परंतु हड़ताल के कारण सुनवाई टल गई. जेल में बंद सैकड़ो आरोपित की जमानत याचिका पर आज सुनवाई होनी थी परंतु किसी में भी सुनवाई नहीं हो सकी. हड़ताल को लेकर आम जनता का गुस्सा न्यायालय कर्मी और बिहार सरकार पर दिखाई पड़ी.
हमलोगों के साथ किया जा रहा है भेदभाव : संजीव कुमार
बेगूसराय सिविल कोर्ट कर्मचारी संघ के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि जनता को हो रही असुविधा के लिए हमें भी दुख है परंतु बिहार सरकार द्वारा हम लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जबकि हम लोगों ने हड़ताल पर जाने से पूर्व कई बार बिहार सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराया और हड़ताल पर जाने की बात बताई परंतु बिहार सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैया के कारण हम लोग मजबूरी में हड़ताल पर आये हैं और मांगों को पूरा होने तक हम लोग का हड़ताल लगातार जारी रहेगा. आपको बता दें कि 17 जनवरी को पूर्व मंत्री मंजू वर्मा मामले में जजमेंट आना था परंतु इस हड़ताल के कारण जजमेंट की तारीख टलने की पूरी संभावना बन गई है. हड़ताल के कारण पूरी न्यायिक व्यवस्था ठप पर चुकी है जेल और बेल दोनों की समस्या उत्पन्न हो चुकी है. जिसके कारण लोगों में अफरा तफरी मची हुई है. हड़ताल के कारण पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये आरोपित को जेल भेजने की समस्या उत्पन्न हो चुकी है क्योंकि जब तक न्यायालयकर्मी इजलास और ऑफिस नहीं खोलेंगे तब तक आरोपित को कैसे रिमांड करके जेल भेजा जा सकता है.अनुकंपा पर शत-प्रतिशत बहाली करने की रखी मांग
बलिया प्रतिनिधि के अनुसार बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर गुरुवार को व्यवहार न्यायालय बलिया के भी न्यायालय कर्मी कलमबंद हड़ताल पर रहे. जिससे व्यवहार न्यायालय के कार्यों में परेशानी हुई. हड़ताल पर बैठें कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्री मांगों में वेतन विसंगति को शीघ्र दूर करने, सभी तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र पदोन्नति करने, शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली करने, विशेष न्यायिक कैडर लागू करने की मांग की गयी. अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा न्यायालय कर्मियों की मांगों पर पक्षपातपूर्ण एवं भेदभाव वाला रवैया अपना रही है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के विभिन्न न्यायिक आदेशों एवं प्रशासनिक आदेशों के बावजूद बिहार सरकार लागातार इन आदेओं की अवमानना कर न्यायिक कर्मचारी के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार अपना रही है. जिससे सभी न्यायिक कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. मौके पर न्यायिक कर्मचारी कमलेश कुमार झा, अमित कुमार, सुमन कुमार, कृति मल्होत्रा, वोट रीडर शादाब हुसैन, शहजादी प्रवीण, रूपम कुमारी, सीमा कुमारी आदि मौजूद थे.
चेरियाबरियारपुर में न्यायिक कामकाज रहा बाधित
चेरियाबरियारपुर प्रतिनिधि के अनुसार बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय मंझौल के कर्मचारियों ने गुरुवार से कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. जिससे न्यायालय में न्यायिक काम काज बाधित हो गया है. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय कर्मी बिंदु शेखर झा ने बताया कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सभी संवर्ग के वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर करना, सभी तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र पदोन्नति, शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली एवं विशेष न्यायिक कैडर लागू करना है शामिल है. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय मंझौल के सिविल कोर्ट के तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के द्वारा कोर्ट परिसर में अपनी मागों के समर्थन में धरना स्थल पर नारे लगाए गए. मौके पर कर्मी प्रेमचंद पासवान, जौहर अली, राकेश कुमार, गायत्री देवी समेत सभी तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी मौजूद थे.हड़ताली कर्मियों ने की सभी संवर्गों की वेतन विसंगति को जल्द दूर करने की मांग
बखरी प्रतिनिधि के अनुसार गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों द्वारा तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल किया गया.इस दौरान कर्मचारियों ने सभी संवर्गों की वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर करने,सभी तृतीय चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र पदोन्नति हो,शत-प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली हो,विशेष न्यायिक कैडर लागू करने आदि मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी किये गए हैं. मौके पर वीरेश कुमार सिन्हा,राजाराम सिंह,गौतम भारद्वाज, सपन कुमार,प्रियांशु कुमार,दिलीप राम,संजीव कुमार मुन्ना, कुनाल किशोर,अमरजीत कुमार आदि ने बताया कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी,तब तक न्यायालय में कलमबंद हड़ताल रहेगा. वहीं कर्मचारियों के हड़ताल के कारण बगैर तारीख किए ही लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है