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Begusarai News : चमथा में बांध पर 40 वर्षों गुजर-बसर कर रहे सैकड़ों परिवारों का उजड़ेगा आशियाना

Begusarai News : प्रखंड क्षेत्र के चमथा तीन पंचायत में नंबर बांध पर बसे हुए सैकड़ों परिवार को बांध खाली करने को लेकर विभागीय आदेशानुसार ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बांध पर बसे लोगों को सूचित किया गया.

बछवाड़ा. प्रखंड क्षेत्र के चमथा तीन पंचायत में नंबर बांध पर बसे हुए सैकड़ों परिवार को बांध खाली करने को लेकर विभागीय आदेशानुसार ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बांध पर बसे लोगों को सूचित किया गया. बताते चलें कि वर्ष 1985 में कटाव के कारण पटना के दियारा क्षेत्र से सभी कटाव पीड़ित लोग बेगूसराय जिला के बछवाड़ा प्रखंड के चमथा नंबर गांव में बने रिंग बांध पर आश्रय लेने को विवश हो गये थे, जो 1985 से अभी तक नंबर बांध पर ही अपना अपना फूस मिट्टी का घर बनाकर रह रहे हैं. बाढ़ के कारण समूचा दियारा जलमग्न हो जाता है, ऐसे में चमथा नंबर रिंग बांध ही बाढ़ के पानी को क्षेत्र में फैलने से रोकती है. बांध के जर्जर हो जाने से टूटने का खतरा बढ़ गया है.

जल संसाधन विभाग ने जगह खाली करने का दिया आदेश

बांध की मरम्मती को लेकर जल संसाधन विभाग बिहार सरकार के आदेश पर विभाग द्वारा विगत पांच दिनों पूर्व ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बांध पर बसे लोगों को सूचित किया गया है कि जल्द से जल्द नंबर बांध को खाली कर दिया जाये. जिससे जर्जर बांध की मरम्मत की जा सके. विभाग के सूचना से बांध पर बसे लोगों में बसेरा उजड़ जाने का खतरा बना हुआ है.

विस्थापित परिवारों में मची खलबली

बांध पर बसे लोग मुखिया, पूर्व मुखिया व स्थानीय जनप्रतिनिधि के पास पहुंचकर अपनी अपनी बातों को रखने लगे. बांध पर बसे बाढ़ पीड़ित सरस्वती देवी, कारी देवी, मनीषा देवी, अयोध्या देवी, यशोदा देवी, पूनम देवी, मीरा देवी, रिया देवी, साहो देवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, कंचन देवी, माना देवी, राजेंद्र निषाद, दीपनारायण सिंह निषाद, रामबाबू निषाद, संजय राम, बिपिन राम, शिवजी महतो, हरेराम महतो,मुकेश कुमार, चंदन कुमार समेत सैकड़ों लोगों ने बताया कि पांच दिन पूर्व बांध खाली करने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र सूचना किया गया था, हम लोग 1985 में पटना दियारे इलाके में हुए कटाव के कारण इस नंबर बांध पर बसेरा लिए, और करीब चालीस वर्षों से यहां रह रहे हैं. हम लोग तीन तीन बार कटाव की विभीषिका झेल चुके हैं. तीन जगह बसे लेकिन बार बार गंगा के कटाव के कारण कई जगह घर बनाए और घर कटाव में चला गया. चौथी बार में हम लोग यहां बसे हैं. हम लोगो के पास अपनी जमीन नहीं है, हम लोग पूर्णतः भूमिहीन है. जिस कारण सरकार के सभी लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जाते है. स्थानीय प्रशासन से हमारी यही मांग है कि हमलोगों को भी पर्चे की भूमि उपलब्ध करा दी जाये. हमलोग के पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं है मेहनत मजदूरी कर के अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, बच्चों को पढ़ा लिखा नहीं सकते हैं. मजबूर है, इसलिए मजदूर हैं. हमलोगों को सरकार के तरफ से जमीन आवंटन करवा दिया जाये हम लोग स्वेच्छा पूर्वक बांध को खाली कर देंगे.

कटावपीड़ित लोग कर सकते हैं आंदोलन

विभागीय कार्रवाई को लेकर मुखिया मीना देवी, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि शशि कुमार भूषण ने बताया कि हमलोग जन आवेदन के माध्यम से विभाग को सूचित कर रहे हैं. विभाग अगर इसपर संज्ञान नहीं लेती है तो हमलोग कटाव पीड़ित लोगों के लिए आंदोलन को बाध्य होंगे. मामले को अंचलाधिकारी प्रीतम गौतम ने बताया कि यह कार्रवाई जल संसाधन विभाग के द्वारा किया गया है. इसको लेकर हमारे पास कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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