मुख्य बस स्टैंड राजस्व वसूली में अव्वल और सुविधा में देने में है फिसड्डी

नगर निगम की बड़ी बस पड़ाव निगम प्रशासन के लिए राजस्व संग्रह में अव्वल है. परंतु यात्रियों एवं परिवहन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध सुविधा में फिसड्डी साबित हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 10:36 PM

बेगूसराय.

नगर निगम की बड़ी बस पड़ाव निगम प्रशासन के लिए राजस्व संग्रह में अव्वल है. परंतु यात्रियों एवं परिवहन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध सुविधा में फिसड्डी साबित हो रहा है. एक ओर जहां बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा नहीं के बराबर है.वही दूसरी और जीवन के लिए महत्वपूर्ण पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. जिससे परिवहन कर्मचारियों व आवागमन करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.बस स्टैंड के मुख्य द्वार के आस पास पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यात्री पानी के लिए इधर-उधर भटकने लगते है. मिठाई की दुकानों से पानी मांगना पड़ता है. लेकिन कई बार उन्हें मना कर दिया जाता है और मजबूरी में महंगा बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है. नहाने और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी भारी अभाव है, जिससे कर्मचारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. सार्वजनिक शौचालय जाना पड़ता है जहां हर बार शुल्क देना पड़ता है. बस स्टैंड में प्रतिदिन लगभग 20 हजार से अधिक लोगों का आवागमन होता है.बस स्टैंड के परिसर में बेहतर सुविधाएं नहीं होने से यात्री परेशान हैं. बस स्टैंड में बना मल्टीपल भवन पड़ा है बेकार : तत्कालीन महापौर संजय कुमार के कार्यकाल के दौरान लगभग 4.30 करोड़ की राशि की प्राक्कलन की बस स्टैंड का जिर्णोद्धार योजना शुरु की गयी थी. बाद में पूर्व महापौर उपेंद्र प्रसाद सिंह के कार्यकाल में बस स्टैंड की जिर्णोद्धार योजना धरातल पर उतरी थी. योजना के तहत बस स्टैंड के पूरे फर्श का पीसीसी पक्कीकरण और एक मल्टीपल भवन बनाया गया था. जिसमें बुकिंग काउंटर से लेकर आराम गृह भी बना था. पांच वर्षों से भवन बनकर खड़ी है और भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. अब यह सवाल उठने लगा है कि इतना अधिक राशि खर्च होने के बावजूद भी बस स्टैंड में बने भवन का यात्रियों व परिवहन कर्मचारी के लिए उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है.

मुख्य द्वार के पास बनी प्याउं तो तोड़ दी गयी और नयी आज तक नहीं बनी : बस स्टैंड में सबसे बड़ी समस्या पेय जल को लेकर हो रही है. नगर निगम के द्वारा बस स्टैंड में बनी दो चापाकल अभी कार्य कर रहा है. एक चापाकल बस स्टैंड के पश्चिमी साइड जिस जगह बस धोने का कार्य होता है वहां लगी है. दूसरा चापाकल बस स्टैंड के परिसर में बनी मार्केट कांप्लेक्स में लगी है. इन दोनों चापाकल यात्रियों के नजरों से ओझल रहता है. मुख्य पेयजल का माध्यम मुख्य द्वार पर बने प्याउं था जिसे तोड़कर ऑटो स्टैंड बना दी गयी. उस स्थान के आसपास न तो नया कोई प्याउं बनाया गया है और न ही कोई चापाकल ही लगाया गया है. कुछ ही दिनों में प्रचंड गर्मी से यात्रियों का सामना होने वाला है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि गर्मी आने से पूर्व मुख्य द्वार के समीप पेयजल की समुचित व्यवस्था हो पाती है अथवा नहीं होती है.

क्या कहते हैं यात्री और परिवहन कर्मीकर्मचारियों के लिए बस स्टैंड में उचित विश्राम कक्ष व पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहने से हमलोगों के समक्ष पेयजल व आराम करने की समस्या होती है. वाहन खुलने का समय आने तक हमलोगों के लिए आराम के लिए बने भवन का उपयोग शुरु करवाना चाहिए

मंगल, परिवहन कर्मी

सबसे बड़ी कठिनाइयां पेयजल को लेकर है. बस स्टैंड के मुख्य द्वार पर जब वाहन निकल कर कुछ देर रुकती है तो यात्रियों और हम कर्मियों को भी पीने का पानी की जरूरत होती है तो इधर-उधर भटकना पड़ता है. मुख्य द्वार के समीप नया प्याउ की व्यवस्था निगम प्रशासन को करवाना चाहिए.

नागेंद्र प्रसाद सिंह, मल्हीपुर, परिवहन कर्मीबस स्टैंड में जो भवन बनी है करोड़ों रुपये खर्च करके आखिर उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है. इसके प्रति जिम्मेवार कौन लोग हैं. इतना अधिक राशि खर्च करने के बाद भी विकास योजना का लाभ यात्रियों व परिवहन कर्मचारियों को निगम प्रशासन उपलब्ध कोई नहीं करवा रहा है. पीने के स्वच्छ पानी, शौचालय और स्नान की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए.

शिवजी महतो, सामाजिक कार्यकर्ता, बाघाक्या कहते हैं महापौर

जीर्णोद्धार व बस स्टैंड में भवन निर्माण का कार्य बुडको के द्वारा करायी गयी थी. भवन निर्मित होने के बाद आज तक निगम प्रशासन को भवन का हैंडओवर नहीं की गयी है. आगे नगर निगम प्रशासन का मुख्य बस स्टैंड को हर सुविधा संपन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस स्टैंड बनाने की योजना है. नगर आयुक्त द्वारा इस संबंध में सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग पटना को पत्र भी प्रेषित की गयी है.

पिंकी देवी, महापौर, नगर निगम, बेगूसराय

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