लोकसभा चुनाव : बेगूसराय सीट पर इस बार भी एनडीए व महागठबंधन के बीच घमासान

फिलहाल बेगूसराय सीट एनडीए के कब्जे में है. यहां के बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां से एनडीए फिर से गिरिराज सिंह को मैदान में उतार सकती है

By Anand Shekhar | March 10, 2024 8:11 AM

विपिन कुमार मिश्र, बेगूसराय. लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने में महज कुछ दिन ही शेष रह गये हैं. इस बार भी यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच घमासान मचने की संभावना है. इसी को देखते हुए दोनों प्रमुख गठबंधनों के द्वारा चुनावी अखाड़े में जोरदार आजमाइश शुरू कर दी गयी है. भावी प्रत्याशियों के द्वारा चुनावी मैदान में जोरदार कसरत की जा रही है़

वर्तमान में बेगूसराय सीट एनडीए के कब्जे में है. यहां के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह हैं जो वर्तमान में भारत सरकार में मंत्री भी हैं और पार्टी के फायर ब्रांड नेता में शुमार हैं. कयास लगाया जा रहा है कि यहां से एनडीए पुन: गिरिराज सिंह को चुनाव मैदान में उतार सकती है. हालांकि इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा की भी पैनी नजर है. इसी के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सक्रियता भी पिछले लंबे समय से देखी जा रही है. जिले के लोगों की निगाहें अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हुई है कि पार्टी किसे बेगूसराय सीट पर चुनाव लड़ाती है. फिलहाल दावेदारी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.

2019 में एनडीए एकजुट था और विपक्ष बिखरा हुआ था

2019 में एनडीए एकजुट था और विपक्ष बिखरा हुआ था, लेकिन इस बार की राजनीतिक तस्वीर बिल्कुल बदली हुई है. पिछले चुनाव को लेकर वर्तमान समय में महागठबंधन अभी काफी मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस,राजद एवं वामदलों के साथ रहने से महागठबंधन को इस बार लाभ मिलने की संभावना है. इसमें दो राय नहीं है कि एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर यहां देखने को मिलेगी. हालांकि मुकाबला कितना जोरदार होगा यहां यह प्रत्याशियों के ऊपर भी निर्भर करेगा.

महागठबंधन में यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में अगर चला जाता है तो यहां से पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह या अवधेश राय इन्हीं दोनों में से एक उम्मीदवार बन सकते हैं. दूसरी तरफ यह महागठबंधन में चर्चा है कि इस सीट को हर हाल में भाजपा को हराकर जीतना है इसलिए भाजपा को हराने के लिए इस सीट को कम्युनिस्ट पार्टी त्याग भी कर सकती है.अगर त्याग इस बार कम्युनिस्ट पार्टी करती है तो यहां से कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. कांग्रेस में एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेगूसराय बीहट निवासी कन्हैया कुमार को दोबारा बेगूसराय सीट से लड़ाने की तैयारी पार्टी के अंदर चल रही है.

कन्हैया को लेकर पूरे देश में चर्चा में रहा था 2019 का चुनाव

वर्ष 2019 के चुनाव में कन्हैया कुमार को लेकर बेगूसराय लोकसभा सीट पूरे देश में सुर्खियों में रहा था. चुनाव को लेकर लगभग दो माह तक देश के कोने-कोने से मीडिया कर्मियों, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, रचनाकारों, साहित्यकारों का मेला लगा था. अगर महागठबंधन की ओर से कन्हैया कुमार को एक बार फिर से बेगूसराय भेजा जाता है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि बेगूसराय लोकसभा सीट पर रोमांचक मुकाबला होगा.

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं कुल सात विस सीट

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधान सभा सीट शामिल हैं. 141 चेरियाबरियारपुर विधान सभा सीट पर वर्तमान में महागठबंधन का कब्जा है. यहां से राजवंशी महतो राजद के विधायक हैं. 142 बछवाड़ा विघान सभा सीट पर एनडीए गठबंधन का कब्जा है और यहां से सुरेंद्र मेहता भाजपा के विधायक हैं.143 तेघड़ा विधान सभा क्षेत्र महागठबंधन के खाते में है. यहां से भाकपा के विधायक रामरतन सिंह हैं. 144 विधान सभा सीट वर्तमान में एनडीए के खाते में है. यहां से जदयू के विधायक राजकुमार सिंह हैं. 145 साहेबपुरकमाल विधान सभा सीट महागठबंधन के खाते में है. यहां से सतानंद संबुद्ध उर्फ ललन राजद के विधायक हैं. 146 बेगूसराय विधान सभा सीट एनडीए के खाते में है. यहां से कुंदन कुमार भाजपा के विधायक हैं. वहीं 147 बखरी सुरक्षित विधान सभा सीट महागठबंधन के खाते में है. यहां से सूर्यकांत पासवान भाकपा के विधायक हैं. इस तरह से सात विधान सभा में एनडीए तीन सीट पर व महागठबंधन चार सीट पर कब्जा जमाये हुए है.

लोकसभा चुनाव में अभी तक इन्होंने किया प्रतिनिधित्व

  • : 1957 मथुरा प्रसाद मिश्र – कांग्रेस पार्टी, विजेता 1, 13, 294 मत
  • उपविजेता – ब्रह्मदेव पीडी सिंह- पीएसपी -1, 04,074 मत

  • : 1962 – मथुरा प्रसाद मिश्र — कांग्रेस -1, 05,,883 मत
  • उपविजेता- हास्मी- भाकपा-51, 163 मत

  • : 1967 वाई शर्मा- भाकपा विजेता 1, 80,883 मत
  • उपविजेता – एमपी मिश्रा- कांग्रेस-92,181मत

  • : 1971 – श्याम नंदन मिश्रा – एनसीओ-1, 34,833 मत
  • उपविजेता – योगेंद्र शर्मा – भाकपा -1,29,374 मत

  • : 1977- श्याम नंदन मिश्र – बीएसपी – विजेता -1, 85,382 मत
  • उपविजेता – तारकेश्वरी सिन्हां- कांग्रेस-1,50,154 मत

  • : 1980 – कृष्ण शाही-कांग्रेसी (आई) -2, 72,234 मत
  • उपविजेता- श्याम नंदन मिश्रा-(जे एनपीएस) – 99,511 मत

  • : 1984 – कृष्ण शाही- कांग्रेस -विजेता–3, 87,165 मत
  • उपविजेता — कपिल देव सिंह-(जे एन पी) -1, 05,529 मत

  • : 1989 – ललित विजय सिंह (जेडी) – विजेता-3, 33,570 मत
  • उपविजेता — कृष्ण शाही – कांग्रेस-2,58,849 मत

  • :1991 – कृष्ण शाही -कांग्रेस विजेता-3, 43,05 मत
  • उपविजेता – रामबदन राय (जेडी) -2,75,104 मत

  • :1996 – रामेंद्र कुमार (आइ एनडी) विजेता -2, 82,191
  • उपविजेता – कृष्णा शाही- कांग्रेस-2,56,267

  • : 1998 -राजो सिंह- कांग्रेस- विजेता-2, 96,475 मत
  • उपविजेता – कृष्ण शाही -( एस ए पी) -2, 43,568 मत

  • : 1999 – राजो सिंह- कांग्रेस विजेता-3, 18,244 मत
  • उपविजेता – श्याम सुंदर सिंह – जेनयू — 2,98,234 मत

  • :2004 – राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह- विजेता–जेडयू –3, 01,562 मत
  • उपविजेता– कृष्णा शाही – कांग्रेस- 2,81,071 मत

  • : 2009 डा मोनाजिर हसन -जेडयू – विजेता -2, 05,608 मत
  • उपविजेता — शत्रुघ्न प्रसाद सिंह – भाकपा -1, 64, 843 मत

  • : 2014 – डॉ भोला सिंह – भाजपा- विजेता-4, 28,227 मत
  • उपविजेता – मो तनवीर हसन – राजद –3, 69,892 मत

  • : 2019– गिरिराज सिंह -भाजपा विजेता -6, 92,193 मत
  • उपविजेता — कन्हैया कुमार- भाकपा-2,69,976 मत

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