बेगूसराय. तीज और चौठचंदा को लेकर शुक्रवार को शहर से लेकर गांव तक भक्तिमय माहौल बना रहा. संध्याकालीन में व्रतियों ने चौठचंदा को लेकर पकवान,दही व फल लेकर चंद्रमा को अर्घ समर्पित किया.इस पर्व को लेकर पूरे दिन बाजारों में भी गहमागहमी बनी रही. वहीं दूसरी ओर सुहागन महिलाओं के द्वारा तीज अनुष्ठान शुरू किया गया. महिलाएं अपनी सुहाग की सलामती के लिए पूरी रात जगकर भगवान शिव व पार्वती की अराधना करती है. वहीं डंडारी प्रतिनिधि के अनुसार सुहागिनों का पावन त्योहार हरितालिका तीज गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर सुहागिनों ने निर्जला उपवास के साथ ब्रत रखी एवं मां गौरा से सुखी वैवाहिक जीवन व पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मांगा. ऐसी मान्यता है कि इस ब्रत को पहली बार मां पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए की थी. मां पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए अन्न, जल सभी त्याग दिया था. कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव प्रकट होकर मां पार्वती को पत्नी के रुप में स्वीकार करने का वचन दिया था.यह भी मान्यता है कि इस ब्रत को करने से जहां कन्याओं को मनोनुकूल वर की प्राप्ति होती है वहीं सौभाग्यवती महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ब्रती महिलाओं ने गणेश पूजन के बाद शिव -पार्वती की पूजा उपासना की. गढ़पुरा संवाददाता के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में सुहागिन महिलाओं ने हरतालिका तीज का पर्व काफी उत्साह एवं धूमधाम के साथ मनाया. इस अवसर पर मंदिरों, बाजारों में काफी रौनक रही. बाजारों में सुहाग सामग्री खरीदने के लिए महिलाओं की भीड़ रही. सुहागिन महिलाओं ने यह व्रत अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखा. भगवान शिव देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं ने मंदिरों में पंचामृत से शिवलिंग को स्नान करवाया. तीज को लेकर प्रसिद्ध शिव नगरी बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा में पूजा अर्चना करने वाले लोगों की भीड़ लगी रही. गढ़पुरा के पंडित नवीन झा ने कहा कि हरतालिका व्रत के पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर नहा- धोकर पूरा सृंगार किया जाता है. पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी- शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके बाद देवी पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित की जाती है. रात के समय भजन- कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है. इसके बाद शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है. बछवाड़ा संवाददाता के अनुसार मिथिलांचल इलाके के प्रसिद्ध झमटिया घाम गंगा घाट पर शुक्रवार की अहले सुबह से ही तीज व्रत को लेकर गंगा स्नान करने श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़. विभिन्न इलाके से गंगा स्नान करने के लिए पहुचने वाले श्रद्धालुओं के कारण झमटिया ढ़ाला स्थित एनएच 28 के दोनों किनारे पर वाहनों की लम्बी लाईन लगी हुई थी. तीज व्रत को लेकर बछवाड़ा बाजार में भी दिन भर लोगों की भीड़ देखा गया. गंगा स्नान करने के लिए पहुंची श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद गंगा घाट स्थित शिव मंदिर में पूजा पाठ कर गंगा जल लेकर अपने अपने घर के लिए प्रस्थान किया. तीज व्रत को लेकर महिलाओं ने रात भर जागरण करते हुए भजन-कीर्तन कर शिव-पार्वती की पूजा अर्चना की. महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रख कर फुल-बेलपत्र से शिव की अराधना करने में लगी रही एवं अपने-अपने परिवार की सुख-समृधि की कामना की.
चंद्रदेव की पूजा करने से मनोकामनाएं होती हैं पूरी :
नावकोठी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चौर चंद्रव्रत व तीज का त्योहार श्रद्धा व विश्वास से हर्षोल्लास से मनाया गया. इस बार चौर चंद्रव्रत और तीज पंचांग के अनुसार एक ही दिन शुक्रवार को मनाया गया. इस व्रत को महिलाएं अपने पति के साथ अपने बच्चों लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. धार्मिक कथाओं के अनुसार, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान चंद्रमा को कलंक लगा था. इसलिए इस दिन जो भी लोग भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा अर्चना करते हैं उन्हें चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने के साथ इस खास व्रत कथा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती है. महिलाएं 24 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत करती हैं. रात के समय महिलाएं जागरण करती हैं और अगले दिन सुबह पूजा अर्चना के बाद पारण करती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है