बीहट. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर जिले के प्रसिद्ध सिमरिया घाट में शुक्रवार को आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया. वहीं गुरुवार को देर शाम से ही राज्य के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं का आना जो शुरू हुआ,वह शुक्रवार को पूरे दिन जारी रहा. सिमरिया गंगा घाट के पुरोहितों के अनुसार लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर मां गंगा की आराधना की. घाट पंडितों की मानें तो हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान को लेकर शाम से गंगा तट से लेकर विभिन्न खालसा, होटलों व पंडालों में टिके हुए थे. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लोगों की भीड़ के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की सक्रियता से कहीं भी जाम लगने की नौबत नहीं आयी. गंगा स्नान करने के लिये सिमरिया घाट पहुंचने और फिर स्नान कर घर लौटने में कहीं परेशानी नहीं हुई. सदर एसडीओ राजीव कुमार, एसडीपीओ-2 भास्कर रंजन, बरौनी सीओ सूरजकांत, चकिया थाना अध्यक्ष नीरज कुमार चौधरी और मेला थाना पुलिस पदाधिकारी भानू प्रताप सिंह, घाट संवेदक दिलीप कुमार सिंह पूरी मुस्तैदी से मेला क्षेत्र का माॅनीटरिंग करते दिखे. वहीं मेला में सजी दुकानों में मूल्य तालिका नहीं रहने के कारण दुकानदारों ने मनमाने ढ़ंग से मुनाफाखोरी की.
रेल व सड़क मार्ग से पहुंचे श्रद्धालु :
सिमरिया गंगा घाट में डुबकी लगाने के लिए बेगूसराय के अलावे राज्य के विभिन्न जिलों समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढी, खगड़िया, शेखपुरा समेत अन्य जिलों से लोग रेल व सड़क मार्ग से सिमरिया पहुंचे. खासकर इस वर्ष नेपाल से बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालु निजी वाहन से सिमरिया घाट पहुंचे थे.गंगा तट की सफाई पर नहीं रखा गया विशेष ध्यान :
सिमरिया गंगा तट पर इस बार शुरू से ही साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं रखा गया था. वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर जुटे श्रद्धालुओं ने भी गंदगी फैलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. मुंडन के बाल, दातुन, कपड़े, कुड़ा-कचरा व जहां-तहां मल-मूत्र करके घाट को कई जगहों पर गंदा कर दिया. वहीं मुख्य स्नान घाट सहित अन्य स्नान घाट पर पानी-कीचड़ से घाट पर फिसलन हो जाने से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत हो रही थी.गंगा घाट पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त :
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सिमरिया गंगा घाट में होने वाले भीड़ को लेकर सुरक्षा का बंदोबस्त किये गये थे.गंगा घाट में जिला प्रशासन के द्वारा जहां घाटों की बेरिकेटिंग की गयी थी, वहीं एसडीआरएफ के जवान और गोताखोरों का दल मुस्तैदी से पानी के अंदर बोट से निगाह रखे हुए थे. सुबह से लेकर देर शाम तक प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा कड़ी चौकसी बरती गई,सिविल डिफेंस के लोग घाटों पर चौकसी करते दिखे.इसके अलावे जगह जगह प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी थोड़े चुस्त होकर अपनी जगह पर खड़े दिखे.बड़ी संख्या में लोगों ने कराया धार्मिक कार्य :
हर-हर गंगे के जयकारे से पूरा सिमरिया घाट गुंजायमान होता रहा. लोगों की भीड़ से सिमरिया गंगा घाट की छटा देखते ही बन रही थी.चारों तरफ लोगों में उत्साह का माहौल देखा गया. सिमरिया स्थित सिद्धाश्रम में मां काली मंदिर में आने वाले लोगों ने पूजा-अर्चना की एवं स्वामी चिदात्मनजी से आशिर्वाद प्राप्त किया वहीं दूसरी ओर गंगा घाट में बड़ी संख्या में लोगों ने धार्मिक कार्य भी संपन्न किया. सैकड़ों की संख्या में जहां बच्चों का मुंडन कराया गया,वहीं विभिन्न क्षेत्रों से खास करके नेपाल से बड़ी संख्या में आये भगत-भगतिनों के करतबों को देखने के लिये लोगों की भीड़ लगी रही.कल्पवासियों में दिखा उत्साह :
गत सवा महीने से सिमरिया गंगा घाट में पर्ण कुटीर बनाकर गंगा सेवन कर रहे श्रद्धालुओं में पूर्णिमा के मौके पर विशेष उत्साह देखा गया.इस मौके पर कल्पवासियोंने पूरी आस्था के साथ अपने स्नान के एक माह पूरे किये.हालांकि सिमरिया गंगा घाट में पर्णकुटीर बनाकर रह रहे कुछ कल्पवासी संक्रांति तक गंगा में डुबकी लगाने के बाद वापस घर लौटेगें. वहीं कुछ कल्पवासी पूर्णिमा स्नान कर घर लौटने लगे हैं.मेला क्षेत्र में सूचना केंद्र ने बखूबी निभाया सेवाधर्म :
मेला क्षेत्र के बाहर चार पहिये वाले वाहनों की पड़ाव व्यवस्था ने लोगों को काफी राहत दी, वहीं मेला क्षेत्र में दोपहिया वाहन बेरोकटोक मेला क्षेत्र व स्नान घाट व बाजार होकर आते-जाते रहे. सिविल डिफेंस के लोग सूचना केन्द्र व स्नान घाटों पर सहयोग करते हुए बखूबी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए व्यवस्था को सफल बनाया.कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगभग 200 मामलों में अपनों से बिछड़े लोगों को परिजनों से मिलाने का काम सूचना केंद्र ने किया.सिद्धाश्रम में प्रवचन सुनने के लिए उमड़े श्रद्धालु :
सिमरिया गंगा घाट स्थित सिद्धाश्रम के ज्ञान मंच परिसर में स्वामी चिदात्मनजी के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. स्वामी चिदात्मनजी ने प्रवचन करते हुए कहा वह धन्य है शिष्य जो गुरू का और धन्य है वह पुत्र जो अपने माता-पिता का नाम रौशन करता है. उन्होंने कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान के महत्व का बखान करते हुए कहा स्नान की सतयुग से चली आ रही है. उन्होंने कुंभ स्नान का महत्व बताते हुए कहा कि भगवान शिव, विष्णु और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार मोक्षदायिनी देवी यानी मां गंगा की पूजा और गंगा स्नान करने से साधक को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है