Bihar Politics: नीतीश कैबिनेट की बैठक मंगलवार को हुई, जिसमें 36 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किये गये. इसी क्रम में कैबिनेट ने चेरियाबरियारपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी रहे डॉक्टर अकबर मसाहिदी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. उक्त चिकित्सक को अनिधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी है. बताया गया कि डॉक्टर अकबर मसाहिदी 2 नवंबर 2017 से लगातार बिना कोई कारण बताए अस्पताल से अनुपस्थित चल रहे थे. बर्खास्तगी के संबंध में जब डॉ अकबर मसाहिदी से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि 10 जून 2016 को मैंने चेरियाबरियारपुर सीएचसी को ज्वाइन किया. उस समय एमबीबीएस के 6 पदों के विरुद्ध इकलौता मैं ही एमबीबीएस था. इस कारण कार्य का अधिकता थी.
Bihar Politics: 24 घंटे भी करना पड़ता है काम
24-24 घंटे काम करने होते थे. लगातार काम करने के कारण मेरी तबीतय बिगड़ गई. नींद नहीं आती थी. ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया. इसके बाद मैंने 02 नवंबर 2017 को असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी, बेगूसराय को पत्र लिख डॉक्टर को बहाल करने और खुद के लिए अवकाश मांगा. डाॅ मसाहिदी की मानें तो उनके अवकाश पर जाने के बाद डॉ चक्रवर्ती ने चेरियाबरियारपुर सीएचसी में 05 जुलाई 2017 को ज्वाइन किया. वे यहां 11 अक्टूबर 2018 तक कार्यरत रहे. मैन पावर कम होने के कारण उन पर भी काम करने का प्रेशर था. वे मानसिक तनाव में रहने लगे तथा 14 नवम्बर 2018 को सड़क हादसे में उनकी मौत हो गयी. डॉ मसाहिदी के अनुसार 11 अक्टूबर 2018 को डॉ चक्रवर्ती ने काम की अधिकता के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद करीब 18 महीने तक किसी भी एमबीबीएस ने यहां ज्वाइन नहीं किया.
Bihar Politics: क्या है पूरा मामला
सितंबर 2020 में तीन चिकित्सक आए. तो मैंने भी योगदान के लिए चिकित्सा प्रभारी से आग्रह किया. वहीं 23 सितंबर 2022 को विभाग को लिखे पत्र में डॉक्टर मसाहिदी ने बताया कि 15 सितंबर 2020 को डॉ अजीत कुमार, डॉ ऋषभ कुमार गुप्ता और डॉ आकृति किरण ने चेरिया बरियारपुर सीएचसी में ज्वाइन किया. इसके बाद मुझे लगा कि मैं अब काम कर सकता हूं. तो योगदान के लिए चिकित्सा प्रभारी से आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आप सिविल सर्जन, बेगूसराय से संपर्क करें. सिविल सर्जन से संपर्क किया तो बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव से अनुमति लेकर आइए तभी योगदान कर पाएंगे. सात नवंबर 2022 को विभागीय कार्रवाई के दौरान डॉ मसाहिदी के तर्क को खारिज कर दिया गया. उन्होंने आग्रह किया था कि उन्हें मंसूरचक या बछवाड़ा के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित किया जाये. ये दोनों केंद्र उनके घर से 20 किमी दूर है. विभाग ने उनके इस तर्क को खारिज कर दिया कि 24 घंटे काम करने के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ा है.