बेगूसराय. न्यायिक दंडाधिकारी रोहित की अदालत ने परिवाद पत्र संख्या 681/ 2024 की सुनवाई करते हुए इस मामले के सात आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी करने का निर्देश दिया है. बता दें कि नगर थाना के पोखरिया निवासी परिवादी अभिषेक कुमार, प्रोपराइटर मेसर्स वैभवी ग्रीन इंटरप्राइजेज ने अपने साथ हुए 77 लाख रुपये की धोखाधड़ी को लेकर बिहार राज्य शिक्षा आधारभूत संरचना प्राधिकरण लिमिटेड शिक्षा भवन बिहार राष्ट्रभाषा परिषद केंपस सैदपुर पटना में पदस्थापित कनीय अभियंता विपिन कुमार एवं एमटीएस एकाउंट डिपार्टमेंट में पदस्थापित संजय पासवान एवं मुफस्सिल थाना के जीनेदपुर निवासी विकास कुमार, सुप्रिया कंचन, संदीप कुमार ,विवेक कुमार, गिरीश प्रसाद सिंह पर न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया है.
77 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने की कार्रवाई
न्यायालय ने सभी आरोपित के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 406, 420, 120 बी एवं आईटी एक्ट की धारा 73 और 74 में 5 जून 2024 को संज्ञान लेते हुए सभी सात आरोपित को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था. परिवादी की ओर से न्यायालय में अधिवक्ता गुंजन कुमार परिवादी का पक्ष न्यायालय में रख रहे हैं, उन्होंने बताया कि जब आरोपित न्यायालय में समन के बाद उपस्थित नहीं हुए तब न्यायालय ने सभी आरोपित के विरुद्ध 21 दिसंबर 2024 को गैर जमानतीय वारंट जारी किया है.
टेंडर दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का लगाया गया था आरोप
परिवादी अभिषेक कुमार ने सभी आरोपित पर आरोप लगाया है कि वर्ष 2021 में विकास कुमार ने परिवादी को शिक्षा विभाग में बिल्डिंग निर्माण का टेंडर दिलवाने एवं बहुत सारा पैसा कमाने की बात बता कर आरोपित संजय पासवान तथा विपिन कुमार से मिलवाया और सभी आरोपित ने टेंडर दिलाने के नाम पर परिवादी से नगद और बैंक खाता के माध्यम से विभिन्न तिथियां में लगभग 77 लाख रुपए धोखाधड़ी करके ले लिया. आरोपित द्वारा परिवादी को टेंडर नहीं दिलवाने के बाद जब परिवादी ने रुपया वापस लौटाने का दबाव बनाया तब आरोपित विकास कुमार ने 77 लाख 55 हजार रुपये का चार चेक परिवादी को दिया, जो चेक बैंंक में बाउंस कर गया. बता दें कि शिक्षाकर्मी आरोपित संजय पासवान की अग्रिम जमानत आवेदन जिला जज न्यायालय से तीन दिसंबर 2024 को खारिज की जा चुकी है.
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