Begusarai News : पहले दिन भक्तों ने की मां शैलपुत्री की आराधना, भक्ति में डूबा इलाका

Begusarai News : कलश स्थापना के साथ ही जिले में नवरात्र शुरू हो गयी है. गुरुवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में श्रद्धालु ने नवरात्र की कलश स्थापना के साथ ही माता का पूजा अर्चना की. प्रथम दिन मां शैलपुत्री की लोगों ने पूजा अर्चना किया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 9:30 PM
an image

बेगूसराय. कलश स्थापना के साथ ही जिले में नवरात्र शुरू हो गयी है. गुरुवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में श्रद्धालु ने नवरात्र की कलश स्थापना के साथ ही माता का पूजा अर्चना की. प्रथम दिन मां शैलपुत्री की लोगों ने पूजा अर्चना किया. शुक्रवार को श्रद्धालु माता का दूसरा रुप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करेंगे. कलश स्थापना तथा माता की प्रथम पूजा को लेकर शहर के विभिन्न पूजा समितियों में अहले सुबह से ही चहल-पहल काफी बढी रही.समितियों के कार्यकर्ताओं में नवरात्र की मेले की तैयारियों को लेकर भी उत्साह काफी बढ़ गयी है.दुर्गा माता की प्रतिमा की भी तैयारी में कलाकार दिन रात लगें हुए हैं. मेले के आयोजन को लेकर शहर के पचास दुर्गा पूजा समिति में पूजा पंडाल तथा आकर्षक तोरणद्वार बनाये जाते हैं.इस वर्ष भी सभी समितियों के कार्यकर्ता पंडालों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं. शहर के लोहियानगर, विष्णुपुर, नगरपालिका चौक, बड़ी पोखर, पनहांस, बीएमपी आठ समेत अन्य पूजा पंडालों में मां की अराधना से पूरा इलाका भक्तिमय बना हुआ है.बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के चमथा बड़खुट वार्ड नंबर 5 गांव निवासी स्व रामचंद्र सिंह के 50 वर्षीय पुत्र राम बच्चन सिंह पिछले वर्ष 2008 से लगातार नवरात्र में कलश छाती पर रखकर नौ दिनों तक यह कठिन अनुष्ठान कर रहे हैं. उनका इस बार 16 वर्ष पूरा हो रहा है. दुर्गा भक्त रामबचन सिह ने पूछने पर बताया कि इस अनुष्ठान को रखने से पहले हम एक सप्ताह से हम खाना पीना छोड़ देते है. आज से लेकर हम नौ दिनों तक छाती पर कलश रखकर सिर्फ हवा पीकर रहेगे. यह सब मां भगवती की से संभव हो पाता है, यही तक हम इस बीच में कभी भी मल मूत्र का भी त्याग नही करते है. दुर्गा जी का भक्त राम वचन सिह ने बताया कि हमारी पत्नी शीला देवी और मेरी दो पुत्री रश्मि ,रूही और मेरा एक छोटा पुत्र रवि देव कुमार भी अपने घर बरखुट गाँव में कलश स्थापित कर पूजा अर्चना करते है. डंडारी प्रतिनिधि के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ दशहरा का महापर्व गुरुवार से शुरू हो गया है. इस अवसर पर तेतरी, डंडारी, बांक, बलहा, सिसौनी आदि सार्वजनिक दुर्गा मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना का काम शुरू हो गया है. इस वर्ष महादेवी पालकी पर सवार होकर पृथ्वी पर आ रही है. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान देवी मां की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के कष्ट, रोग, दोष, दुख और दरिद्रता का नाश हो जाता है. मालूम हो कि शारदीय नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होने हैं. देवी सती के रूप में आत्मदाह करने के बाद देवी पार्वती ने पर्वतराज हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया. संस्कृत में शैल का अर्थ पर्वत होता है इसलिए देवी को पर्वत की पुत्री शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि को लेकर प्रखंड क्षेत्र के गांवों में उत्सवी माहौल देखा जा रहा है. पूजा – पंडालों से मंदिर परिसर को आकर्षक रुप से सजाने का काम जारी है. मटिहानी प्रतिनिधि के अनुसार नवरात्रि कलश पूजा मंत्रो उच्चारण के साथ प्रारंभ हुई, नवरात्रि कलश पूजा सार्वजनिक बड़ी दुर्गा मंदिर लवहरचक, सार्वजनिक पुरानी दुर्गा मंदिर लवहरचक, सार्वजनिक दुर्गा मंदिर सिहमा, सार्वजनिक दुर्गा मंदिर बदलपुरा ,सार्वजनिक दुर्गा मंदिर रामदीरी नकटी ,दुर्गा मंदिर महाजी, दुर्गा मंदिर रचियाही नयाटोला, दुर्गा मंदिर जगतपुरा ,दुर्गा मंदिर नयागांव सहित अन्य जगह पर नवरात्रि कलश पूजा प्रारंभ हुई. साहेबपुरकमाल प्रतिनिधि के अनुसार गुरुवार को कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र पूजा प्रारंभ हो गई.शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गई.प्रखंड क्षेत्र के कुरहा दुर्गा मंदिर के अलावे पँचवीर,छर्रा पट्टी,मल्हीपुर, रहुआ,चौकी,सनहा ,विष्णुपर आहोक गाँव के दुर्गा मंदिरों में माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर सार्वजनिक नवरात्र पूजा शुरू की गई है.दुर्गा मंदिर में दुर्गा पाठ और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है.जबकि संध्या आरती में महिला भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.मेला को लेकर पूजा कमिटी द्वारा मंदिर के साथ साथ मेला परिसर की भव्य और आकर्षक सजावट कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है जबकि मूर्तिकार भी माँ दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में दिन रात लगे हैं.कुरहा दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि नवरात्र पूजा के अवसर पर प्रथम दिन की पूजा से अंतिम मेला तक विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.इस अवसर पर 3 से 12 अक्टूबर तक रात में रासलीला,दिन में दो बजे से रामकथा ,9 अक्टूबर को शाम 6 बजे दीप यज्ञ,10 से 12 अक्टूबर तक लगातार तीन दिनों तक देश के चर्चित महिला और पुरुष पहलवानों की कुश्ती के साथ साथ नवमीं मेला के अवसर पर स्थानीय कलाकार द्वारा लघु नाटक डोमकछ और दसवीं को रात में जट जटिन नाटक की प्रस्तुति होगी जबकि दसवीं को ही शाम में रावण दहन का कार्यक्रम तय है.इसी तरह पँचवीर में प्रथम पूजा से ही प्रतिदिन खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा.नवरात्र पूजा को लेकर क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना है. नावकोठी प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के आठ दुर्गा मंदिरों के अतिरिक्त प्रज्ञा मंदिरों तथा घरों में कलश स्थापना के साथ ही नौ दिनों का शारदीय नवरात्रि गुरूवार से प्रारंभ हो गया.वृंदावन, छतौना, पीरनगर, नावकोठी के तीन, गौरीपुर, देवपुरा दुर्गा मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश की स्थापना कर पूजा अर्चना की गयी. दुर्गा सप्तशती के पाठ से वातावरण गुंजायमान हो उठा. पंडित सतीश चंद्र पाठक ने कहा कि कलश स्थापना कर पूजा प्रारंभ करने से सभी विघ्न बाधाएं, विनाशकारी शक्तियों का शमन हो जाता है.इसमें तैंतीस कोटि देवताओं का वास हो जाता है. जो आयोजित यज्ञानुष्ठान को निर्विघ्न पूर्णता प्रदान करते हैं. भगवानपुर प्रतिनिधि के अनुसार शारदीय नवरात्र के पहले दिन प्रखंड क्षेत्र में मां शैलपुत्री की आराधना की गई. भक्तों ने मातारानी के पूजा अर्चना पूरे भक्ति भाव से किये. गुरुवार को सुबह से ही मंदिरों के आगे भक्तों की लाइन लग गई. माता के जयकारों से पूजा पंडाल गूंज उठा. वहीं घरों में श्रद्धालुओं ने कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना किये. इस दौरान श्रद्धालुओं ने माता रानी का व्रत रखकर परिवार की खुशहाली की कामना की. घर और मंदिरों में विधिविधान से कलश स्थापना के साथ अखंड ज्योति जलाई गई. खोदावंदपुर प्रतिनिधि के अनुसार खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिरों व घरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गुरुवार की सुबह में कलश स्थापना के साथ ही शारदीय नवरात्र शुरू हो गया. क्षेत्र के सर्व मनोकामना सिद्धि दुर्गा पूजा समिति मसुराज में 131 कलश स्थापित की गयी, जबकि मां भवानी दुर्गा पूजा समिति चलकी में 61, सार्वजनिक मां दुर्गा पूजा समिति तारा बरियारपुर में 41 एवं सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति बाड़ा में कलश स्थापित पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया. इसके अलावे मनोकामना दुर्गा मंदिर तेतराही, पथराहा, नारायणपुर, सागीडिह, बाड़ा, चकयद्दू मालपुर एवं मेघौल पेठिया स्थित दुर्गा मंदिरों के अलावे कई घरों में श्रद्धालुओं ने बूढ़ीगंडक नदी के विभिन्न घाटों, तालाबों, कुआं व चापाकलों पर पवित्र स्नान कर कलश स्थापित कर प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना श्रद्धा भाव से की गयी. वहीं दूसरी ओर दौलतपुर पंचायत के चलकी गांव स्थित वार्ड 12 निवासी रविंद्र महतो का पुत्र राजीव कुमार मां भवानी दुर्गा पूजा समिति चलकी परिसर में पहली बार छाती पर कलश धारण कर भगवती दुर्गा की उपासना कर रहे हैं. इन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है. साधक के दादा राम नारायण महतो ने बताया कि उनका पौत्र आगामी नौ दिनों तक निराहार और निर्जला रहकर भगवती दुर्गा की उपासना करने का संकल्प लिया है. इस मौके पर दुर्गा सप्तशती पाठ से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version