मंसूरचक : मंगलवार की रात अचानक तेज आंधी, बारिश होने से एक बार फिर किसानों को प्रकृति ने रूला दिया है.एक ओर जहां कोरोना वायरस संक्रमण जैसी महामारी से सभी लोग जूझ रहे हैं. तो दूसरी तरफ अन्नदाता किसान इस विषम परिस्थिति में भी अपनी जान की परवाह किये बगैर जोखिम उठा कर गेहूं की फसल कटवाने, तैयार करवाने में जुटे ही थे. इसी बीच प्रकृति ने अपना कहर बरपा दिया .नतीजतन खेत में 80 प्रतिशत लगी गेहूं की फसल खेत में ही गिरकर पौधा क्षतिग्रस्त हो गया. कुछ गेहूं का बोझा जो थ्रेसिंग के लिए रखा गया था. वह भी वर्षा की चपेट में आने से भींग गये. किसान मुनेश कुमार चौधरी, संजय कुमार ईश्वर, उमेश सिंह, पवन कुमार सिंह सहित अन्य ने बताया कि किसानों की सूधी लेने वाला कोई नहीं है. गंगा भासो नंदनी जनजागरन समिति के अध्यक्ष रामोद कुंवर, रानी एक पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, बैद्यनाथ महतो, विमल कुमार महतो अन्य ने राज्य,केंद्र सरकार से सभी किसानों के बैंक ॠण माफ करने, बगैर ब्याज के तीन-तीन लाख रुपये खेती को जीवंत रखने के लिए दिये जाने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर भगवानपुर प्रखंड के वनवारीपुर समेत अन्य क्षेत्रों में गेहूं की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. जदयू नेता गुंजन कुमार ने सरकार से किसानों को सहायता देने की मांग की.
कुछ गेहूं का बोझा जो थ्रेसिंग के लिए रखा गया था. वह भी वर्षा की चपेट में आने से भींग गये. किसान मुनेश कुमार चौधरी, संजय कुमार ईश्वर, उमेश सिंह, पवन कुमार सिंह सहित अन्य ने बताया कि किसानों की सूधी लेने वाला कोई नहीं है. गंगा भासो नंदनी जनजागरन समिति के अध्यक्ष रामोद कुंवर, रानी एक पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, बैद्यनाथ महतो, विमल कुमार महतो अन्य ने राज्य,केंद्र सरकार से सभी किसानों के बैंक ॠण माफ करने, बगैर ब्याज के तीन-तीन लाख रुपये खेती को जीवंत रखने के लिए दिये जाने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर भगवानपुर प्रखंड के वनवारीपुर समेत अन्य क्षेत्रों में गेहूं की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. जदयू नेता गुंजन कुमार ने सरकार से किसानों को सहायता देने की मांग की.