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हीट वेब से लोगों को नहीं मिल रही है राहत, जिले के कई इलाकों में गिरा जल स्तर

चिलचिलाती धूप और हीट वेब से लोग शुक्रवार को भी हलकान रहे. गर्मी और लू से पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है

बेगूसराय. चिलचिलाती धूप और हीट वेब से लोग शुक्रवार को भी हलकान रहे. गर्मी और लू से पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. आसमान से उगलते आग के बीच शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज की गयी. भीषण गरमी के मौसम में जब पानी की खपत काफी बढ जाती है.तो वही ऐसे समय में ही जिले का जलस्तर भी काफी गिर जाती है.जिससे पेयजल से लेकर अन्य कार्यों के लिए पानी के उपयोग को लेकर परेशानी बढने लगी है. जिले के कई क्षेत्रों में जलस्तर नीचे चले जाने से हैंड पंप पर काफी दम लगाने पर ही पानी आ रहें हैं.लोगों के बीच इस बात की भी चर्चा जोर पकड़ रही है कि अप्रैल में इस वर्ष जब इतनी गरमी पड़ रही है तो मई-जून के क्या हालत होंगे.लोग का मानना है कि तापमान काफी उपर जा सकता है.काफी गरमी पड़ने के आसार हैं.और जैसे जैसे गरमी बढती है.पानी की खपत भी बढ़ जाती है.पशु हो या आदमी पानी सबके जीवन के लिये अत्यंत ही आवश्यक है.जिले को प्राकृतिक रुप से जल को लेकर बड़ा सौभाग्य प्राप्त है.गंगा के तट पर बसा है बेगूसराय जिला.साथ ही कई अन्य नदियां भी जिले से होकर निकलती है.किंतु गरमी के मौसम में गंगा किनारे बसे विभिन्न क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में जल स्तर काफी गिर जाता है.जिले के कई प्रखंडों में हैंड पंप से पानी की मात्रा आना पिछले फरवरी मार्च महीने की तुलना में कम हो गये हैं.पानी को लेकर जिलेवासियों की चिंता स्वाभाविक है.हलांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले का जल स्तर घटा जरुर है.परंतु खतरनाक स्थिति में नहीं हैं.जिले के एक दो प्रखंड के कुछ ही स्थानों पर भूजल स्तर ज्यादा नीचे गया है.पीईएचडी विभाग के अनुसार भूजल स्तर 25 फीट से नीचे जाने पर खतरा पैदा करता है.अभी वर्तमान में पूरे जिले का औसत भूजल लगभग 22 फीट है.वहीं जिले के एक-दो प्रखंडों के कुछ ही क्षेत्रों में 20 फीट से 23 फीट तक भूजल स्तर पहुंचा है.नीमा में सबसे नीचे भू जल स्तर 24फीट 11 इंच रिकॉर्ड की गयी है.वहीं सबसे बेहतर भूजल स्तर बखरी चक्रनाथ पुर में 15 फीट सात ईंच रिकॉर्ड की गयी है. वहीं पीएचइडी विभाग का कहना है कि जिले में काफी गर्मी बढ़ने पर भी पेयजल के संकट की संभावना नहीं दिखती है. विभाग के अपने दावे हैं कि पूरे जिले में आइएम-2 तथा आइएम-3 श्रेणी के लगभग 8 हजार 139 हैंड पंप विभिन्न प्रखंडों में कार्य कर रहें हैं.इन हैंड पंपों से 50 फीट तक भी भूजल स्तर चले जाने पर भी जल की उपलब्धता बनी रहेगी.इंडिया मार्का हैंड पंपों सहित पूरे जिले में पीएचईडी द्वारा कुल 20 हजार 562 हैंड पंप कार्य कर रहें हैं.जिनमें लगभग 240 हैडपंप जो विभिन्न तकनीकी खराबी के कारण नहीं काम कर रहें हैं उन्हें भी दुरुस्त किया जा रहा है.अभीतक 1366 हैंड पंप ठीक किए जा चुके हैं. शहर में पेयजल की आवश्यकता काफी बढ जाती है.पूरे जिले से मुख्यालय लोग विभिन्न कार्यों को लेकर पहुंचते हैं.शहर में भीड़ का काफी दवाब होता है.शहर में पेयजल की व्यवस्था का दवाब बढ जाता है.नगर निगम क्षेत्र में कुल सैकड़ों हैंड पंप तथा लगभग 40 स्थाई प्याउ है.इसके साथ ही गरमी को देखते हुए निगम प्रशासन द्वारा ट्रैफिक चौक,समाहरणालय चौक,नगर निगम चौक,पीईएचडी ऑफिस चौक,खातोपुर चौक बस स्टैंड चौक, हरहर महादेव चौक सहित कुल 14 स्थानों पर अस्थाई प्याउ की भी व्यवस्था की गयी है.वहीं राहगीरों को पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर स्वंयसेवी संगठन अल हम्द फाउंडेशन द्वारा नवाब चौक पर निशुल्क मीठे पेय जल की व्यवस्था किया गया है.जिससे लोगों को बहुत राहत मिली है. इस संबंध में पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार ने कहा कि भूजल स्तर 25 फीट से नीचे जाने पर जल संकट का थोड़ा खतरा हो सकता है. फिर भी जिले में विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण हैंडपंप लगाये गये हैं. साथ ही कुछ तकनीकी कमियों के कारण जो हैंड पंप कार्य नहीं कर रहें हैं. वैसे हैंड पंपों का दुरुस्त किया जा रहा है.जिले में भीषण गर्मी में भी जल की आपूर्ति होती रहेगी.

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