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बाढ़ राहत सूची में धांधली को लेकर बाढ़ प्रभावित लोगों ने किया हंगामा, सीओ को घेरा

प्रखंड क्षेत्र के दियारे के पांच पंचायत के बाढ़ राहत सूची में धांधली को लेकर दियारे के दर्जनों लोगों समेत जनप्रतिनिधियों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अंचलाधिकारी कार्यालय में हंगामा किया.

बछवाड़ा.

प्रखंड क्षेत्र के दियारे के पांच पंचायत के बाढ़ राहत सूची में धांधली को लेकर दियारे के दर्जनों लोगों समेत जनप्रतिनिधियों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अंचलाधिकारी कार्यालय में हंगामा किया. जिसके बाद स्थानीय पदाधिकारी को आम जनता को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलाना पड़ा. बताते चलें कि बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगो के प्रत्येक परिवार को सात हजार रुपये दिये जाने की घोषणा की है. जिसके बाद स्थानीय पदाधिकारी के द्वारा आनन-फानन में प्रखंड क्षेत्र के पांच पंचायत चमथा एक, चमथा दो, चमथा तीन, विशनपुर व दादुपुर बाढ़ पीड़ितों का लिस्ट पेश कर दिया गया. जब दियारे के आम लोगों को पदाधिकारी द्वारा भेजे गये लिस्ट की प्रति प्राप्त हुई तो लिस्ट देखकर लोग दंग रह गये. वही आमलोगों के द्वारा स्थानीय पदाधिकारी के द्वारा भेजे गये लिस्ट लेकर जब जनप्रतिनिधि के पास पहुंचा तो पंचायत के मुखिया ने लिस्ट के बारे में बताया की बाढ़ पीड़ितों का ये लिस्ट मेरे द्वारा पदाधिकारी को नहीं दिया गया. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के आम लोग राजन कुमार यादव, रोशन कुमार, दिनकर पासवान, राज कुमार, अमित ठाकुर, अंजू देवी, सदन पासवान, राजीव कुमार, अरुण राय, दीपक कुमार समेत अन्य लोगों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बाढ़ राहत सूची में वैसे लोगों का नाम शामिल हैं जो व्यक्ति मर चुके हैं या फिर नाबालिग है या फिर सरकारी नौकरी कर रहे हैं. साथ ही पति पत्नी दोनों का नाम शामिल हैं. उन्होंने बताया कि दियारे पांच पंचायत में एक भी अल्पसंख्यक व्यक्ति नहीं है फिर भी बाढ़ राहत सूची में अल्पसंख्यक का नाम जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनका नाम बाढ़ राहत सूची से हटा दिया गया है या फिर जोड़ा ही नहीं गया. जब हमलोग स्थानीय पदाधिकारी से शिकायत करते हैं तो पदाधिकारी कहते हैं हम इस विषय में कुछ नहीं जानते हैं. वहीं चमथा एक पंचायत के मुखिया संजय दास का कहना है कि बाढ़ राहत सूची बनाने से पुर्व अनुश्रवण समिति की बैठक की जाती है, लेकिन इस बार बाढ़ राहत सूची से पुर्व बैठक की खानापूर्ति की गयी. जब हमसे पंचायत के बाढ़ पीड़ितों का लिस्ट मांगा गया तो पुर्व से बने लिस्ट में से सत्तर लोग मृत थे. जिनके नाम के सामने मृत लिख कर मेरे द्वारा दिया गया था और करीब दो सौ चौबीस लोगों का नाम जोड़ने के लिए दिया गया था. जबकि हमलोगों के पास जो लिस्ट उपलब्ध हुआ है, उन लिस्ट में जिन लोगों का नाम जोड़ा गया था उनका नाम लिस्ट से गायब है और लिस्ट में वैसे लोगों का नाम जोड़ा गया है जिनकी मृत्यु हो चूंकि है. जब स्थानीय पदाधिकारी से लिस्ट मांग रहे हैं तो उनका कहना है कि लिस्ट हमारे पास नहीं है जिला से लिस्ट लाने के उपरांत लिस्ट दिया जाएगा. बाढ़ पीडितो का हंगामा देख अंचलाधिकारी कार्यालय छोड़ चले गये. बाढ़ पीड़ितों ने कहा अगर पदाधिकारी के द्वारा बाढ़ राहत सूची में सुधार का सही निर्णय नहीं लिया जायेगा, तो हम बाढ़ पीड़ित स्थानीय पदाधिकारी समेत जिलाधिकारी के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य हो जायेंगे.

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