भीषण गर्मी की तपिश में पानी के लिए तरस रहे लोग
पूरे जिले में गर्मी और लू से लोग हलकान होने लगे है. शहर से लेकर गांव तक बढते गरमी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. शनिवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गयी.वही न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री से नीचे नहीं जा सका
बेगूसराय. पूरे जिले में गर्मी और लू से लोग हलकान होने लगे है. शहर से लेकर गांव तक बढते गरमी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. शनिवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गयी.वही न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री से नीचे नहीं जा सका. बीते शुक्रवार से ही जिले में बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं है. सोमवार से शनिवार के बीच लगभग तीन से चार डिग्री तापमान में वृद्धि हुई है.आने वाले एक सप्ताह में तापमान में कमी आने के संकेत नही है. पूरे जिले में तपती गर्मी के साथ चिलचिलाती धूप का असर एक सप्ताह में और अधिक परवान चढने के संकेत मौसम विभाग के द्वारा दी जा रही है. भीषण गर्मी व धूप से लोग हलकान हो रहे हैं. चापाकल के पानी का लेयर भी भागने लगा है. ऐसे में लोगों खासकर राहगीरों को प्यास बुझाने के लिए भी मशक्कत करना पड़ रहा है. नगर निगम के द्वारा प्याउं की व्यवस्था नहीं होने से शहर में प्रतिदिन विभीन्न कार्यो को लेकर पहुंचने वाले लोगों को प्यास बुझाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के कारण दोपहर में लोग नही के बराबर निकलते हैं.शहर की कई सड़के वीरान रहती है.शाम को ही चहल पहल बढती है. सरकारी दफ्तरों के अधिकांश कूलर चलते तो जरुर हैं परंतु उनकी ठंडक गायब नजर आ रही है.हवा भी नही के बराबर चल रही है.कर्मचारी लोग उमस और पसीने से हलकान होकर बीच बीच में हवा खाने के मूड में बाहर बरामदे पर निकल तो जाते है.परंतु हवा का एहसास कमरे के बाहर भी नही मिलता.मात्र 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है.अगले कुछ दिनों में गरमी के और अधिक बढने के संकेत हैं. अगले पांच दिनों तक प्रतिदिन तापमान में बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही जिले में 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवा भी चलेगी. झोंके के साथ 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी हवा चल सकती है.गरमी के कारण रसदार फलो व जूस की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है.खीरा,तारबूज,पपीता,नारियल पानी,गन्ने का रस आदि की बिक्री भी काफी बढ गयी है.लोग गरमी और प्यास दूर करने के लिए इन फलो का सेवन कर रहें हैं. गर्मी के मौसम में नमी के घट जाने से धूल उड़ने लगती है.शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर काफी धूल उड़ रही है.लोग धूल से परेशान है.शहर के हर सड़क तोड़कर सिवरेज और नलजल की पाइप विछाने हेतू जो गढ्ढे किए गये थे उससे भी काफी मिट्टी निकली थी.कुछ फिर गढ्ढे भर कर रिस्टोरेशन भी कर दी गयी.फिर भी कुछ मिट्टियां सड़कों के किनारे रह गयी.वो सारी मिट्टियां शुष्क होकर हवा में तैर रहें हैं.शहर में काफी संख्या में भवन निर्माण जारी है.भवन निर्माण के लिए जो गिट्टी बालू आदि गिराये जाते है.लोग जागरुकता के अभाव में उसे ढंक कर नही रखते.जिसके परिणाम है कि हवा के साथ वो इधर उधर उड़ रहें है जिससे लोग परेशान है.