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आत्महत्या या हत्या की उलझन में रणवीर की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा

रविवार को रणवीर का अंतिम संस्कार बूढ़ी गंडक नदी के सुहागी घाट के समीप कर दिया गया. जहां नम आंखों से ग्रामीणों की उपस्थिति में छोटे भाई पांडव ने मुखाग्नि दी. पिता परमानंद तांती कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं.

बखरी.

रविवार को रणवीर का अंतिम संस्कार बूढ़ी गंडक नदी के सुहागी घाट के समीप कर दिया गया. जहां नम आंखों से ग्रामीणों की उपस्थिति में छोटे भाई पांडव ने मुखाग्नि दी. पिता परमानंद तांती कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं. मृतक के चचेरे भाई संतोष सहित गांव के लोग इस घटना की न्यायिक जांच कराने एवं जेल में बंद रणवीर की मां वीणा देवी सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं. रणबीर पढ़ाई करने के साथ-साथ गांव में काफी मिलनसार भी था. वह नियमित रूप से घाघड़ा स्कूल के मैदान में गांव के युवकों के साथ क्रिकेट खेलता था. मृत युवक गांव के क्रिकेट टीम का कप्तान था. कुछ दिन पहले उसने पोखरिया की टीम को हराकर मेडल भी जीता था. उसकी मौत से उसके साथी क्रिकेट खिलाड़ी भी काफी मायूस हैं.

रणवीर और उसकी प्रेतिका नवम वर्ग से ही पढ़ते थे साथ-साथ :

रणवीर और उसकी प्रेतिका नवम वर्ग से ही उच्च विद्यालय घाघड़ा में साथ-साथ पढ़ते थे. मैट्रिक दोनों ने यहीं से किया, जहां रणवीर को फर्स्ट डिवीजन एवं उसकी प्रेतिका सेकंड डिवीजन से पास हुई. इसके बाद इंटर भी दोनों ने यहीं से किया. न केवल दोनों उच्च विद्यालय घाघड़ा में साथ-साथ पढ़ते थे, बल्कि घाघड़ा चौक पर स्थित एक निजी कोचिंग में भी दोनों साथ-साथ पढ़ा करते थे. बताया जाता है कि नवम वर्ग से ही दोनों के बीच प्रेम शुरू हो गया था. मैट्रिक में आते-आते दोनों का प्रेम परवान चढ़ गया तो इसकी जानकारी लड़की एवं लड़का दोनों के परिजनों को हो गयी. दोनों के परिजनों ने प्रयास भी किया था कि यह प्रेम खत्म हो जाये. लेकिन जब साथ पढ़ रहे थे तो सबका प्रयास विफल हो गया.

बीपीएससी से अफसर बनने की ख्वाहिश ने जेल की फंदे पर तोड़ा दम :

इसी वर्ष रणवीर इंटर पास करने के बाद आरसीएस कॉलेज मंझौल में नाम लिखवाया था. साथ में वे बीपीएससी की तैयारी करता था. उसकी इच्छा थी कि मैं बीपीएससी पास करके अफसर बनूं. जबकि पिता मजदूर होने के चलते उनके पास उतने पैसे नहीं होते थे. इसलिए रणवीर ने अपने चचेरे भाई के सहयोग से नेशनल लेवल के कंप्टीशन की कई किताब मंगाने के साथ-साथ 4500 रुपये में ऑनलाइन क्लास करना भी शुरू किया था. जहां रात में वह करीब ग्यारह बारह बजे तक पढ़ता ही रहता था. इसके बाद रात में भी दोनों को बातें होती थी, लेकिन किसी को पता नहीं चल पाता था.

पढ़ाई के दौरान भाग कर की शादी :

इधर जब घर में उसकी प्रेतिका की शादी की बात होने लगी तो उसने अपने प्रेमी रणवीर को इसकी जानकारी दी और दोनों ने घर से भागकर शादी करने का प्लान बनाया. 27 जुलाई को वह कॉलेज जाने की बात कह कर घर से निकली और दोनों सलौना स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर समस्तीपुर पहुंचे. समस्तीपुर में एक मंदिर में उसी रात ही दोनों ने शादी कर ली. इधर 29 जुलाई को जब उसकी प्रेतिका की मां ने बखरी थाने में रणवीर, उसके पिता और मां पर एफआइआर दर्ज कर दिया तो पुलिस खोजने लगी. उसके मां-पिता भी घर से फरार हो गये. जहां चारों वीरपुर थाना क्षेत्र में एक रिश्तेदार के यहां छुप कर रह रहे थे.

लड़की के परिजनों ने बनाया दबाव पर मिली लड़की :

इधर लड़की के दबंग पिता जब रणबीर के अन्य परिजनों पर दबाव बनाने लगे तो परिजनों ने गलती मानी और कहा कि मैं लड़की को हवाले करवा देता हूं. इसके बाद 13 अगस्त को बखरी पुलिस को सूचना देकर लड़की को बरामद करवा दिया गया. पुलिस जब वहां पहुंची तो मौके पर से प्रेमी रणवीर और उसकी मां वीणा देवी को भी गिरफ्तार लिया. लेकिन प्रेमी रणबीर के पिता परमानंद तांती फरार हो गये. 14 अगस्त को पुलिस ने मां-बेटा को जेल भेज दिया. जबकि बयान के बाद लड़की को पिता के हवाले कर दिया. उसी दिन से रणवीर के पिता अपने बेटा और पत्नी का बेल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे.

18 हजार रुपये में गाय और चार कट्ठा जमीन बेचकर भी बेटे रणवीर की बेल नहीं करा सका पिता :

जेल में रणवीर का रूम भी तीन बार बदला गया. वहीं बाहर में पिता उसके जमानत का प्रयास कर रहे थे. बेगूसराय सीजेएम कोर्ट फिर जिला जज के यहां जब जमानत रद्द हो गया. उसके बाद परमानंद तांती ने 18000 रुपये में अपनी गाय और चार कट्ठा जमीन बेचकर पैसा की व्यवस्था किया. जहां पटना हाइकोर्ट में बेल फाइल किया. 27 सितंबर को पटना हाइकोर्ट ने उसके बेल पर सुनवाई के लिए फाइल एक्सेप्ट किया और 30 सितंबर को सुनवाई होनी थी. इसी दौरान शनिवार की रात रणवीर गले में गमछा लगाकर जेल के अंदर ही जब झुलता मिला तो जेल प्रशासन ने उसकी मां को भी सूचना दिया. तब जाकर मां को बुलाकर बेटा का दर्शन करवाया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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