बाबा हरिगिरिधाम श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराएं बेहतर सुविधाएं : डीएम

समाहरणालय स्थित कारगिल विजय सभा भवन में जिला पदाधिकारी रोशन कुशवाहा की अध्यक्षता में श्रावणी मेला 2024 को लेकर बैठक आहूत की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 8, 2024 10:07 PM

बेगूसराय.

समाहरणालय स्थित कारगिल विजय सभा भवन में जिला पदाधिकारी रोशन कुशवाहा की अध्यक्षता में श्रावणी मेला 2024 को लेकर बैठक आहूत की गयी. बैठक में अपर समाहर्ता, बेगूसराय एवं सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों, पुलिस निरीक्षको एवं सभी थानाध्यक्ष उपस्थित थे. जिला पदाधिकारी द्वारा बाबा हरिगिरिधाम श्रावणी मेला 2024 की बैठक की बिंदुवार समीक्षा की गयी एवं इस मेले के सफल आयोजन हेतु संबंधित पदाधिकारियों को मेला को सफल बनाने के लिए उचित निदेश दिये गये. सर्वप्रथम जिला पदाधिकारी, बेगूसराय द्वारा बताया गया कि यह मेला 22 जुलाई 2024 से 19 अगस्त 2024 तक होगा. यह मेला संपूर्ण सावन महीने भर चलता है. चन्द्रभागा नदी के तट पर प्राचीन मिथलांचल और अंग प्रदेश की सीमा पर (वर्तमान में बेगूसराय जिला अंतर्गत गढ़पुरा अंचल में) हरिगिरि मंदिर अवस्थित है. शिव के उपासक संतों ने मंदिर की स्थापना की थी. बताया जाता है, कि यह आस्था एवं तंत्र-मंत्र विद्या का केंद्र था. अधोरी यहां साधना किया करते थे. पूर्व में इस जगह को हरिगिरी मठ के नाम से जाना जाता था. गिरी समुदाय के लोग मूल रूप से नेपाल देश के कौशल प्रदेश के वासी थे. यह समुदाय शिव को अपना प्रथम आराध्य देव मानते है. मंदिर परिसर में तीन संतों की समाधियां मौजूद हैं. इनमें प्रसिद्ध संत बाबा हरिगिरी, बाबा मनधारी और बाबा तामरी शामिल हैं. 1990 के दशक में वर्ष 1999 में इस मंदिर का नवनिर्माण किया गया. यहां अवस्थित शिवलिंग पालवंश काल का माना जाता है. श्रवण मास में लाखों श्रद्धालु सिमरिया घाट एवं अनटिया घाट से जल भर कर पैदल कांवर यात्रा करते हुए बाबा हरिगिरी धाम गढ़पुरा में अवस्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. श्रावण मास में सोमवार के दिन श्रद्धालुओं के भीड़ बढ़ जाती है. सन 2015 से राज्य सरकार के मेला प्राधिकार द्वारा आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए अंचल गढ़पुरा एवं अनुमंडलपदाधिकारी, बखरी को आवंटन प्राप्त होता है.

कांवरियों के लिए बाबा हरिगिरिधाम तक इस तरह का रहता है रूट :

बाबा हरिगिरिधाम श्रवणी मेले के अवसर पर बाबा हरिगिरिधाम पर जलाभिषेक करने हेतु कांवरिया बेगूसराय जिले के सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट से जल भरकर पैदल प्रस्थान करते हैं. सिमरिया घाट से जल लेकर चलने वाले कांवरिया श्रद्धालु सिमरिया घाट-बीहट-बरौनी जीरोमाइल-बधौली ढाला- मैदावभनगामा, वीरपुर चौक, सिकरहुला, बुढ़ी गंढ़क बांध से कोरिया चौक, सिउरी, महेशवारा, जयमंगलागढ़ मोड़ झुल्ला, गढखौली- हरसाईन पुल, सकरा, रजौड़, रक्सी चौक ,गढ़पुरा चौक रूट से बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा तक पहुंचते हैं. जिसकी कुल दूरी 57 किमी है. वहीं झमटिया घाट से जल लेकर कांवरिया झमटिया घाट-बछवाड़ा बाजार कादराबाद-भगवानपुर चिल्हायरामपुर- पकठौल चौक- जगधर, वीरपुर चौक, मुजफ्फरा सिकरहुला, बूढ़ी गंढ़क बांध से कोरिया चौक सिउरी महेशवारा जयमगलागढ़ मोड झुल्ला, गढखौली- हरसाईन पुल सकर रजौड़, रक्सी चौक, गढ़पुरा चौक रूट से बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा तक पहुंचते हैं. जिसकी कुल दूरी 52 किमी है.

हरिगिरिधाम रूट की सभी सड़कों की मरम्मत और घाट पर होगी समुचित व्यवस्था : जिला पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि दोनों घाटों से बाबा हरिगिरिधाम जाने वाले दोनों कांवरियों रूट की सड़कों का स्वयं भ्रमण कर इसकी स्थिति के संबंध में सूचित करेगें ताकि ससमय इसकी मरम्मत का कार्य किया जा सकें. साथ ही सिमरिया घाट व झमटिया घाट पर भी समुचित व्यवस्था को लेकर डीएम ने निर्देश दिया है. सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान एवं जल भरने में सुविधा हेतु दोनों घाटों को समतलीकरण किया जाता है. सिमरिया घाट बंदोवस्तदार एवं झमटिया घाट (विभागीय वसूली) के लिए अंचल अधिकारी, बछवाड़ा एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी, बछवाड़ा को निदेश दिया गया है कि श्रद्धालुओं के स्नान करने एवं जल भरने वाले घाट को समतल करायेंगे, बांस-बल्ला गाड़ कर सुरक्षा की व्यवस्था करेंगे, साथ ही साथ घाट पर उचित प्रकाश की व्यवस्था भी करेंगे. कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, बेगूसराय को निदेश दिया गया है कि दोनों घाटों पर अस्थाई शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था करेंगे. महिला श्रद्धालु को स्नान करने के पश्चात कपड़ा बदलने के लिए बंदोवस्तदार इनक्लोजर बनवाने की भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

सुरक्षा को लेकर भी होगी चाक चौबंद व्यवस्था :

चकिया ओपी प्रभारी एवं बछवाड़ा थानाध्यक्ष को निदेश दिया गया है कि लगातार निगरानी रखते हुए सुरक्षा की व्यवस्था करना सुनिश्चित करेंगे. अंचल अधिकारी, बरौनी एवं अंचल अधिकारी, बछवाड़ा को निदेश दिया गया कि उपर्युक्त कार्यों को अपनी देख-रेख में संपन्न कराना सुनिश्चित करेंगे. अंचल अधिकारी, बरौनी एवं अंचल अधिकारी, बछवाड़ा को यह भी निदेश दिया गया है कि अपने-अपने घाटों पर नाव, महाजाल तथा गोताखोरों की भी व्यवस्था रखेंगे.

कांवरिया रूट पर ट्रैफिक के लिए पुलिस बल की होगी प्रतिनियुक्ति : जिला पदाधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक बेगूसराय से अनुरोध किया गया कि सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट से बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा तक उपर्युक्त वर्णित रूट में महत्वपूर्ण जगहों पर ट्रैफिक हेतु पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करेंगे. ज्ञातव्य हो कि हाल ही में राजेन्द्र पुल पर लगने वाली महाजाम के मद्देनजर यातायात संधारण हेतु अतिरिक्त गृहरक्षक की प्रतिनियुक्ति का आकलन करने का अनुरोध पुलिस अधीक्षक, बेगूसराय से किया गया था.

कांवरिया रूट पर चाक चौबंद रहेगी विधि-व्यवस्था :

विधि व्यवस्था संधारण हेतु जिला स्तर से सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट, दोनों घाटों से जानेवाले कांवरिया पथ में बाबा हरिगिरिधाम तक एवं बाबा हरिगिरिधाम मंदिर परिसर में संपूर्ण मेला अवधि के लिए संयुक्त आदेश से दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जायेगी इसके अतिरिक्त मेला ड्यूटी के लिए अतिरिक्त गृहरक्षकों का आकलन कर उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए स्वीकृति के लिए जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा संयुक्त अनुरोध पत्र भेजा जायेगा. मंदिर परिसर एवं आस-पास के स्थलों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरों के अधिष्ठापन हेतु निदेशित किया गया. साथ ही पेयजल, शौचालय एवं कांवर रखने के लिए स्टैन्ड की व्यवस्था घाट से लेकर बाबा हरिगिरिधाम तक के रूट में महत्वपूर्ण स्थलों पर रहेगी.साथ ही पेय जल, चलंत शौचालय, चिकित्सा व्यवस्था,बिजली की समुचित व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा इत्यादि सुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था को लेकर जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है.

बाबा हरिगिरिधाम मंदिर परिसर में होगी कंट्रोल रूम की स्थापना :

मेला परिसर में किसी भी प्रकार की विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो तथा भगदड़ की कोई घटना नहीं घटे इसके लिए मेला परिसर में प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी सतत प्रयत्नशील रहेंगे. अनुमंडल पदाधिकारी, बखरी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बखरी को निदेश दिया गया है कि प्रत्येक सोमवार को अत्याधिक भीड़ होती है एवं रविवार के रात्रि में ही श्रद्धालु पहुंचने लगते हैं. इसलिए रात्रि में ही उन्हें नियंत्रित रूप से मंदिर में प्रवेश कराने हेतु पूरी व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेंगे. बाबा हरिगिरिधाम मंदिर परिसर में अनुमंडल पदाधिकारी बखरी की देख-रेख में मेला परिसर में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी. जो 24 घंटे कार्यरत रहेगा. कंट्रोल रूम में तीनों पालियों में दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति संयुक्त आदेश से की जायेगी. प्रत्येक पालियों में कर्मियों एवं अनुसेवकों की प्रतिनियुक्ति अनुमंडल पदाधिकारी, बखरी के द्वारा की जायेगी. अनुमंडल पदाधिकारी, बखरी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बखरी संयुक्त रूप से समय-समय पर कंट्रोल रूम का निरीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि संयुक्त आदेश में निर्गत प्रतिनियुक्ति आदेश का दृढतापूर्वक पालन किया जाय. सभी श्रद्धालुओं के सुख-सुविधा एवं उनकी सुरक्षा की संपूर्ण जवाबदेही अनुमंडल पदाधिकारी, बखरी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बखरी की होगी.

जिला स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना :

जिला स्तर पर भी एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी जो 24 घंटे कार्यरत रहेगा. प्रत्येक पालियों में कर्मियों एवं अनुसेवकों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट पर भी कंट्रोल रूम की स्थापना हेतु निदेशित किया गया. कंट्रोल रूम में तीनों पालियों में दण्डाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति संयुक्त आदेश से की जायेगी

खोया-पाया केंद्र की होगी स्थापना :

बाबा हरिगिरिधाम मेला परिसर, सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट मेला परिसर में एक-एक खोया-पाया केंद्र की स्थापना की जायेगी. बाबा हरिगिरिधाम मेला परिसर में स्थापित खोया-पाया केंद्र के लिए तीनों पालियों के लिए कर्मियों एवं अनुसेवकों की प्रतिनियुक्ति अनुमंडल पदाधिकारी, बखरी के द्वारा की जायेगी. खोया-पाया केंद्र एक पंजी संधारित की जायेगी, जिसमें खोये व्यक्तियों के संबंध में पूरी सूचना, पता सहित दर्ज किया जायेगा. अंचल अधिकारी, गढ़पुरा मंदिर परिसर में उपलब्ध नागरिक सुविधाओं से संबंधित मुख्य दृष्टिगोचर योग्य स्थलों पर लगवाना सुनिश्चित करेंगे. अंचल अधिकारी गढ़पुरा को निर्देश दिया गया कि संपूर्ण व्यवस्था बेहतर तरीके से कराना सुनिश्चित करेंगे. इसी प्रकार सिमरिया घाट एवं झमटिया घाट मेला परिसर में स्थापित खोया-पाया केंद्र के लिए कर्मियों एवं अनुसेवकों की प्रतिनियुक्ति संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जायेगी एवं संपूर्ण व्यवस्था के संचालन को बेहतर तरीके से सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित अंचल अधिकारी की होगी.

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