बलिया (बेगूसराय). बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर अभी तक सन्हा-गोरगामा बांध का अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण भी नहीं किया गया है. विगत दिनों हुई बेमौसम बरसात ने अभी से ही मानसून की याद ताजा कर दी है. बाढ़ से बचाव के लिए बलिया के बड़ी आबादी का सुरक्षा कवच माने जाने वाले सनहां-गोरगामा बांध मरम्मत के अभाव में कई जगहों पर जर्जर हो गयी है. इससे बाढ़ के समय अफरातफरी मच जाती है. हालांकि सालों-साल उस बांध की मरम्मति होने के बावजूद भी बांध की स्थिति नहीं सुधर पा रही है. चेचियाही बांध के भगतपुर बहियार स्थित स्लुइश गेट (कटिन) से पश्चिम जगह-जगह रेनकट, शाही एवं चूहों के बिल बनने के कारण तटबंध काफी कमजोर हो गया है. जो बाढ़ के दिनों में पानी के दबाव से क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है. भगतपुर बहियार के समीप स्लुइस गेट के पश्चिम बांध की स्थिति काफी जर्जर है. इस तटबंध की जर्जर स्थिति को देख कांग्रेस नेता सह भगतपुर के किसान राकेश सिंह, दीपक कुमार, प्रभाष सिंह, बबलू चौधरी, रामजी सिंह, जितेंद्र नारायण सिंह सहित कई किसानों ने बताया कि जगह-जगह शाही एवं चूहे के बिल के साथ-साथ रेनकट की स्थिति बन चुकी है, जिसे विभाग द्वारा समय रहते मरम्मत नहीं की गयी तो आने वाले समय में भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने बताया कि बांध के बीच में जिस तरह से बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं. उससे पंचायत के लोगों की धड़कनें अभी से तेज हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह की लापरवाही की वजह से गंडक नदी के बसही में बांध टूटने से तबाही लोगों ने अपनी आंखों से देखी है. सैकड़ों पक्के मकान बाढ़ की तेज धारा में बह गयी थी. कई घर जमींदोज होकर पोखर में तब्दील हो गये थे. खेती योग्य भूमि बालू से भर गयी थी, जिसमें कई लोग ऐसे हैं जिनका आशियाना आज तक नहीं बन पाया. बांध पर मौजूद किसानों ने बताया कि इस समस्या से विभागीय अधिकारी को अवगत करा दिया गया है. बावजूद अभी तक निरीक्षण तक नहीं किया गया है. इधर, अनुमंडल पदाधिकारी, रोहित कुमार ने कहा कि अगले एक-दो दिनों में बांध का निरीक्षण कर उसकी मरम्मत के लिए विभाग को सूचित किया जायेगा. समय रहते बांध को दुरूस्त कर लिया जायेगा.
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