Begusarai News : भगवानपुर में बलान नदी को पुनर्जीवित करने का लिया संकल्प

Begusarai News : विश्व नदी दिवस के अवसर पर भगवानपुर प्रखंड के सतराजेपुर में बलान नदी बचाओ जन अभियान के तहत बलान नदी बचाओ महापंचायत का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 9:47 PM

बेगूसराय/भगवानपुर. विश्व नदी दिवस के अवसर पर भगवानपुर प्रखंड के सतराजेपुर में बलान नदी बचाओ जन अभियान के तहत बलान नदी बचाओ महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत में उपस्थित वक्ताओं ने बलान नदी की व्यापक दुर्दशा का वर्णन करते हुए कहा कि एक तरफ गंगा और अन्य नदियों में बाढ़ आई हुई है, वहीं दूसरी तरह बलान नदी प्यासी और बीमार है. नदी में पानी नहीं है और जो है उसमें सड़ांध है. बलान में नहाने से खुजली और चर्म रोग बहुत बड़ी समस्या है. बलान नदी जलकुंभी से भरी एक गंदे नाले में परिणत हो गयी है. इसके परिणाम स्वरूप नदी पर आश्रित लाखों मछुआरों की आजीविका चली गयी है. बलान नदी कछार के लाखों मछुआरे रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं. नदी के किनारे का जल स्तर गिरता जा रहा है. सदियों से बहने वाली नदी में छठ पूजा का अर्घ संभव नहीं है. नदी पर आश्रित नदी तटीय 50 गांवों का जीवन त्रस्त है. वक्ताओं ने कहा कि आज भी दलसिंह सराय जैसे बाजारों का कचरा और गंदा पानी बलान में गिराया जाता है. कुछ गांवों के लोग तो अपने शौचालय को इसी नदी में प्रवाहित कर रहे हैं. नदी के जमीन की मापी के लिए पहले भी आदेश आया था, फिर भी आज तक मापी नहीं हुई है. नौला भीट में स्लुइस गेट के कुप्रबंधन के कारण बलान में जल का आवागमन नहीं होता है. वहीं वैशाली जिले में भुरहा स्लुइस गेट से पानी नहीं आने से नदी में पानी नहीं रहता है. जलकुंभी की सफाई और नदी की उड़ाही नदी प्रबंधन की प्राथमिक शर्त है. नदी पंचायत में नदी दिवस के महत्व, नदियों की दुर्दशा और पर्यावरण पर होने वाले असर को समझते हुए बलान नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया गया. नदी घाटी मंच द्वारा प्रस्तावित कानून के मसौदे को महत्व देते हुए 28-29 सितंबर को पटना के ठाकुर प्रसाद कम्युनिटी हॉल में प्रस्तावित बिहार नदी संवाद में बलान नदी बचाओ अभियान के प्रतिनिधि शामिल होंगे. देश की प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर और बरगी विस्थापितों के नेता राजकुमार सिन्हा द्वारा महापंचायत के समर्थन में भेजे गये संदेश को पढ़कर सुनाया गया. कार्यक्रम में बबलू सहनी, सुरेंद्र सहनी, खुशलाल, दिलीप कुमार, बिशुनदेव सहनी, रामबिलास सहनी, जितेंद्र, रामबालक सहनी, रामानंद सहनी, बनारसी सहनी, राम सागर सहनी, बटोरन सहनी, राम प्रीत सहनी इत्यादि नदी के किनारे के लोग, मत्स्यजीवी सहयोग समिति के नेता, बिहार जल श्रमिक संघ के नेताओं ने बात रखी.

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