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गंगा के जल स्तर में फिर से हो रही वृद्धि से एक बार फिर गहराया बाढ़ का संकट

रविवार से गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होने के साथ ही बलिया के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराने लगा है. जिससे दियारा वासियों में भय का माहौल व्याप्त है.

बलिया.

रविवार से गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होने के साथ ही बलिया के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराने लगा है. जिससे दियारा वासियों में भय का माहौल व्याप्त है. बताया जाता है कि पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में करीब एक मीटर की वृद्धि देखी गयी है. जिससे दियारा इलाके के जल ग्रहण क्षेत्र में एक बार फिर से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जलस्तर में वृद्धि के साथ ही लखमिनियां-मसुदनपुर सड़क पर चेचियाही ढाब में सड़क पर सोमवार को बाढ़ का पानी फैल जाने से लोगों का आवागमन फिर से एक बार बाधित हो गया है. जबकि बाढ़ का पानी अब गांव का भी रुख करने लगा है. बताया जाता है कि लखमिनियां-मसुदनपुर सड़क पर चेचियाही ढाब से शनिवार को पानी सड़क से उतरा ही था कि दो दिन बाद सोमवार को फिर सड़क पर पानी फैल जाने से लोगों को बलिया बाजार जाने आने में बाढ़ के पानी से होकर जाने को विवश होना पड़ रहा है. जो खतरे से खाली नहीं है. इसी सड़क पर 10 अगस्त को फैले बाढ़ के पानी को पार करने के क्रम में थाना क्षेत्र के शाहपुर दियारा निवासी परमानंद ठाकुर उर्फ पारो ठाकुर के पुत्र अमरजीत कुमार के बाईक सहित सड़क किनारे गड्ढे में गिड़ जाने से डूबकर मौत हो गयी थी. ढाब में सड़क पर बेरिकेटिंग नहीं रहने से सड़क को पार करना खतरे से खाली नहीं है. बाढ़ को लेकर शिवनगर निवासी 70 वर्षीय श्रीराम राय, भवानंदपुर निवासी 68 वर्षीय बालो यादव, साहपुर निवासी 75 वर्षीय श्रीकृष्ण राय, मसुदनपुर निवासी 67 वर्षीय रामप्रीत चौधरी ने बताया कि हमने अपने जीवन में इस तरह का बाढ़ नहीं देखा था. एक से दो बार जलस्तर में वृद्धि होते थे और बाढ़ आ जाता था. इस बार तो विगत डेढ़ माह में पांच बार जलस्तर में वृद्धि हुई जो किसी अनहोनी से कम नहीं है. दूसरी ओर बाढ़ के कारण बंद पडे़ प्रखंड क्षेत्र के 28 विद्यालयों के बच्चों की पढाई पूरी तरह से बंद हैं. हालांकि सोमवार से शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय खोलने का निर्देश जारी किया गया था. लेकिन जलस्तर में वृद्धि होने से एक बार फिर से विद्यालय के बंद हो जाने की बात बताई जा रही है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार पांडे ने बताया कि जलस्तर में फिर से वृद्धि को देखते हुए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगा दिया गया है.

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