निर्माण के दो वर्ष बाद ही ग्रामीण पथ हुआ जर्जर, राहगीरों को हो रही परेशानी
लगभग डेढ़ दशक तक अपनी जर्जरता पर आंसू बहाने के बाद एसएच-55 काली स्थान से बरियारपुर गाछी टोला होते हुए मकसपुर जाने वाली सड़क का जीर्णोद्धार का कार्य किया गया, परंतु जीर्णोद्धार के लगभग दो वर्ष बाद ही पुनः एक बार फिर उक्त सड़क जर्जरता के कगार पर पहुंच गया है.
चेरियाबरियारपुर. लगभग डेढ़ दशक तक अपनी जर्जरता पर आंसू बहाने के बाद एसएच-55 काली स्थान से बरियारपुर गाछी टोला होते हुए मकसपुर जाने वाली सड़क का जीर्णोद्धार का कार्य किया गया, परंतु जीर्णोद्धार के लगभग दो वर्ष बाद ही पुनः एक बार फिर उक्त सड़क जर्जरता के कगार पर पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार उक्त सड़क के जीर्णोद्धार कार्य मेसर्स विनायक कंस्ट्रक्शन मंझौल के द्वारा 09 जूलाई वर्ष 2021 से प्रारंभ किया गया था. बताया जाता है कि 750 मीटर लंबे पथ का कार्य 08 अप्रैल 2022 को संपन्न करा लिया गया, जो लगभग दो वर्ष बीतने के बाद ही जर्जर होने लगा है. सड़क पर गिट्टी उड़ने लगे हैं. जबकि समतलीकरण के अभाव में हल्की बारिश के बाद ही सड़क पर जल जमाव होने से उक्त सड़क की स्थिति बद से बद्तर होने लगी है. लगभग 53 लाख की लागत से निर्मित उक्त सड़क की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा सवालों का उठाना लाजिमी है. सूत्रों की मानें तो उक्त सड़क का पांच वर्षों तक साल में दो बार मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत उसकी देखभाल करनी है. परंतु अब तक अनुरक्षण कार्य भी प्रारंभ नहीं किया गया है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. विदित हो कि उक्त सड़क से लगभग 20 हजार की आबादी प्रभावित हैं. लोगों का कहना है कि कंपनी के द्वारा उक्त सड़क का निर्माण के बाद रखरखाव एवं अनुरक्षण की ओर कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है. जिससे एक बार पुनः लोगों को उक्त सड़क के पूर्व की जर्जरता वाली याद सताने लगी है. वहीं ग्रामीण सह भाकपा के अनुमंडल प्रभारी राम पदारथ सिंह, मुखिया रविनेश कुमार राही उर्फ रविश सिन्हा, घनश्याम सिंह, अशोक सिंह, रौशन सिंह, सदन झा आदि लोगों ने कंपनी से अविलंब अनुरक्षण का कार्य प्रारंभ करने की मांग की है. ताकि सड़क पर लोगों को परेशानियों का सामना करना नहीं पड़े.
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