गड़बड़झाला : एजेंसी ने दो करोड़ की कर ली निकासी, लेकिन कर्मियों को नहीं दिया वेतन

शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड बन जाये जिसको लेकर प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र खोलने का आदेश दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2024 10:20 PM

बेगूसराय.

शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड बन जाये जिसको लेकर प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र खोलने का आदेश दिया था. इस आदेश के आते ही बिचौलियों के पौ बारह हो गये. आधार बनाने वाले कर्मी बिचौलियों के शिकार हो गये. बताते चलें कि पहले विद्यालय प्रधानाध्यापक के माध्यम से ही आधार कार्ड बनाने वाले कर्मी को रखना था. जिसके तहत जिले में 14 को रखा गया जो कि बाद में तीन ने रिजाइन देकर अपने को इस कार्य से अलग कर लिया. दोबारा विभाग के द्वारा पत्र जारी किया गया कि सभी कर्मी एजेंसी के माध्यम से ही रखे जायेंगे और यहीं से खेल प्रारंभ हुआ. आश्चर्य की बात तब होती है जब विभाग को कोई इसकी जानकारी ही नहीं है. इस मामले को लेकर सभी ने चुप्पी साध ली हो. जब विद्यालय प्रधानाध्यापक के द्वारा उपस्थिति विवरणी समग्र शिक्षा के कार्यालय एमआइएस को भेजा गया. इसके बाद स्थापना कार्यालय को भेजा गया और स्थापना कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मियों का वेतन एजेंसी को भेज दिया, लेकिन एजेंसी ने काम करने वाले कर्मी को वेतन देना मुनासिब नहीं समझा. मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 56 ऑपरेटर कार्यरत थे. जिसकी सभी राशि एजेंसी के द्वारा निकाली गयी है. राशि अक्तूबर महीने तक निर्गत की जा चुकी है, लेकिन कर्मियों को वेतन अभी तक नहीं मिला है. इनमें से कई कर्मी ऐसे हैं जिन्होंने मोटी रकम देकर बिचौलियों के माध्यम से योगदान किया था.आधार कार्ड बनाने में गडबडी की शिकायत के बाद अब मामाल डीएम तक पहुंच गया है. आठ ऑपरेटरों ने डीएम को आवेदन देकर 14 माह से वेतन नहीं मिलने की शिकायत की है. मालूम हो कि जिले में 18 प्रखंडों में संचालित कुल 36 आधार केंद्रों पर कार्यरत ऑपरेटर के नाम से आधार संचालन एजेंसी ने दो करोड़ से अधिक राशि की निकासी कर ली है. वक्र तुनडाय नमः कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी है जिसकी कार्यालय का अता पता भी नहीं है. इस कार्य को संचालित करने वाले विशाल कुमार को जब फोन लगाया गया, तो उसने फोन नहीं उठाया. वहीं कई ऐसे भी कर्मी हैं जिन्होंने इस पद पर योगदान करने को लेकर मोटी रकम अकाउंट के माध्यम से विशाल कुमार के अकाउंट पर राशि भी दी है. अब सवाल उठता है कि इतनी बड़ी खेल होता रहा और विभाग को कानों कान खबर भी नहीं लगी या फिर विभाग के ही कोई कर्मचारी इन एजेंसी से मिलकर इस गोरख धंधे में शामिल तो नहीं है. कई ऐसे कर्मी भी हैं जो की बीच-बीच में काम छोड़ते रहे और अपने स्थान पर दूसरे को लाने का काम करते भी रहे. वहीं विभाग ने भी जांच नहीं किया कि क्या वाकई में एजेंसी के द्वारा जिस कर्मी को रखा गया है वह सही है या नहीं. इस कार्य में विद्यालय प्रधान से लेकर एमआइएस के कर्मी भी संदेह के घेरे में हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

जो पत्र जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि आधार केंद्र पर तय की गयी संख्या के अनुरूप आधार कार्ड नहीं बनती है, तो उनके वेतन से राशि काट ली जायेगी, लेकिन विभाग को यह पता नहीं है कि एजेंसी ने उन कर्मियों को वेतन दिया है या नहीं.चंदन कुमार, डीपीओ

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