साइबर क्राइम को रोकना प्रशासन के लिए बनी है चुनौती

वर्तमान परिवेश में साइबर क्राइम बड़ी तेजी से अपना पांव पसार रहा है और मोबाइल के इस युग में प्रतिदिन लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2025 10:22 PM
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बरौनी.

वर्तमान परिवेश में साइबर क्राइम बड़ी तेजी से अपना पांव पसार रहा है और मोबाइल के इस युग में प्रतिदिन लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं. आलम यह है कि केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर स्पेशल इकाई का गठन कर रही है और तकनीकी टीम 24 घंटे साइबर ठग पर पैनी निगाह रख रही है. बावजूद मोबाइल के एक्सपर्ट युवा साइबर ठग अपने मंसूबों में लगातार कामयाब हो रहे हैं और रोज मासूम लोग इसके शिकार हो रहे है. बिहार में सरकार के निर्देश पर साइबर सेल थाना अलग से बनाया गया है, लेकिन पुलिस को कुछ एक मामले को छोड़कर कोई खास सफलता नहीं मिली है. वास्तव में ये साइबर क्राइम मामले मोबाइल, कंप्यूटर, नेटवर्क एवं डिजिटल उपकरणों से जुड़ी अवैध गतिविधियां हैं. साइबर क्राइम में मुख्य रूप से किसी की निजी जानकारी गैरकानूनी तरीके से हासिल करना, साक्ष्य को मिटाना या उसमें बदलाव करना, ऑनलाइन पासवर्ड की चोरी करना और बैंक खातों से पैसे चुराना, आपके पहचान की चोरी कर फेसबुक, वाट्सअप का इस्तेमाल करना और लोगों को अपने विश्वास में लेकर ऑनलाइन चोरी करना, क्रेडिट कार्ड एवं डेबीट कार्ड के पासवर्ड को हैक कर गलत इस्तेमाल करना या कैस ट्रांजेक्शन करना, एकाउंट हैक करना, फिशिंग (लिंक भेजकर गुमराह) करना आदि प्रमुख है. साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार टुल्लु के मुताबिक साइबर क्राइम व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्तर पर सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाकर किया जाता है. इसलिए किसी भी स्थिति में अपना गोपनीय दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड के नंबर, ओटीपी एवं अन्य गोपनीय पासवर्ड किसी से भी शेयर नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि साइबर क्राइम की जांच, मुकदमा चलाना और उन्हें रोकना काफी चुनौतीपूर्ण काम है. साइबर क्राइम से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की स्थापना. साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए, आप राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं. बेगूसराय जिला के विभिन्न थानाक्षेत्र में साइबर क्राइम से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. एसपी बेगूसराय के निर्देश पर साइबर अपराध से जुड़े लोग को गिरफ्तार भी किया जा रहा है.कैसे अपनी जाल में फंसाते हैं साइबर क्राइम : शातिर साइबर क्राइम से जुड़े लोग फोन कर लोक लुभावने स्कीम के बारे में चर्चा करते हुए आपकी जिज्ञासा को बढ़ाते हैं और आपकी उत्सुकता को भांपते हुए आपका नाम, पता, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता के आखिरी चार अंक, क्रेडिट कार्ड के आखिरी, चार अंक एवं डेबीट कार्ड के आखिरी चार अंक की मांग करते हैं. अगर उनकी बातों में आकर आप इनके मांग के अनुरूप जबावा देते जाते हैं, तो आप साइबर क्राइम के शिकार होने के रास्ते पर होते हैं. इसके बाद उनके द्वारा आपके मोबाइल पर ओटीपी भेजी जाती है और जैसे ही आप ओटीपी शेयर करते हैं, आपके खाते से निकासी हो जाती है और आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं. साइबर ठग आपके बैंक स्टाफ, बिजली कर्मी, किसान सलाहकार, काॅल सेंटर कर्मी आदि अन्य नाम से फोन करते हैं. वहीं साइबर ठग अब फेसबुक और वाट्सअप पर भी काफी सक्रिय है और महिला भी साइबर क्राइम में काफी सक्रिय हैं और वीडियो काॅल एवं फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर आपसे नजदीकी बढ़ाकर आपको साइबर ठगी का शिकार बनाती हैं. साइबर एक्सपर्ट के अनुसार आप अपनी गोपनीय जानकारी किसी भी स्थिति में शेयर न करें. खासकर ओटीपी तो किसी हालत में शेयर नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही ऑनलाइन बैंकिंग या ऑनलाइन खरीदारी के समय साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के कम समय में अपना ट्रांजेक्शन करने की सलाह दी. जानकारों के मुताबिक कुछ मामलों में तो लोग साइबर ठगी का शिकार होने के बाद जानकारी साझा करना उचित नहीं समझते. ऐसा करना अपराध को बढ़ावा देना है. इसलिए इससे बचें और अवश्य शिकायत करें.

साइबर क्राइम से बचाव को एपीएसएम कॉलेज प्रबंधन ने की है व्यवस्था : रौनी एपीएसएम काॅलेज प्राचार्य ने बताया कि पूर्व में काॅलेज का फेक फेसबुक बनाकर छात्रों से ठगी का मामला सामने आने पर काॅलेज प्रबंधन द्वारा कार्रवाई की गयी और काॅलेज के छात्र-छात्राओं को फ्रेंड रिक्वेस्ट आने पर ग्रुप के एडमीन और संबंधित संस्था के प्रतिनिधि से पूछताछ कर पूर्ण संतुष्टि होने पर ही आगे बढ़ने का सलाह दी. साथ ही छात्र-छात्राएं साइबर क्राइम का शिकार न हों. इसलिए प्रत्येक विषय का उनके विभागाध्यक्ष प्रोफेसर द्वारा वाट्सअप ग्रुप बनाया गया है. ताकि काॅलेज गतिविधि एवं शैक्षणिक व्यवस्था संबंधित जानकारी आसानी से उपयुक्त माध्यम से मिल सके. उन्होंने कहा कि मोबाइल पर आने वाले फोन या फेसबुक, वाट्सअप पर आने वाला संवाद को बगैर विश्वसनीयता जांचे कोई प्रतिक्रिया देना खतरनाक हो सकता है और किसी प्रकार का संदेह होने पर अविलंब शिकायत करने का उन्होंने सलाह दिया.साइबर क्राइम से बचने के लिए एक्सपर्ट ने दिये सुझाव : मोबाइल एवं कंप्यूटर एक्सपर्ट राहुल कुमार टुल्लु ने कहा कि फ्राड लिंक से बचने के लिए कंप्यूटर एवं मोबाइल में एंटी वायरस लोड सॉफ्टवेयर करे और अपने पासवर्ड को स्ट्रांग करना, संदेहास्पद लिंक ओपन करने से बचे. कंप्यूटर एवं मोबाइल में हमेशा सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें. किसी प्रकार का लिंक डाउनलोड करने के लिए संबंधित सोर्स का इस्तेमाल करें. पब्लिक वाइ-फाइ का इस्तेमाल न करें. मोबाइल में पासवर्ड लिखकर नहीं रखें. गोपनीय दस्तावेज या पासवर्ड को किसी अन्य के साथ शेयर न करें. इस प्रकार सर्तकता बरतने से साइबर क्राइम का शिकार होने से बचा जा सकता है.

साइबर क्राइम पर छात्र-छात्राओं ने दी प्रतिक्रियावर्तमान परिवेश में साइबर क्राइम काफी जटिल समस्या बनी हुई है. साइबर ठग पासवर्ड हैक कर एकाउंट से रुपये निकासी कर लेते हैं. जिसकी रिकवरी न के बराबर है. ऐसे मामलों में देखा गया है कि पीड़ित थाने का चक्कर लगाने को विवश होते हैं. लेकिन परिणाम शून्य होता है.

आलोक कुमार, छात्रसंघ अध्यक्ष, एलएनएमयूतकनीकी युग में साइबर क्राइम पुलिस के लिए चुनौती है. जहां आंखों के सामने साइबर ठग रुपये चंपत कर लेते हैं. आज भी साइबर क्राइम पर लगाम लगाने का ठोस विकल्प नहीं तलाशा गया है. आज भी साइबर क्राइम लोगों के लिए परेशानी का सबब है.

सीताराम कुमार, छात्रजिला प्रशासन के अपराध नियंत्रण के सारे दावे खोखले हैं. आज भी साइबर ठगी के शिकार लोग अपनी फरियाद लेकर दर दर भटकने को मजबूर हैं. सबसे ज्यादा परेशान थाना स्तर पीड़ित होता है.

आनंद कुमार, छात्रमोबाइल और कंप्यूटर का अनावश्यक अत्यधिक उपयोग हमें साइबर क्राइम का शिकार होने के लिए आगे बढ़ाता है. इसलिए आवश्यकता से अधिक उपयोग किसी भी चीज के लिए हानिकारक होता है. सावधानी बरतें, सर्तक रहें.

शिवम कुमार, छात्रसाइबर ठगी के शिकार लोग का स्थानीय थाना स्तर पर भी सुनावायी हो. पीड़ित बेवश होकर इधर उधर भटकते हैं, लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. जानकारी के आभाव में साइबर क्राइम के लोग शिकार हो रहे हैं. लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है.

अंकित कुमार, छात्रसाइबर क्राइम बहुत बड़ा अपराध है. जो जागरूकता और सतर्कता से टाला जा सकता है. इसके लिए साइबर थाने को गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. ताकि साइबर क्राइम का शिकार होने से लोग बच सकें.

विकास झा, छात्रस्थानीय थाना स्तर पर संगोष्ठी आयोजन के माध्यम से जागरूकता अभियान के तहत साइबर क्राइम से बचाव को लेकर लोगों को थाना स्तर से जागरूक करने के दिशा में पहल किया जाना चाहिए.

स्वराज कुमार, छात्रवर्तमान समय में पूरे दिन में चार पांच फेंक काॅल काॅल सेंटर के नाम पर आता है. जिसको इंटरटेन करना नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे काॅल साइबर फ्राड महिला पुरुष किया करते हैं. जो पेशेवर होते हैं.

सोनू कुमार, छात्रज्यादा लाभ के लालच में लोग साइबर क्राइम के शिकार होते हैं. साइबर क्राइम करने वाले लोग इतने शातिर होते हैं कि चंद सेकेंड के समय में वो हाथ साफ कर गायब हो जाते हैं और बाद में उनका नंबर भी पहुंच के बाहर हो जाता है.

नीतीश कुमार, छात्रआधार कार्ड के मदद से रुपये निकासी करना भी घातक है, क्योंकि शातिर लोग आपके पासवर्ड की जानकारी लेकर आपके एकाउंट से राशि निकासी कर लेते हैं और पीड़ित पर उल्टा दबाव भी बनाते हैं. ऐसे कई मामले सामने आये हैं.

दीपक कुमार, छात्रअत्यधिक समय मोबाइल का उपयोग काफी खतरनाक है. जो हमें साइबर ठगी का शिकार बनाती है और मानसिक परेशानी देती है. अनावश्यक एप डाउनलोड करना भी साइबर क्राइम की चपेट में आने जैसा है. साइबर क्राइम तेजी से पांव पसार रहा है. जिस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है.

अनुष्का मिश्रा, छात्राग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोग को साइबर ठग साॅफ्ट टार्गेट बनाते हैं. जिसमें महिलाएं उनका शिकार होती हैं. ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है.

राखी कुमारी, छात्राअपनी गोपनीय जानकारी मोबाइल पर किसी से भी शेयर नहीं करना चाहिए. फेसबुक पर चेटिंग, अनावश्यक फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए. फेसबुक और वाट्सअप पर साइबर फ्राड लोगों को चेज करते हैं और मौका मिलते ही उन्हें अपना शिकार बनाते हैं.

दीपमाला कुमारी, छात्रासाइबर क्राइम से निजात के लिए सरकार के द्वारा व्यवस्था की जा रही है, लेकिन इन मामले में कोई खास सफलता नहीं मिली है. प्रतिदिन लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं. जिसके बारे में अखबारों से जानकारी मिलती है.

कीमती कुमारी, छात्रामेहनत से जमा की गयी राशि एक झटका में साइबर फ्राड द्वारा ठग लिया जाता है. अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं देखी गयी कि साइबर क्राइम के शिकार लोगों का प्रशासनिक कार्रवाई से रुपये वापस किया गया हो.

चंदा कुमारी, छात्राऑनलाइन प्रक्रिया में साइबर फ्राड लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. लोग फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाले का विश्वसनीयता को जांच कर ही एक्सेप्ट करें. मोबाइल कभी भी दूसरे के हाथों में न दें. बगैर सेव नंबर से काॅल का जबाव न देने से हम आप साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकते हैं.

सानू रानी, छात्रा

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