खानाबदोश परिवार के सामने रोजी की समस्या गहरायी
गढ़पुरा : देश में अचानक कोरोना के कहर ने चारों तरफ छोटे से लेकर बड़े लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लेकिन खासकर उन लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है जो दिन में काम करते थे तब जाकर शाम का चूल्हा जलता था. अब इन परिवारों के सामने खाने के भी […]
गढ़पुरा : देश में अचानक कोरोना के कहर ने चारों तरफ छोटे से लेकर बड़े लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लेकिन खासकर उन लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है जो दिन में काम करते थे तब जाकर शाम का चूल्हा जलता था. अब इन परिवारों के सामने खाने के भी लाले पड़े हुए हैं. इधर बुधवार को खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र के मुश्कीपुर से अपने गांव छौड़ाही ओपी थाना क्षेत्र के परोरा लौट रहे खानाबदोश परिवार के लोग बुधवार को सोनमा प्राणपुर हॉल्ट के समीप से गुजर रहे थे. उक्त परिवार के सदस्य मो नौशाद, कमरुल, शाहरूख खान, जूही खातून, सैमून खातून, सजाना खातून समेत करीब दर्जन भर से अधिक लोग थे. इन लोगों ने बताया कि मेरे परिवार की महिलाएं गांव घर में घूम-घूम कर गोदना गोद कर परिवार का जीविकोपार्जन किया करती थी.
वहीं पुरुष इधर-उधर घूम कर कुछ आयुर्वेदिक दवा बेचा करता था, जिससे किसी तरह परिवार का गुजर-बसर हो जाता था. लेकिन जब से देश में लॉकडाउन किया गया है तब से काफी परेशानी बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि तीन दिनों से भूखे- प्यासे हैं कोई पूछने वाला नहीं है. गांव घर में किसी से मांगने जाते हैं तो वह लोग वहां से भगा देते हैं. ऐसे में हम लोगों का जीवन बसर कैसे होगा यह तो हमें भी पता नहीं है. अब घूम कर हम लोग अपने गांव जा रहे हैं . सजाना खातून ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि आखिर हमें खाना क्यों नहीं मिल रहा है.
मुश्कीपुर से किसी तरह हम लोग दो हजार रुपये में ऑटो किराया किये थे यह भी सोनमा से आगे नहीं बढ़ रहा है अब हम लोग सारा सामान लेकर पैदल ही गांव जायेंगे. वहीं इसी ग्रुप के करीब दो दर्जन से अधिक लोग रेलवे किनारे होते हुए गुजर रहे थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह लोग प्रशासन एवं ग्रामीणों के डर से रेलवे लाइन होकर अपने घर की तरफ बढ़ रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वैसे लोग जिसके सामने खाने की लाले पड़े हैं उसे प्रशासन के द्वारा निश्चित रूप से सहयोग मिलनी चाहिए.