Begusarai News : टीआरइ-1 में चार और टीआरइ-2 में बहाल एक शिक्षक की सेवा समाप्त

Begusarai News : बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों पर गाज गिरना शुरू हो गया है वैसे शिक्षक को चिन्हित किया जा रहा है जो बीपीएससी द्वारा रखी गई अर्हता को पूरा नहीं किया हो और विभाग को गफलत में डालकर शिक्षक बन बैठे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 9:55 PM
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बेगूसराय. बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों पर गाज गिरना शुरू हो गया है वैसे शिक्षक को चिन्हित किया जा रहा है जो बीपीएससी द्वारा रखी गई अर्हता को पूरा नहीं किया हो और विभाग को गफलत में डालकर शिक्षक बन बैठे. इसी कड़ी में बीपीएससी द्वारा बहाल किए गए जिले के पांच शिक्षकों की नौकरी अब समाप्त होगी. जिसमें टीआरई 1 के तहत बहाल हुए चार अध्यापक जबकि टीआरई 2 के तहत नियुक्त हुए एक शिक्षक शामिल हैं. मालूम हो कि पांचों शिक्षकों में तीन ऐसे शिक्षक शामिल हैं जो दूसरे राज्य के हैं और गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेकर बीपीएससी टीआरई 1 और टीआरई 2 में विद्यालय अध्यापक बन गये जबकि टीआरई 1 में विद्यालय अध्यापक के रूप में नियुक्त हुए दो ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा एसटीईटी के जगह बीईटीईटी की परीक्षा पास कर बीपीएससी की परीक्षा दिए थे. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने पत्र जारी कर बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली के तहत उक्त संबंधित विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति पत्र एंव पदस्थापन पत्र रद्द कर दिया है. डीइओ ने अपने पत्र में कहा है कि उ.म.वि. मेघौल खोदावंदपुर के शिक्षक अश्वनी पाल जो टीआरई 1 में अध्यापक बने थे, उन्हें सीटीईटी की परीक्षा में 84 अंक ही आया था. इसी प्रकार खोदांवदपुर की शिक्षिका आरती कुमारी को सीटीइटी की परीक्षा में 84 अंक ही आया था. वहीं टीआरई 2 में नियुक्त् हुए चेरियाबरियारपुर के म.वि. पबड़ा के शिक्षक सोनम पटले को सीटीईटी की परीक्षा में 83 अंक ही आया था जबकि नियम के मुताबिक उक्त तीनों शिक्षक दूसरे राज्य के हैं इसलिए उन्हें सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के तहत 60 प्रतिशत यानि 90 अंक लाना जरूरी था. डीइओ ने कहा कि किसी भी प्रकार का आरक्षण का लाभ केवल राज्य के निवासियों को ही मिलने का प्रावधान है जबकि आवेदन में उक्त शिक्षकों ने बताया था कि वे नियुक्ति की सभी अहर्ता को पूरी करते हैं. जिसकी जाचं कराई गई. जिसमें मामला सही पाए जाने पर उक्त कार्रवाई की गई है. वहीं दूसरी ओर टीआरई 1 में नियुक्त हुए दो विद्यालय अध्यापक ने एसटीईटी के जगह बीइटीइटी के सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्ति पा ली थी. इसको लेकर डीइओ ने खोदांवदपुर प्रखंड की प्रोजेक्ट कन्या हाई स्कूल मेघौल की अध्यापिका ज्योति कुमारी ने कक्षा 9-‘10 के लिए एसटीईटी पेपर-1 के जगह बीईटीईटी के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल की थी. वहीं उसी स्कूल के एक अन्य शिक्षक श्रीकांत 11-12वीं के अध्यापक के लिए एसटीईटी पेपर 2 के जगह बीईटीईटी की परीक्षा के अधार पर नौकरी किए थे. डीईओ ने बताया कि उक्त दोनों विद्यालय अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होने के कारण स्पष्टीकरण पूछा गया था. जिसका संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. डीइओ ने अपने पत्र में बताया कि शिक्षक पात्रता परीक्षा मध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए एसटीईटी पेपर-1 जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए एसटीईटी पेपर-2 उत्तीर्ण होना अनिवार्य है लेकिन दोनों शिक्षक बीईटीईटी में उत्तीर्ण है.

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