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Begusarai News : सजने-संवरने लगी है आध्यात्मिक नगरी सिमरिया, एक माह तक भक्ति में डूबेगा इलाका

Begusarai News : राजकीय कल्पवास मेले को लेकर सिमरिया धाम में विभिन्न खालसाओं के संत-महात्माओं का पहुंचना लगातार जारी है.

बीहट. राजकीय कल्पवास मेले को लेकर सिमरिया धाम में विभिन्न खालसाओं के संत-महात्माओं का पहुंचना लगातार जारी है.खालसा जनसेवा समिति अध्यक्ष विष्णुदेवाचार्य ने बताया कि अब तक पचास से भी अधिक की संख्या में विभिन्न साधु-संतों,महात्माओं का खालसा सिमरिया कल्पवास मेला में पहुंच चुका है. जिसमें नित्यानंद सेवा खालसा के लाडली दास, उड़ीसा खालसा के साधु गजाधर दास, राम निहोरा सेवा शिविर के बौआ हनुमान, महंत वैष्णव दास रामायणी, महंत कृष्णचंद्र दास, अवध किशोर दास, महंत राम ललित दास, राम उदित दास उर्फ मौनी बाबा, खख्खर बाबा खालसा के तन तुलसीदास जी पीठाधीश्वर, महंत राजाराम दास, महामंडलेश्वर अवध किशोर दास, महंत किशोरी शरण सहित अन्य खालसा के संत-मंहत सिमरिया घाट पहुंच गये हैं. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से जगह आवंटित कर दिया गया है. जहां खालसाओं द्वारा अपनी सुविधानुसार पंडाल और छोटी-छोटी कुटिया का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं करीब पांच सौ की संख्या में कल्पवासी जो अपने-अपने गुरूओं की खालसाओं में पर्णकुटीर बनाकर रहेंगे,पहुंच चुके हैं. इसके अलावा कल्पवास क्षेत्र में पीएचइडी विभाग द्वारा लगभग पचास से अधिक चापाकल लगाया जा चुका है,आगे का कार्य प्रगति पर है.वहीं क्षतिग्रस्त स्थायी शौचालयों की साफ-सफाई व मरम्मति कार्य युद्वस्तर पर पूरा किया जा रहा है.जबकि सदर डीएसपी-2 भास्कर रंजन और चकिया थानाध्यक्ष नीरज कुमार चौधरी कल्पवासियों की सुरक्षा के लिये लगातार माॅनीटरिंग कर रहे हैं.बरौनी पीएचसी प्रभारी डाॅ संतोष कुमार झा कल्पवास मेला क्षेत्र पहुंचकर अस्पताल की समुचित व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं.उन्होंने बताया मरीजों के लिये दस की संख्या में बेड लगाया जायेगा,जहां तीन शिफ्टों में डाॅक्टर के साथ अन्य स्वास्थ्यकर्मी मेडिकल सुविधा के साथ उपलब्ध रहेंगे.कल्पवास मेला का विधिवत उद्घाटन 17 अक्टूबर को होना है, जिसकी तैयारी में जिला प्रशासन के पदाधिकारी लगे हुए हैं. कल्पवास क्षेत्र में कार्यों की प्रगति पर संतोष जताते हुए बरौनी सीओ सूरजकांत ने बताया कि मेला को व्यवस्थित करने का काम युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. 17 अक्टूबर को मेला का विधिवत उद्घाटन से पहले सारी चीजों को व्यवस्थित कर लिया जायेगा. शौचालय और बिजली की व्यवस्था दिखने लगी है और आवश्यकतानुसार कार्य कराया जा रहा है. घाट संवेदक दिलीप कुमार की निगरानी में सुशील झा व उनकी टीम के लोग सिमरिया को आध्यात्मिक नगरी के रूप में व्यवस्थित कराने में प्रशासन के साथ लगे हुए हैं.

18 से गंगा महाआरती की चल रही तैयारी :

राजकीय कल्पवास मेला सह अर्द्धकुंभ के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गंगा महाआरती कार्यक्रम आयोजित की जायेगी. कुंभ सेवा समिति के महासचिव रजनीश कुमार, अध्यक्ष डा नलिनी रंजन सिंह ने उक्त निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 18 अक्टूबर से गंगा महाआरती के लिये कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है.

सर्वमंगला आश्रम करेगा कई कार्यक्रमों का आयोजन :

कार्तिक मास मेला के पावन अवसर पर अनेक कार्यक्रम सर्वमंगला परिवार द्वारा आयोजित किये जायेंगे.स्वामी चिदात्मनजी महाराज के नेतृत्व में मेला क्षेत्र का तीन वृहत परिक्रमा के अलावा राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति दिवस,महाकवि विद्यापति स्मृति दिवस, कालिदास जयंती सहित श्रीमद भागवत कथा प्रवचन की तैयारी की जा रही है.अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम के मीडिया प्रभारी नीलमणि रंजन ने सिमरिया धाम स्थित रामघाट को ऐतिहासिक बताते हुए जिला प्रशासन से इस घाट पर बैरिकेडिंग, शौचालय,सफाई, सुरक्षा व प्रकाश की व्यवस्था की मांग करते हुए कहा कि यहां पर रोजाना हजारों श्रद्धालुओं गंगा स्नान करते हैं.इसके अलावे महत्वपूर्ण तिथियों में यहां साधु-संतों के अलावे स्थानीय दर्जनों गांवों के लोग गंगा स्नान,मुंडन संस्कार के लिए भी इसी घाट पर आते हैं.प्रथम परिक्रमा से पूर्व परिक्रमा मार्ग को दुरूस्त कराने की जिला प्रशासन से मांग की है.

सिमरियाधाम के रिवर फ्रंट पर जमा गाद व गंदगी से हो रही परेशानी :

बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी योजना के तहत जल संसाधन विभाग के द्वारा निर्माण किये गए रिवर फ्रंट (स्थाई स्नान घाट) पर गंगानदी की जलस्तर में कमी होने के साथ ही गंगातट किनारे गाद व गंदगी जमा हो जाने से श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मां गंगा सिमरिया घाट सेवा समिति सह राजकीय कल्पवास मेला समिति के महासचिव राम जी झा ने बताया कि सिमरिया धाम में राजकीय कल्पवास मेला का उद्घाटन होने में अब महज दो दिन ही शेष रह गया है. ऐसी स्थिति में हाल ही में करोड़ों की लागत से निर्माण हुई 500 मीटर लंबा स्थायी स्नान घाट व नमामि गंगे घाट पर गाद व गंदगी रहना दुर्भाग्यपूर्ण है.वहीं दूसरी ओर दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के बाद गंगातट पर कचड़ा व गंदगी का अंबार और अधिक लग जाने व पूरे गंगातट पर अतिक्रमण रहने से श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ी हुई है.

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