बेगूसराय. जांच में सीटीइटी का प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर डीपीओ स्थापना ने जहां प्राथमिक विद्यालय, मोचीटोला पबड़ा (चेरिया बरियारपुर) के नियोजित शिक्षक प्रमोद कुमार को कार्य मुक्त करने का आदेश दिया है वहीं पंचायत सचिव ने कहा कि उन्हें सीटीईटी प्रमाणपत्र के जांच से संबंधित कागजात नहीं मिले हैं. इसी कारण उन्होंने नियोजित शिक्षक को योगदान करने का पत्र दिया है.
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने योगदान कराने से मना कर दिया
शिक्षक पत्र लेकर विद्यालय पहुंचा तो प्रभारी प्रधानाध्यापक ने अधिकारियों के आदेश का हवाला देकर योगदान कराने से मना कर दिया. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने वरीय अधिकारियों से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है. दरअसल, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) राजदेव राम ने 12 नवंबर 2024 को डीपीओ स्थापना और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चेरिया बरियारपुर को एक पत्र लिखा था. पत्र में जिला विकास शाखा के प्रभारी पदाधिकारी का हवाला देते हुए बताया गया था कि पबड़ा के रहने वाले प्रभाकर कुमार ने पंचायत शिक्षक प्रमोद यादव पर फर्जी सीटीइटी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने का आरोप लगाया है. प्रभाकर कुमार ने यह भी आरोप लगाया था कि तत्कालीन डीपीओ स्थापना रविंद्र कुमार साहू ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और माेटी रकम लेकर प्रमोद यादव का बंद वेतन चालू किया था. वहीं तत्कालीन डीपीओ स्थापना रवि कुमार ने 4 फरवरी 2020 को ही फर्जी शिक्षक को हटाने के लिए पत्र निकाला था. इस पर भी चेरिया बरियारपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) ने कोई कार्रवाई नहीं की.पंचायत सचिव ने एक सप्ताह के अंदर मांगा था प्रतिवेदन
डीइओ राजदेव राम ने 12 नवंबर को ही पबड़ा के पंचायत सचिव को भी पत्र लिखा था. डीइओ ने तत्कालीन डीपीओ स्थापना रवि कुमार के पांच साल पहले लिखे पत्र का हवाला देते हुए कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. डीईओ ने कहा कि कार्रवाई की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. नियोजित शिक्षक प्रमोद यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं.जेल जाने के एक माह बाद शिक्षक हुआ निलंबित
उधर चेरियाबरियारपुर थाने में दर्ज कांड संख्या 177/24 में नियोजित शिक्षक प्रमोद यादव को 6 अक्टूबर 2024 को जेल भेजा गया. इस मामले को लेकर परिवादी लक्ष्मी कुमारी ने 8 अक्टूबर को ही पंचायत सचिव और बीइओ चेरियाबरियारपुर को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था. बीइओ ने पंचायत सचिव को कार्रवाई करने को कहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस पर डीइओ राजदेव राम ने 12 नवंबर 2024 को ही पंचायत सचिव को तीन दिन के अंदर अद्यतन कार्रवाई से अवगत कराने काे कहा. इसके बाद पंचायत सचिव ने 13 नवंबर को शिक्षक प्रमोद यादव को निलंबित किया. लक्ष्मी कुमारी ने कार्रवाई नहीं होने पर पंचायत सचिव निजी स्वार्थ की पूर्ति का आरोप लगाया था.बीइओ ने पत्र लिखकर कहा-शिक्षक से कार्य नहीं लें
14 नवंबर काे चेरियाबरियारपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय, मोचीटोल पबड़ा के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर कहा कि जांच में प्रमोद यादव का सीटीइटी प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है. बेसिक ग्रेड 1-5 में सीटीइटी पास होना अनिवार्य है. ऐसी स्थिति में तत्काल प्रभाव से प्रमोद यादव ने किसी प्रकार का शैक्षणिक कार्य नहीं लें. अगर वे कार्य में संलग्न पाए जाते हैं तो जवाबदेही आपकी होगी.जेल से रिहा होने के 2 माह बाद योगदान करने पहुंचा शिक्षक
शिक्षक प्रमोद यादव 20 नवंबर 2024 को जेल से रिहा हुआ और 26 दिसंबर को पबड़ा के पंचायत सचिव को आवेदन देते हुए विद्यालय में योगदान कराने की गुहार लगाई. इस पर पंचायत सचिव ने 10 फरवरी 2025 को विद्यालय प्रधान को आदेश दिया कि शिक्षक प्रमोद यादव का विद्यालय में योगदान लें. प्रमोद यादव 11 फरवरी को योगदान के लिए विद्यालय पहुंचा तो प्रभारी प्रधानाध्यापक शबाना परवीन ने अधिकािरयों के आदेश का हवाला देते हुए योगदान लेने से इंकार कर दिया. इस संबंध में शबाना परवीन ने चेरिया बरियारपुर के बीइओ और डीपीओ स्थापना को पत्र लिख मार्गदर्शन मांगा है.पंचायत सचिव ने शर्त के साथ योगदान पत्र दिया
पंचायत सचिव ने प्रधानाध्यापक को लिखे पत्र में कहा है कि निलंबन मुक्त करते हुए प्रमोद यादव को योगदान करने की अनुमति दी जाती है. शर्त कि भविष्य में जांच संबंधित कागजात में सीटीइटी प्रमाण पत्र गलत पाए जाने पर यथोचित कार्रवाई की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है