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बारिश से तापमान से आयी गिरावट, पर गर्मी से नहीं मिली राहत

गुरुवार की मध्यरात्रि में आंधी आने और हल्की बूंदा-बांदी होने के कारण जिले के तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की कमी तो आयी, परंतु उमस भरी गर्मी से कोई निजात नहीं मिल सकी.

बेगूसराय. गुरुवार की मध्यरात्रि में आंधी आने और हल्की बूंदा-बांदी होने के कारण जिले के तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की कमी तो आयी, परंतु उमस भरी गर्मी से कोई निजात नहीं मिल सकी. उमस भरी गर्मी ने लोगों को सड़क पर चलना मुश्किल कर दिया है. हालांकि, गर्मी से बचने के लिए लोग जिस तरह दिन भर लोग घरों में दुबके रहते थे, शुक्रवार को ऐसी स्थिति नहीं थी. तापमान में गिरावट के कारण लोग घर से दिन में निकले. लेकिन जिले भर में उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिली है. आंधी और वर्षा की स्थिति को देखकर किसान भी खुश हो गये कि मानसून बिहार में प्रवेश कर गयी और सुबह में भी बारिश होने का आस लगाये बैठे थे. परंतु मौसम एक बार फिर अपने पिछले रुतवे में ही लौट गया. वहीं बिजली की चरमराई व्यवस्था का नजारा गुरुवार की रात भी अपना कहर ढाने से बाज नहीं आया.आंधी के पूर्व मध्य रात्रि में जो बिजली काटी गयी सुबह में दी गयी.दिन से लेकर रात तक बिजली कट से लोग परेशान हैं. घंटों बिजली काट दी जाती है.बिजली की चरमराई व्यवस्था से जिले के लोग हलकान है. विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सिर्फ आचार संहिता के हटने का इंतजार कर रहें हैं.लगातार आंदोलन की चेतावनी दे रहें हैं. बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने की कोई प्रशासनिक ठोस पहल दिखायी नहीं पड़ती. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 28 डिग्री तक दर्ज की गयी.शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी व गैर सरकारी सभी विद्यालयों में आठ जून तक पढ़ाई का कार्य स्थगित कर दी गयी है.वहीं शिक्षकों को विद्यालय में पूर्व की तरह आने का निर्देश से शिक्षक हलकान हो रहें हैं.शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई नहीं होने के बावजूद गर्मी में भी शिक्षकों को आने का जो निर्देश हैं.शिक्षकों का कहना है कि जब बच्चे आयेंगे ही नहीं तो भीषण गर्मी और लू में शिक्षकों को विद्यालय पहुंचना क्या जरुरी है.शिक्षक लोगों को कहना है कि आठ जून तक विद्यालय को बंद कर देना चाहिए था.शिक्षकों का कहना है कि सुबह चार बजे उठकर, पांच किमी से चालीस किमी तक की दूरी तय करके, शिक्षक छ: बजे से पूर्व विद्यालय पहुंचते हैं.दिन के डेढ़ बजे तक विद्यालय में रहने के बाद भीषण गर्मी और लू के दौरान दो से ढ़ाई बजे तक घर लौटना पड़ता है. भीषण गर्मी में इस दिनचर्या में पीसे जाने को विवश शिक्षक शिक्षिकाओं के अंदर काफी आक्रोश है.

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