रघुनंदनपुर गांव में मनोज का शव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया
तेयाय ओपी क्षेत्र अंतर्गत रघुनंदनपुर गांव में एक युवक का शव गुरुवार को अहले सुबह गांव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
भगवानपुर.
तेयाय ओपी क्षेत्र अंतर्गत रघुनंदनपुर गांव में एक युवक का शव गुरुवार को अहले सुबह गांव आते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं शव को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. प्राप्त जानकारी के अनुसार रघुनंदनपुर वार्ड संख्या नौ निवासी होम गार्ड के जवान शिवशंकर चौधरी के इकलौते पुत्र करीब 32 वर्षीय मनोज चौधरी उड़ीसा के कटक में एसपी सिंगला कंपनी में रात्रि प्रहरी के पद पर कार्यरत था. इसी दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान ही ऊक्त कंपनी की गाड़ी ने जबरदस्त ठोकर मार दिया. जिससे मनोज की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जिसके बाद मजदूरों के द्वारा मृतक के परिजनों को सूचना दिया गया. ऊक्त सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं पूरे गांव में मातम छा गया. मृतक का शव गांव पहुंचते ही मृतक की पत्नी प्रियंका देवी व मां रंगीला देवी शव में लिपट कर दहाड़ मार कर रोते बिलखते बेसुध हो जाती थी. वहीं मृतक का पुत्र 11 वर्षीय पुत्र शिवम व नौ वर्षीय पुत्र आर्यन भी अपने पिता के शव को देखकर फफक फफक कर रो रहा था. वहीं मृतक के पिता होमगार्ड जवान शिवशंकर चौधरी भी अपने पुत्र के मौत से स्तंभ थे. मनोज के मौत के बाद दो बच्चे के सर से पिता का साया उठ गया. वहीं वृद्ध माता-पिता का सहारा छीन गया. सबसे ज्यादा विपत्ति तो मृतक की पत्नी प्रियंका के ऊपर आ गया, जिसे दो अनाथ पुत्र के साथ अपना जीवन यापन करना एक बड़ी चुनैती का सामना करना जैसे हो गया. मृतक के परिजनों के चीख व चीत्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया था. वहीं ऊक्त घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय मुखिया महंत प्रणव भारती, उप मुखिया अनिल राय सहित दर्जनों ग्रामीणों ने मृतक के घर पहुंच कर पीड़ित परिजनों को सांत्वना देते हुए ऊक्त घटना पर दुःख व्यक्त किया.शव पहुंचते ही परिजनों के क्रंदन से गमगीन हुआ पूरा इलाका : नावकोठी.
प्रखंड के हसनपुर बागर के इसफा के मृतक मजदूर मदन पासवान का बेंगलुरू से एंबुलेंस के माध्यम से गुरुवार के सुबह 9:00 बजे शव गांव पहुंचते ही देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. परिजनों के करूण क्रंदन से पूरे गांव में शोक का माहौल फैल गया.हर किसी के आंखें नम थी. पत्नी रानी देवी फफक फफक कर रो रही थी. कह रही थी कि अब मेरा और इस तीन मासूम बच्चे का कैसे गुजारा होगा. महिलाएं उसे सांत्वना दे रही थी. गौरतलब हो कि 25 वर्षीय मदन पासवान के रविवार को बेंगलुरू के ग्रामीण थाना के तुमकुर में मजदूरों के साथ हुए मारपीट के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. पिता के लाश के करीब छह वर्ष का आशीष कुमार, चार वर्षीय पीयूष कुमार एवं दो वर्षीय ऋषभ कुमार भी सदमे में था. स्थानीय ग्रामीण मो नाजिम, ललन महतो, शिवराज रजक, सियाराम महतो, अनिल महतो, संतोष महतो, रामचंद्र पासवान आदि ने बताया के मदन निहायत ही मिलनसार स्वभाव का व्यक्ति था. इस घटना से पूरे गांव के लोग मर्माहत है. लोगों ने स्थानीय बूढी गंडक में उसके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है