खोदावंदपुर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर में मंगलवार की सुबह मानवता को शर्मशार करने वाली घटना हुई. प्रसूता के नवजात का शव उसके परिजनों को सौंपने के एवज में महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने दो सौ रुपये की वसूली की. मौके का फायदा उठाकर सफाई कर्मी व ममता कार्यकर्ता ने भी 60 रुपये की वसूली की. रुपये नहीं देने पर प्रसूता के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया, इसको लेकर क्षेत्र के विभिन्न चौक-चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार मेघौल गांव निवासी आशा कार्यकर्ता वीणा देवी की सगी भांजी व नावकोठी थाना क्षेत्र के हसनपुर बागर निवासी विक्की रजक की पत्नी आभा कुमारी को उसके मायके मेघौल गांव से प्रसव के लिए परिजनों ने मंगलवार की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर में भर्ती कराया. लगभग सवा दो घंटे के बाद उसे प्रसव हुआ. नवजात शिशु मृत था.
मृत शिशु की जानकारी मिलते ही प्रसूता एवं उसके परिजन रोने लगे. और मृत नवजात की एक झलक पाना चाह रहे थे. लेकिन वहां मौजूद महिला स्वास्थ्यकर्मी नवजात के शव सौंपने के एवज में पहले पांच सौ रुपये की मांग करने लगे. गरीबी एवं रुपये पास में नहीं होने की बात पर भी स्वास्थ्य कर्मी कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए. परिजनों ने बताया कि किसी तरह जुगाड़ करके एक सौ रुपये स्वास्थ्य कर्मियों को दी. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे फेंक दी. तो मजबूरन किसी से रुपये की व्यवस्था कर प्रसूता के परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों को 200 रुपये दिये. तब जाकर उन्हें नवजात का शव कर्मियों ने सौंपा. इतना ही नहीं वहां मौजूद सफाईकर्मी व ममता कार्यकर्ता ने भी 60 -60 रुपये वसूल की. महादलित जाति के प्रसूता के साथ हुए इस दुर्व्यवहार से आम लोगों में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है.