बेगूसराय. जिले के विद्यालयों में सबमर्सिबल में व्यापक अनिमियतता को लेकर प्रभात खबर ने 31 अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद ही यह तय हो गया था कि इस योजना में गड़बड़ी करने वालों पर गाज अवश्य गिरेगी. इसी के तहत सबमर्सिबल लगने के मामले में शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है. बताते चले कि जिले में 800 से अधिक विद्यालयों में 21 करोड़ 76 लाख रुपए का बजट इन विद्यालयों में दिया गया. जिसका मुख्य उद्देश्य था कि बच्चों को स्वच्छ जल पीने को मिले. जिसमें समवेदक की लापरवाही सामने आई थी कहीं 80 फीट तो कहीं 100 फीट या अधिक तो 140 फीट ही अंदर धसाया गया था. जिसकी शिकायत विद्यालय प्रधानाध्यापक के द्वारा किया गया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने थ्री मैन कमिटी का गठन कर संबंधित प्रखंड के संबंधित संवेदकों के द्वारा किए गए कार्यों की जांच करने का आदेश दिया गया है. थ्री मैन कमेटी में संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संबंधित प्रखंड के कनीय अभियंता एवं संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक तीनों मिलकर एक प्रमाण पत्र जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा विभाग को देंगे. इसके बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेंगे. इसी के आधार पर संवेदकों का वेतन भुगतान किया जाएगा. अब सवाल उठता है कि अगर थ्री मैन कमेटी के द्वारा सही रिपोर्ट नहीं दी जाती है तो भी इसकी शिकायत संबंधित विद्यालय के शिक्षक भी इसकी सूचना दे सकते हैं. हालांकि इसकी कम ही गुंजाइश है. अगर विद्यालय प्रधान अपनी जवाब देही को तय करते हैं तो किसी के दबाव में आकर गलत रिपोर्ट नहीं देंगे. वहीं कनीय अभियंता भी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते हैं. बताते चले कि संवेदक इन दिनों कार्यालय का चक्कर लगातार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द रुपया रिलीज हो जाए लेकिन प्रभात खबर ने इस खबर को प्रमुखता के साथ उठाया था जिसका असर थ्रीमैन कमिटी गठन होना खबर की प्रमाणिकता को बताता है. थ्री मैन कमिटी के द्वारा जांच के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई है. जैसे-जैसे जांच होती जाएगी भुगतान उसी तर्ज पर किया जाएगा. अगर सबमर्सिबल गाड़ने में लापरवाही पाई गई तो संवेदक का भुगतान नहीं किया जाएगा.
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