अब हम नहीं जीना चाहते दारोगा जी, आग लगाकर इहलीला समाप्त करने वाले युवक की बात सुन पुलिस वाले भी हुए भाव विह्वल
दारोगा जी अब हम नहीं जीना चाहते मुझे छोड़ दीजिए. कुछ इसी तरह की बात जीवन और मौत से जूझ रहे एक युवक तड़पते हुए कह रहा था.
बेगूसराय.
दारोगा जी अब हम नहीं जीना चाहते मुझे छोड़ दीजिए. कुछ इसी तरह की बात जीवन और मौत से जूझ रहे एक युवक तड़पते हुए कह रहा था. फुलवड़िया थानाक्षेत्र अंतर्गत एनएच- 28 मालती के पास सोमवार की सुबह एक युवक के शरीर में आग लगाने की सूचना जब फुलबड़िया थाने की पुलिस को मिली तो थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम पहुंची तो देखकर अचंभित रह गयी. युवक आग की लपटों में घिरकर तड़प रहा था. जब पुलिस पर नजर पड़ी तो अब दुनिया में जिंदा नहीं रहने की बात बोले जा रहा था. उपस्थित पुलिसकर्मी भी युवक को देख भाव विह्वल हो उठे. तत्क्षण पुलिस की टीम उसे उठाकर बरौनी के लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती कराया. बाद में चिकित्सक ने उसे पटना रेफर कर दिया. जिां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.हाथ में बोतल लेकर पैदल ही आगे बढ़ रहा था युवक :
घटना के बाद आसपास के लोग बताते हैं कि एक युवक हाथ में एक बोतल लिए हुए पैदल ही आगे बढ़ रहा था. जब एनएच 28 स्थित जियो पंप के सामने से सड़क के किनारे उतर कर जाने लगा तो लोगों को लगा कि शायद यह युवक शौच के लिए जा रहा है. युवक के हाथ में जो बोतल था उसमें पानी नहीं वरन पेट्रोल या डीजल था. सड़क किनारे से नीचे उतरने के बाद वह पास पड़े जगंल में गया और वह इतने गुस्से में था कि अपने शरीर में आग लगा लिया. शरीर में आग की लपेटे उठने के बाद वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा. चिल्ला रहे युवक की आवाज पास एक कठरा के दुकान में बैठे लोगों को सुनाई पड़ी. जिसके बाद जब लोग चिल्लाने वाले जगह तक पहुंचे तो देखा कि एक युवक आग की लपटों से घिरा होकर जल रहा है. इसके बाद उक्त व्यक्ति ने पास के पंप कर्मचारी को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद पंप कर्मचारी इसकी सूचना फुलबड़िया थाने को दिया. सूचना मिलते ही फुलबड़िया थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर 80 से 90 प्रतिशत जल चुके युवक को उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया.युवक की मां की भी पहले हो चुकी है मौत :
स्थानीय लोगों के अनुसार मृत पूर्व में युवक की मां ने भी आग लगाकर आत्महत्या कर लिया था. उसके पिता सूरत में रहकर काम करते है. लोगों के मुताबिक युवक मूल रूप से टभका का रहने वाला था. जिसके पिता ने तेघड़ा ब्लाॅक के पास जमीन खरीदकर मकान बना लिया था और ये तेघड़ा के स्थायी निवासी थे. लेकिन युवक अपनी बहन के साथ अपने तेघड़ा वाले मकान में नहीं रहता था और दुलारपुर अपने फुआ फुफा राजपति झा के यहां रहता था. बताया जाता है कि उसकी फुआ की बहू तेघड़ा बाजार में रहती है. मेला देखने के लिए सभी लोग तेघड़ा बाजार में ही दो-तीन दिनों से रह रहे थे. कयास लगाया जा रहा है कि कुछ बात को लेकर परिवार के लिए युवक को डांट फटकार किये होंगे. शायद इसी गुस्से में आकर वह सुबह ही घर से निकल गया.युवक के घर से निकलने के बाद लोग लगातार कर रहे थे फोन :
जैसे ही लोगों को तेघड़ा से युवक के जाने की खबर मिली तो परिवार के सदस्यों के द्वारा उसके मोबाइल पर फोन लगाना शुरू कर दिया गया. बताया जाता है कि इस दौरान कई कॉल उसके मोबाइल पर आया लेकिन वह फोन रिसिव नहीं किया. इस बात की जानकारी जब घटना के बाद पुलिस उसके मोबाइल को सर्च किया तो उसमें कई कॉल आने की जानकारी मिली. इस घटना को लेकर परिवार के साथ-साथ आस-पास के लोग भी हतप्रभ हैं.शव को लेकर परिजन पैतृक घर के लिए हुए रवाना :
आग लगाकर युवक की मौत के बाद परिजन उसके शव को लेकर समस्तीपुर जिले के टभका के लिए रवना हो गये. परिजनों के अनुसार शव का दाह संस्कार वहीं किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है