15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुश्वारियों का सफर, भूखे-प्यासे लौट रहे घर

लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो मुंबई, गुजरात, दिल्ली, केरल, जयपुर सहित अन्य प्रदेशों से लोग घर आने को मजबूर हो गये.

बीहट : लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो मुंबई, गुजरात, दिल्ली, केरल, जयपुर सहित अन्य प्रदेशों से लोग घर आने को मजबूर हो गये. जिसे जो साधन मिला वे किसी तरह घर तक पहुंच गये. लेकिन पूरे देश में एक साथ 21 दिन का लॉकडाउन होने से बांकी जो जहां था वहीं फंस गया. उनके सामने भोजन की समस्या पैदा हो गयी. ऐसे में हजारों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े. कोई रेलवे लाइन पकड़ कर निकला तो कोई बच्चों को गोद में लेकर पैदल ही परिवार के साथ चल पड़ा. ऐसे लोगों को रास्ते में पुलिस ने जगह-जगह रोका जरूर, लेकिन उन्होंने जब भोजन और पैसे नहीं होने का हवाला दिया तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. अभी स्थिति यह है कि घर जाने के लिए लोग 300 से 500 किमी की दूरी पैदल तय कर रहे हैं. कहीं ट्रक या कोई अन्य साधन मिल गया तो उनकी दूरी कम हो गयी. प्राइवेट वाहन भी ऐसे लोगों को लिफ्ट नहीं दे रहे हैं.

बीहट के युवा स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने मदद को बढ़ाया हाथ सोमवार को भरी दोपहरिया में जयपुर से पैदल आ रहे नवगछिया के रमाकांत, दिलीप, भोला जैसे दर्जनों राहगीरों के लिए बीहट के युवाओं ने पीने का पानी और जलपान कराया. इसके पहले सबों को सैनेटाइज किया गया. उन्हें घर पहुंच कर सरकारी अस्पताल में हेल्थ चेकअप कराने के प्रति जागरूक भी किया गया. जयपुर से लौट रहे राजेंद्र राय और गोरखनाथ ने बताया कि रास्ते में उचक्कों ने उनसे चार हजार रुपया छीन लिया. उनके पास फुटी-कौड़ी भी नहीं है. भूख-प्यास से निढाल होकर जीरोमाइल गोलंबर के समीप बैठे देखकर इनकी युवा कार्यकर्ताओं ने इनकी मदद की. युवा समाजसेवी प्रियम ने खाना खिलाया और राह खर्च देकर इनकी मदद की.

वहीं दिल्ली की कंपनी में काम करने वाले अजय सिंह, धीरज सिंह, रंजीत सिंह, श्रीराम, सुनील, विवेक को बीहट चांदनी चौक पर भारतीय सशस्त्र पुलिस बल के जवान धीरज वत्स, मनीष वत्स, सिन्टू कुमार, पवन कुमार ने रोका और भोजन कराया. इसके बाद सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम ने इनका स्क्रीनिंग किया. सब कुछ ठीक होने पर इन्हें गंतव्य की ओर विदा कर दिया गया. युवाओं ने देर रात तक अपना अभियान जारी रखा और लोगों की मदद करते रहे. संस्कार गुरुकुल के निदेशक रामकृष्ण ने कहा कि अभी व्यवस्था को कोसने का समय नहीं है. हम इस वैश्विक विपदा में वैकल्पिक व्यवस्था बनकर आपदा के समय में थोड़ी राहत पहुंचा पाये यही हमारा संकल्प है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें