पटना. सीबीआइ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मनोज कुमार झा नाम के एक व्यक्ति को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. वह बिहार के मधुबनी का मूल निवासी है. उसने स्वयं को एनएचएआइ का चेयरमैन बताकर दो-तीन बड़े ठेकेदारों से 80 लाख रुपये से ज्यादा ठग लिये.
उसकी ठगी की शिकायत सीबीआइ से की गयी और पूरा मामला सही पाये जाने पर सीबीआइ ने उसके दिल्ली, कोलकाता, मधुबनी और बोकारो स्टील सिटी के आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की.
इस दौरान दिल्ली स्थित उसके घर से 200 सिम कार्ड के अलावा बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं. कुछ एक सिम कार्ड को छोड़कर अन्य सभी सिम एक्टीवेटेड यानी चालू स्थिति में हैं. फिलहाल इन सभी दस्तावेजों की सघन जांच चल रही है. जांच के बाद इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों का खुलासा होने की संभावना है.
जब्त किये गये इन दस्तावेजों से दूसरे कई ठगी के बड़े मामलों का खुलासा होने की भी आशंका जतायी जा रही है. सीबीआइ की टीम ने मनोज कुमार झा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर दिल्ली के कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 9 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
उससे आगे की पूछताछ में कई अहम बातों की जानकारी मिलने की संभावना जतायी जा रही है. जांच में यह बात भी सामने आयी है कि एनएचएआइ के कुछ बड़े अधिकारियों से भी उसकी बात होती थी. ये अधिकारी कौन हैं, इनकी पहचान की जा रही है.
प्राप्त सूचना के अनुसार, स्वयं को एनएचएआइ का चेयरमैन बताकर मनोज ने दो-तीन बड़े ठेकेदारों से कहा कि कोलकाता में रहने वाली उसकी बेटी को 80 लाख रुपये की आवश्यकता किसी आपात स्थिति में आने के कारण तुरंत पड़ गयी है. इन पैसों को तुरंत कोलकाता भेजना बेहद आवश्यक है. वहां उसका दामाद इस पैसे को प्राप्त कर लेगा.
इस आधार पर उसने ठेकेदारों से पैसे ठग लिये, फिरे उसे हवाला के नेटवर्क से कोलकाता भेज दिया, परंतु वहां उसने स्वयं जाकर पैसे रिसीव कर लिये. इस तरह से उसने ठगी की इस बड़ी घटना को अंजाम दिया है. सीबीआइ इस बात की जांच करने में जुटी है कि उसने ठगी की कितनी घटनाओं को अब तक अंजाम दिया है.
Posted by Ashish Jha